चुन्नीलाल प्रधान और अंजनी कुमार त्रिपाठी की रिपोर्ट
प्रयागराज महाकुंभ में बीती रात भयावह भगदड़ मच गई, जिसमें 90 श्रद्धालु हताहत हुए, जिनमें से 30 लोगों की मौत हो गई और 60 लोग घायल हो गए। हादसे के बाद मेला प्रशासन और पुलिस विभाग की ओर से संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस कर घटना की जानकारी दी गई।
कैसे हुआ हादसा?
डीआईजी कुंभ वैभव कृष्ण और मेला अधिकारी विजय किरण आनंद ने बताया कि मौनी अमावस्या के अवसर पर संगम तट पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी थी। इसी दौरान, अत्यधिक दबाव के चलते बैरिकेड्स टूट गए। बैरिकेड्स टूटते ही श्रद्धालुओं में अफरा-तफरी मच गई, जिससे लोग एक-दूसरे के ऊपर गिरने लगे और कई लोग भीड़ में कुचल गए।
30 की मौत, 60 घायल
इस दर्दनाक हादसे में 30 लोगों की जान चली गई, जिनमें से 25 की पहचान हो चुकी है, जबकि 5 अन्य मृतकों की पहचान की जा रही है। मेला प्रशासन ने मृतकों की पहचान के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किया है।
घायलों की बात करें तो 60 श्रद्धालु घायल हुए हैं, जिन्हें प्रयागराज के विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। इनमें से 36 श्रद्धालुओं का इलाज जारी है, जबकि 24 श्रद्धालुओं को प्राथमिक उपचार के बाद उनके परिजन घर ले गए हैं।
मरने वालों में विभिन्न राज्यों के श्रद्धालु शामिल
डीआईजी कुंभ ने बताया कि मृतकों में 4 श्रद्धालु कर्नाटक, 1 गुजरात और 1 असम से हैं, जबकि अन्य उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों से आए थे।
600 लोगों के घायल होने की खबर!
प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रशासन ने हादसे में 600 लोगों के घायल होने की भी आशंका जताई है। हालांकि, अभी तक घायलों की कोई आधिकारिक सूची जारी नहीं की गई है।
क्या था हादसे का कारण?
डीआईजी कुंभ वैभव कृष्ण ने कहा कि हादसे के पीछे तीन प्रमुख कारण सामने आए हैं:
1. अत्यधिक भीड़: मौनी अमावस्या के मौके पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी, जिससे मेला परिसर में दबाव बढ़ गया।
2. बैरिकेड्स का टूटना: अचानक बढ़ती भीड़ के कारण सुरक्षा के लिए लगाए गए बैरिकेड्स गिर गए, जिससे भगदड़ मच गई।
3. सोते हुए श्रद्धालु कुचले गए: भगदड़ के दौरान कुछ श्रद्धालु रास्ते में सो रहे थे, जिन्हें भीड़ ने कुचल दिया।
प्रशासन ने जारी किया हेल्पलाइन नंबर
मेला प्रशासन ने मृतकों और घायलों की पहचान और सहायता के लिए हेल्पलाइन नंबर 1920 जारी किया है। इससे पीड़ितों के परिजन अपने परिजनों की स्थिति की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
स्थिति अब नियंत्रण में
डीआईजी कुंभ ने कहा कि फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है और सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत किया जा रहा है। प्रशासन ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और सुरक्षित स्थानों पर रहकर स्नान करें।
वीआईपी प्रोटोकॉल नहीं था
डीआईजी ने स्पष्ट किया कि घटना के समय कोई वीआईपी प्रोटोकॉल लागू नहीं था। हादसे के पीछे किसी वीआईपी मूवमेंट को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता।
अगले कदम
प्रशासन अब घटना के सीसीटीवी फुटेज की जांच कर रहा है।
घायलों को सर्वोत्तम इलाज देने के लिए अस्पतालों को निर्देश दिए गए हैं।
आगे ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती की जा रही है।
प्रयागराज महाकुंभ में हुई इस दर्दनाक दुर्घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। प्रशासन पर भीड़ नियंत्रण में नाकामी के आरोप लग रहे हैं। अब देखना होगा कि आगे इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए क्या ठोस कदम उठाए जाते हैं।