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लखनऊ

अफसरों को प्यार के जाल में फंसाकर ठगी करने वाले वकील गैंग का भंडाफोड़

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ठाकुर बख्श सिंह की रिपोर्ट

लखनऊ। राजधानी लखनऊ में बड़े अधिकारियों को प्रेमजाल में फंसाकर उनसे मोटी रकम ऐंठने वाले वकील गैंग का खुलासा हुआ है। इस ठगी में एक महिला अधिवक्ता की मुख्य भूमिका सामने आई है, जिसके खिलाफ गोमतीनगर थाने में गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। यह पूरा मामला बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश के विपुल खंड स्थित कैंप कार्यालय में एक सुनवाई के दौरान उजागर हुआ। बताया जा रहा है कि आरोपी महिला वकील शालिनी शर्मा अपने अन्य वकील साथियों के साथ मिलकर इस गैंग को संचालित कर रही थी।

गैंग के खुलासे के बाद महिला वकील का रजिस्ट्रेशन रद्द, लगा 50 हजार का जुर्माना

अधिकारियों को प्रेम के झांसे में फंसाकर लाखों रुपये ठगने की इस साजिश का पर्दाफाश होने के बाद लखनऊ पुलिस ने आरोपी वकील शालिनी शर्मा के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की। एक तरफ जहां पुलिस ने शालिनी के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया, वहीं दूसरी ओर बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश ने उसकी वकालत का रजिस्ट्रेशन रद्द कर 50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया।

सूत्रों के मुताबिक, शालिनी शर्मा पर वाराणसी और लखनऊ में भी ठगी और फर्जीवाड़े के मुकदमे दर्ज हैं। अब पुलिस की अलग-अलग टीमें उसकी गिरफ्तारी के लिए प्रयास कर रही हैं।

वाराणसी के अधिकारी की सुनवाई में हुआ मामले का खुलासा

इस पूरे प्रकरण का खुलासा वाराणसी के एक अधिकारी दीपक कुमार की शिकायत के बाद हुआ। दीपक कुमार, जो कि वाराणसी में एपीओ (अपर लोक अभियोजक) के पद पर कार्यरत हैं, लखनऊ के आशियाना इलाके में रहते हैं।

आरोपी वकील शालिनी शर्मा ने दीपक कुमार को भी अपने प्रेमजाल में फंसाकर ठगी करने की साजिश रची थी। उसने फर्जी मैरिज सर्टिफिकेट का सहारा लेकर दीपक के खिलाफ झूठी शिकायत दर्ज कराई थी। बार काउंसिल ने दीपक कुमार को नोटिस भेजकर उन्हें सुनवाई के लिए बुलाया था। जब दीपक 20 दिसंबर 2024 को इस मामले में बार काउंसिल के कैंप कार्यालय पहुंचे, तो उन्होंने खुलासा किया कि शालिनी ने सहारनपुर में उनकी शादी दर्ज होने का फर्जी दावा किया था।

दीपक कुमार ने जांच में बताया कि उनके नाम से 2 जनवरी 2001 को सहारनपुर के मैरिज रजिस्ट्रार कार्यालय में शादी दर्ज होने की बात कही गई थी। लेकिन जब उन्होंने इस दावे की पड़ताल की, तो पाया कि ऐसा कोई रजिस्ट्रेशन हुआ ही नहीं था। शालिनी ने महज पैसे ऐंठने के मकसद से यह फर्जीवाड़ा किया था। जब इस मामले की जांच शुरू हुई, तो पता चला कि शालिनी शर्मा इस तरह के कई मामलों में संलिप्त है और अधिकारियों को फंसाकर उनसे पैसे वसूलने का काम करती रही है।

महिला वकील के सीनियर की मुख्य भूमिका, गैंग का सरगना निकला हाईकोर्ट का वकील

इस मामले में यह भी खुलासा हुआ है कि शालिनी शर्मा अकेले इस ठगी को अंजाम नहीं दे रही थी, बल्कि उसे एक बड़े गिरोह का समर्थन प्राप्त था। इस गैंग का सरगना हाईकोर्ट का वरिष्ठ वकील अशोक कुमार पांडेय बताया जा रहा है, जो शालिनी शर्मा का सीनियर भी है।

शालिनी, अशोक पांडेय की मदद से अधिकारियों को झूठे मुकदमों में फंसाने का खेल खेलती थी। अगर कोई अधिकारी उसकी मांगों को पूरा करने से इंकार करता था, तो वह उस पर रेप का झूठा आरोप लगाने की धमकी देती थी। यही नहीं, इस ठगी के खेल में सहारनपुर के एक अन्य व्यक्ति की भी संलिप्तता पाई गई, जो फर्जी मेडिकल रिपोर्ट तैयार करने में मदद करता था।

पुलिस जुटी गिरफ्तारी में, हो सकते हैं और बड़े खुलासे

इस हाई-प्रोफाइल ठगी कांड के खुलासे के बाद पुलिस पूरी तरह से सक्रिय हो गई है। वाराणसी और लखनऊ में दर्ज मामलों को देखते हुए पुलिस टीमें अलग-अलग इलाकों में आरोपी महिला वकील और उसके साथियों की तलाश कर रही हैं।

ऐसा माना जा रहा है कि इस गिरोह से जुड़े और भी कई नाम सामने आ सकते हैं। पुलिस को उम्मीद है कि शालिनी शर्मा और उसके सहयोगियों की गिरफ्तारी के बाद ठगी के इस नेटवर्क का पूरा सच सामने आएगा।

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samachardarpan24
Author: samachardarpan24

जिद है दुनिया जीतने की

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