वल्लभ लखेश्री की रिपोर्ट
फलोदी, रक्तदान को सर्वोत्तम दान माना जाता है, क्योंकि यह न सिर्फ किसी जरूरतमंद की जान बचाता है, बल्कि रक्तदाता के शरीर में नई ऊर्जा और ताजगी भी भरता है। इसी उद्देश्य को सार्थक करने के लिए 28 जनवरी 2025 को राजस्थान हॉस्पिटल, फलोदी में ‘मिलत रिलीफ सोसायटी’ और ‘मुस्लिम रिलीफ सोसायटी’ के संयुक्त तत्वावधान में एक भव्य रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया। इस शिविर की सफलता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि 1304 यूनिट रक्त संग्रहित करने के बावजूद भी रक्तदाताओं की कतारें समाप्त नहीं हो रही थीं।
जाति-धर्म से ऊपर इंसानियत का संदेश
इस शिविर में भाग लेने वाले रक्तदाताओं ने यह सिद्ध कर दिया कि रक्त की कोई जाति या मजहब नहीं होता, बल्कि इसका एकमात्र उद्देश्य जरूरतमंदों का जीवन बचाना होता है। क्षेत्र के गणमान्य नागरिकों की उपस्थिति में यह रक्तदान महोत्सव और भी प्रेरणादायक बन गया।
रक्तदान में उत्साह और जुनून की नई मिसाल
इस ऐतिहासिक रक्तदान शिविर में 150 से अधिक कार्यकर्ताओं और मुस्तैद चिकित्सा टीमों ने बेहतरीन समन्वय से काम किया। पूरी व्यवस्था इतनी सुचारु थी कि रक्तदान करने आए हर व्यक्ति को उचित मार्गदर्शन और सहायता मिली। रक्तदाताओं का उत्साह देखते ही बनता था—हर किसी के मन में जरूरतमंदों की मदद का भाव था।
गांव-गांव से उमड़ा रक्तदान का सैलाब
शहर के साथ-साथ आसपास के दर्जनों गांवों से भी बड़ी संख्या में लोग इस रक्तदान महाकुंभ का हिस्सा बनने के लिए पहुंचे। शिविर के आयोजन को सफल बनाने के लिए हर व्यक्ति ने अपनी सामर्थ्य के अनुसार योगदान दिया। पूरे आयोजन को एक उत्सव का रूप दे दिया गया, जिसमें रक्तदाताओं और सहयोगियों की अद्भुत एकता देखने को मिली।
उत्कृष्ट व्यवस्थाएं और सराहनीय पहल
शिविर में चाय, अल्पाहार और जूस की उत्तम व्यवस्था की गई थी, जिससे रक्तदाताओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो। रिलीफ सोसायटी द्वारा रक्तदाताओं को प्रशंसा पत्र देकर सम्मानित किया गया, जिससे उनका हौसला और बढ़ा। इसके अतिरिक्त, संस्था ने भविष्य में एक एंबुलेंस की व्यवस्था करने की घोषणा भी की, जो स्वास्थ्य सेवाओं के लिए एक महत्वपूर्ण कदम होगा।
रक्तदान का नया इतिहास रचने वाले वीरों को सलाम
फलोदी में आयोजित यह रक्तदान शिविर अब तक के सभी आयोजनों से अलग और विशेष बन गया। रक्तदाताओं के जुनून और त्याग ने सभी पुराने रिकॉर्ड तोड़ दिए। इस शिविर ने यह संदेश दिया कि इंसानियत सबसे बड़ा धर्म है और दूसरों की मदद से बड़ा कोई पुण्य नहीं। यह आयोजन न केवल रक्तदान की महत्ता को दर्शाता है बल्कि समाज में जागरूकता और एकता की भावना को भी प्रबल करता है।
“रक्तदान है सबसे ऊंचा, इसके जैसा दान न दूजा।”