अंजनी कुमार त्रिपाठी की रिपोर्ट
महाकुंभ में मची भगदड़ के कारण 20 से अधिक श्रद्धालुओं की दर्दनाक मौत हो गई, जबकि कई दर्जन लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। इस हृदयविदारक घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। हादसे के बाद मुख्यमंत्री से लेकर प्रधानमंत्री तक सभी नेताओं ने शोक व्यक्त किया और पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना जताई।
हालांकि, इस घटना के बाद कुंभ नगरी के एसएसपी राजेश द्विवेदी के बयान ने नया विवाद खड़ा कर दिया है। उन्होंने इस दुर्घटना को भगदड़ मानने से ही इनकार कर दिया। एक प्रमुख समाचार एजेंसी से बातचीत में एसएसपी ने कहा कि “यह भगदड़ नहीं थी, बल्कि भीड़ अधिक होने के कारण कुछ लोग घायल हो गए थे।”
एसएसपी के बयान पर मचा हंगामा
एसएसपी राजेश द्विवेदी के इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर जबरदस्त प्रतिक्रिया देखने को मिली। लोग उनके इस बयान पर नाराजगी जताते हुए उन्हें ट्रोल करने लगे। कई लोगों ने इसे प्रशासन की लापरवाही करार दिया और अधिकारियों पर अव्यवस्था का आरोप लगाया।
दरअसल, बुधवार सुबह न्यूज एजेंसी एएनआई ने जब एसएसपी से भगदड़ पर सवाल पूछा, तो उन्होंने जवाब में कहा कि “यहां किसी भी तरह की भगदड़ नहीं मची थी। बस भीड़ अधिक हो गई थी, जिसकी वजह से कुछ श्रद्धालु घायल हो गए।” इसके अलावा, उन्होंने लोगों से अपील की कि वे किसी भी तरह की अफवाहों पर ध्यान न दें और केवल उन्हीं घाटों पर स्नान करें जो खुले हुए हैं।
कौन हैं एसएसपी राजेश द्विवेदी?
एसएसपी राजेश द्विवेदी मूल रूप से उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले के रहने वाले हैं। उन्होंने ग्रेजुएशन के बाद एमबीए की पढ़ाई की। इसके बाद उन्होंने यूपी पीसीएस परीक्षा दी और 1997 में यूपी पीपीएस (प्रांतीय पुलिस सेवा) के लिए चयनित हुए। करीब 16 वर्षों तक सेवा देने के बाद, साल 2013 में वे आईपीएस कैडर में प्रोमोट होकर एसपी बनाए गए।
30 मई 1969 को जन्मे राजेश द्विवेदी ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से पूरी की। इसके बाद, करीब 15 वर्षों तक उन्होंने प्रयागराज में रहकर अपनी पढ़ाई और करियर की दिशा तय की।
पुलिस सेवा में अनुभव
नौकरी के दौरान उन्होंने यूपी एटीएस (एंटी टेररिस्ट स्क्वॉड) और यूपी एसटीएफ (स्पेशल टास्क फोर्स) में सेवाएं दीं। इसके अलावा, उन्होंने कई जिलों में डीएसपी, एडिशनल एसपी और जिला पुलिस प्रमुख के रूप में कार्य किया।
महाकुंभ में एसएसपी बनने से पहले, वे हरदोई जिले के एसपी थे। इसके अलावा, रामपुर जिले में एसपी के रूप में भी कार्य कर चुके हैं।
भगदड़ के लिए प्रशासन जिम्मेदार?
महाकुंभ जैसे बड़े धार्मिक आयोजन में प्रशासन की ओर से सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए जाते हैं। लेकिन इस हादसे के बाद कई लोगों का मानना है कि प्रशासन की लापरवाही के कारण ही यह दुर्घटना हुई।
हालांकि, एसएसपी के बयान के बाद यह मामला और भी तूल पकड़ चुका है। अब देखना होगा कि प्रशासन इस घटना से जुड़े सवालों का क्या जवाब देता है और पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए क्या कदम उठाए जाते हैं।