बेसिक शिक्षा के बच्चों के पोषण सुधार के लिए श्री अन्न उपभोग पर प्रशिक्षण, 50 शिक्षकों ने लिया भाग

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ठाकुर बख्श सिंह की रिपोर्ट

उन्नाव: बेसिक शिक्षा के बच्चों के पोषण स्तर को सुधारने और अभिभावकों को जागरूक करने के उद्देश्य से बीआरसी केंद्र औरास में श्री अन्न (मोटे अनाज) उपभोग पर एक विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस प्रशिक्षण में 50 शिक्षकों ने भाग लिया, जहां पोषण, आहार और स्वस्थ जीवनशैली पर विस्तृत जानकारी दी गई।

विशेषज्ञों ने दिए महत्वपूर्ण सुझाव

धौरा में तैनात वैज्ञानिक डॉ. अर्चना सिंह और राजकीय कृषि बीज भंडार औरास के प्रभारी अजय सिंह ने मोटे अनाज के सही उपयोग और इससे होने वाले लाभों पर विस्तार से जानकारी दी।

डॉ. अर्चना सिंह ने बताया कि मधुमेह, कैंसर और अपच जैसी समस्याओं के समाधान में श्री अन्न की अहम भूमिका है।

बेसिक शिक्षा अधिकारी संबोधित करते हुए

अजय सिंह ने सोयाबीन, हल्दी, सरसों का तेल, जौ और बाजरा जैसे पोषक तत्वों की सही मात्रा के उपयोग पर जोर दिया।

पेस्टीसाइड और प्रिजर्वेटिव के दुष्प्रभावों पर चर्चा करते हुए उन्होंने शुद्ध और पोषक आहार अपनाने की सलाह दी।

शिक्षकों की जिज्ञासाओं का समाधान

प्रशिक्षण सत्र के दौरान शिक्षकों ने मोटे अनाज से जुड़े कई सवाल पूछे।

डॉ. प्रदीप वर्मा ने छोटे बच्चों के आहार, घरों में उपयोग हो रहे तेल, बाजार में उपलब्ध खाद्य उत्पादों और सोया बड़ी के प्रभाव को लेकर सवाल किए, जिनका विशेषज्ञों ने विस्तार से उत्तर दिया।

शिक्षकों को मोटे अनाज के बीज निशुल्क उपलब्ध कराए जाने की जानकारी भी दी गई।

श्री अन्न के सही उपयोग पर जोर

बीईओ औरास संजय शुक्ल ने श्री अन्न के पारंपरिक उपयोग पर चर्चा करते हुए बताया कि यह पहले मुख्य भोजन का हिस्सा था और अब इसे फिर से प्राथमिकता दी जा रही है।

उपस्थित प्रशिक्षणार्थी

इसके साथ ही सोमदेव महाविद्यालय में 67 शिक्षकों के समेकित प्रशिक्षण के बारे में जानकारी दी गई, जिससे बुनियादी ढांचे को मजबूत करने में मदद मिलेगी।

प्रशिक्षण में ये शिक्षक रहे उपस्थित

प्रशिक्षण कार्यक्रम में उच्च प्राथमिक विद्यालय रामपुर गढ़ौवा के शिक्षक डॉ. प्रदीप कुमार वर्मा, बड़ादेव के गंगारतन, संतोष, आलोक बाजपेई, आशीष, श्यामलाल, प्रभाकर, अभिषेक दीक्षित, रवींद्र, संदीप, मो. हाशिम, अनिल, अवधेश, अंकित, सर्वेश, सूफियान, मो. नसीम, परवेज अख्तर सहित अन्य शिक्षक मौजूद रहे।

यह प्रशिक्षण कार्यक्रम शिक्षकों के माध्यम से बच्चों और अभिभावकों को पोषण के प्रति जागरूक करने में सहायक साबित होगा। मोटे अनाज के सही उपयोग से बच्चों की सेहत में सुधार आएगा और स्वस्थ भविष्य की नींव मजबूत होगी।

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Author: samachardarpan24

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