चुन्नीलाल प्रधान की रिपोर्ट
लखनऊ के डालीगंज में एक दर्दनाक घटना सामने आई है, जहां एक सिरफिरे पति ने घरेलू विवाद के चलते अपनी पत्नी पर जानलेवा हमला कर दिया। महज 11 सेकंड में 19 वार कर उसने महिला को गंभीर रूप से घायल कर दिया।
पूरी वारदात सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई, जिससे पुलिस ने हमलावर की पहचान की। मौके पर मौजूद एक बहादुर युवक की हिम्मत के कारण महिला की जान बच सकी। घटना के बाद से फरार चल रहे आरोपी को बुधवार सुबह हसनगंज पुलिस ने कैसरबाग बस अड्डे से गिरफ्तार कर लिया।
हमले की पूरी घटना सीसीटीवी में कैद
डालीगंज के बरौलिया निवासी सुमन निषाद रविवार सुबह लंबेश्वर पार्क के पास पनीर खरीदने गई थी। तभी उसका पति बृजमोहन निषाद उर्फ दुर्बुल हत्या की नीयत से हाथ में कैंची लेकर उसका पीछा कर रहा था। सीसीटीवी फुटेज में दिख रहा है कि बृजमोहन ने सुमन को पीछे से पकड़ लिया और सबसे पहले उसकी गर्दन पर वार किया। इसके बाद उसने ताबड़तोड़ 19 बार सीने, गर्दन और हाथ पर हमले किए।
खुद को बचाने के प्रयास में सुमन जमीन पर गिर गई, लेकिन इसके बावजूद आरोपी बेरहमी से वार करता रहा। यह पूरी घटना आसपास के दुकानदारों और राहगीरों ने देखी, लेकिन कोई उसे बचाने आगे नहीं आया।
बहादुर युवक की दखल से बची महिला की जान
हमले के वक्त घटनास्थल पर तीन लोग मौजूद थे। फुटेज में दिख रहा है कि पहले एक व्यक्ति महिला को बचाने आगे बढ़ा, लेकिन जब बृजमोहन ने कैंची से हमला करने की कोशिश की, तो वह डरकर पीछे हट गया। तभी एक दूसरा युवक हिम्मत दिखाते हुए आरोपी से भिड़ गया। उसकी इस बहादुरी को देखकर बृजमोहन वहां से भागने पर मजबूर हो गया।
इस घटना के बाद सुमन को तुरंत अस्पताल पहुंचाया गया, जहां डॉक्टरों ने बताया कि उसके शरीर पर गहरे घाव हैं, लेकिन समय पर इलाज मिलने से उसकी जान बच गई।
पुलिस ने आरोपी को किया गिरफ्तार
घटना के बाद से बृजमोहन फरार था, लेकिन पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए बुधवार सुबह उसे कैसरबाग बस अड्डे से गिरफ्तार कर लिया। हसनगंज थाने के इंस्पेक्टर बृजेश सिंह ने बताया कि सुमन के बेटे राहुल निषाद की तहरीर पर आरोपी के खिलाफ हत्या के प्रयास का मामला दर्ज किया गया है।
गवाही देने से डर रहे लोग
घटना के बाद से इलाके में दहशत है। जिस सब्जी विक्रेता की दुकान के सामने यह वारदात हुई, उसने डर के कारण अपनी दुकान बंद कर दी। वह युवक, जिसने सुमन की जान बचाई थी, भी गवाही देने को तैयार नहीं है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि वे पुलिस कार्रवाई से संतुष्ट हैं, लेकिन आरोपी से बदले की आशंका के चलते कोई भी खुलकर बोलने को तैयार नहीं।
महिलाओं की सुरक्षा पर सवाल
इस घटना ने एक बार फिर महिलाओं की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं। घरेलू हिंसा और बढ़ते अपराधों को रोकने के लिए कड़े कानूनों के साथ-साथ समाज में जागरूकता और साहस की जरूरत है। अगर घटनास्थल पर मौजूद लोग तुरंत हस्तक्षेप करते, तो शायद सुमन इतनी गंभीर रूप से घायल नहीं होती।