ब्रजकिशोर सिंह की रिपोर्ट
आगरा में एक ऐसा विचित्र मामला सामने आया, जिसमें सरसों के तेल को लेकर पति-पत्नी के रिश्तों में दरार आ गई। मामूली विवाद ने इतना तूल पकड़ा कि नौबत तलाक तक पहुंच गई। मामला पुलिस तक पहुंचा, जिसने इसे परिवार परामर्श केंद्र को सौंप दिया। काउंसलिंग के बाद आखिरकार दोनों के बीच समझौता करा दिया गया।
शादी के बाद सब कुछ था सामान्य
यह मामला आगरा के एक दंपत्ति का है, जिनकी शादी साल 2020 में धूमधाम से हुई थी। शुरुआती दिनों में सब कुछ सामान्य और सुखद था। लेकिन बीते साल 2024 में कुछ ऐसा हुआ जिसने उनके रिश्ते को हिला कर रख दिया।
पत्नी ने शिकायत में बताया कि वह पति से खर्चे के लिए पैसे मांगती थी, लेकिन पति अक्सर बहाने बनाकर टाल देता था। घर के खर्चों और अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए उसे मायके से मदद लेनी पड़ती थी।
सरसों के तेल बना विवाद का कारण
पत्नी ने घर में रखा सरसों का तेल मायके ले जाकर बेच दिया ताकि वह अपने खर्च पूरे कर सके। जब पति को इस बात की भनक लगी, तो उसने इस पर आपत्ति जताई। पति का कहना था कि वह गांव का रहने वाला है और उनके खेतों में सरसों की पैदावार होती है। वह घर के लिए पर्याप्त तेल लाता है, लेकिन पत्नी उसे मायके ले जाकर बेच देती है।
वहीं, पत्नी ने अपनी सफाई में कहा कि वह सिर्फ एक बार 2 लीटर तेल मायके लेकर गई थी और उसे बेचा ताकि जरूरतों को पूरा कर सके। उसने आरोप लगाया कि पति खर्चे के लिए पैसे नहीं देता, जिसकी वजह से उसे ऐसा करना पड़ा।
झगड़े ने लिया बड़ा रूप
इस विवाद ने इतना बड़ा रूप ले लिया कि दोनों के बीच झगड़े बढ़ने लगे। आखिरकार, पत्नी ने नाराज होकर मायके का रुख कर लिया और दो महीने से वहीं रह रही थी। मायके में रहते हुए उसने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।
काउंसलिंग के बाद हुआ समझौता
यह मामला पुलिस द्वारा परिवार परामर्श केंद्र को सौंपा गया, जहां दोनों की काउंसलिंग की गई। परामर्श केंद्र के काउंसलर डॉ. सतीश खिरवार ने बताया कि यह एक असामान्य मामला था। काउंसलिंग के दौरान पत्नी ने अपनी परेशानियों को रखा, जबकि पति ने अपनी बातों को स्पष्ट किया।
काउंसलर ने बताया कि पति-पत्नी के बीच संवाद की कमी थी, जिससे विवाद ने जन्म लिया। दोनों को समझाया गया और अंततः उनके बीच समझौता हो गया।
इस घटना ने यह साबित कर दिया कि रिश्तों में संवाद और समझदारी की कमी छोटे-से विवाद को भी बड़ा बना सकती है। काउंसलिंग की मदद से यह मामला सुलझ गया, लेकिन यह एक सीख है कि जीवनसाथी को एक-दूसरे की जरूरतों और भावनाओं को समझने की कोशिश करनी चाहिए।