Explore

Search
Close this search box.

Search

29 March 2025 7:26 pm

आस्था और धार्मिक परंपराओं पर विवाद : वाराणसी में सनातन रक्षक दल ने मंदिरों से साईं बाबा की मूर्तियां क्यों हटाईं? 

98 पाठकों ने अब तक पढा

कमलेश कुमार चौधरी की रिपोर्ट

वाराणसी में हाल ही में “सनातन रक्षक दल” नामक संगठन ने एक अभियान के तहत कई मंदिरों से साईं बाबा की मूर्तियों को हटाया है। इस घटना ने पूरे शहर में धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टिकोण से हलचल पैदा कर दी है। 

साईं बाबा की मूर्तियों को हटाने के पीछे इस समूह का तर्क यह है कि साईं बाबा की पूजा शास्त्रों के अनुसार वर्जित है, और उनके मुताबिक, केवल भगवान शिव की पूजा ही काशी (वाराणसी) में होनी चाहिए।

बड़ा गणेश मंदिर और अन्नपूर्णा मंदिर सहित लगभग 10 मंदिरों से साईं बाबा की मूर्तियां हटाई गईं। इन मंदिरों के पुजारियों का कहना है कि साईं बाबा की पूजा शास्त्रों में वर्णित नहीं है और इसीलिए उनके मंदिरों से मूर्तियां हटाई गईं।

हालांकि, इस घटना ने साईं बाबा के भक्तों को गहरा आघात पहुंचाया है। उनके अनुसार, साईं बाबा की शिक्षाएं प्रेम, क्षमा और दान पर आधारित हैं, और वे धार्मिक सीमाओं से परे थे। साईं बाबा के भक्तों का मानना है कि सभी भगवान एक हैं और किसी को भी किसी रूप में भगवान की पूजा करने का अधिकार है।

साईं बाबा को एक महान संत के रूप में पूजा जाता है, और उनके भक्तों की यह मान्यता है कि वे सभी धर्मों को अपनाते थे। उनकी शिक्षाएं इस बात पर आधारित थीं कि प्रेम सबसे बड़ा धर्म है, और उन्होंने जीवनभर इसी संदेश का प्रचार किया।

इस घटना ने समाज में आस्था और धार्मिक विविधता के मुद्दों पर बहस छेड़ दी है, और आगे चलकर इस पर और चर्चा हो सकती है कि धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान के साथ किस प्रकार का व्यवहार किया जाना चाहिए।

samachar
Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."