कमलेश कुमार चौधरी की रिपोर्ट
हाथरस, उत्तर प्रदेश में एक प्राइवेट स्कूल भगवान भरोसे चल रहा है, जहां बुनियादी सुविधाओं की कमी ने शिक्षा की गुणवत्ता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। यह स्कूल जाटव बगीची, नवीपुर मोहल्ला में स्थित है, और इसकी कक्षाएं कभी बगीचे में तो कभी एक तिरपाल के नीचे लगाई जाती हैं। इस स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को कभी धर्मशालाओं में बैठाया जाता है, तो कभी खुले आसमान के नीचे तिरपाल के सहारे पढ़ाया जाता है। ऐसे माहौल में बच्चों का भविष्य खतरे में है, जबकि स्कूल प्रशासन अभिभावकों से भारी भरकम फीस वसूल रहा है।
स्कूल की मनमानी यहीं खत्म नहीं होती। आरोप है कि यहां पढ़ाने वाले शिक्षक प्रशिक्षित नहीं हैं, और स्कूल का प्रबंधन भी मनमानी तरीके से चलाया जा रहा है। सबसे हैरान करने वाला मामला तब सामने आया जब एक चौथी कक्षा के छात्र को फाइनल परीक्षा देने के बाद दूसरी कक्षा पास करने का रिजल्ट दे दिया गया। जब छात्र के पिता ने इस अनियमितता की शिकायत स्कूल प्रिंसिपल से की, तो उन्होंने दोबारा बच्चे को दूसरी कक्षा में पढ़ाने की बात कही। इससे बच्चे का समय बर्बाद होने का खतरा बढ़ गया, जिसके चलते छात्र के पिता ने बेसिक शिक्षा अधिकारी से भी शिकायत की।
शिकायत के बावजूद, स्कूल प्रशासन के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसके उलट, शिकायतकर्ता को समझौता करने की सलाह दी गई। अब कई अन्य छात्रों के अभिभावकों में भी स्कूल के प्रति आक्रोश है। इस मामले की गंभीरता को देखते हुए एक प्रताड़ित अभिभावक ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर प्राइवेट स्कूल में हो रही इन अनियमितताओं और मनमानी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
इस पूरे मामले ने शहर में शिक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं, जहां बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है और प्रशासन मौन है।
Author: samachar
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