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November 23, 2024 5:39 pm

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कांग्रेस बनाम भाजपा : दो युग, दो दृष्टिकोण और भारत का विकास

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मोहन द्विवेदी की रिपोर्ट

भारत के राजनीतिक परिदृश्य में, स्वतंत्रता के बाद से ही दो प्रमुख राष्ट्रीय दल कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) देश की राजनीति को प्रभावित करते रहे हैं। कांग्रेस पार्टी ने लंबे समय तक देश पर शासन किया, जबकि भाजपा ने पिछले कुछ दशकों में तेजी से अपने प्रभाव को बढ़ाया है। यह अध्ययन कांग्रेस और भाजपा के शासनकाल के बीच एक तुलनात्मक विश्लेषण प्रस्तुत करता है, जिसमें विकास, आर्थिक सुधार, सामाजिक कल्याण, और राष्ट्रीय सुरक्षा जैसे महत्वपूर्ण पहलुओं पर ध्यान केंद्रित किया गया है।

आर्थिक विकास और सुधार ; कांग्रेस का शासनकाल (1947-2014)

लाइसेंस राज और समाजवाद – 1950 और 1960 के दशक में, कांग्रेस सरकार ने समाजवादी नीतियों को अपनाया। इसमें उद्योगों का राष्ट्रीयकरण, लाइसेंस राज और नियंत्रित अर्थव्यवस्था शामिल थी। इसने शुरुआती औद्योगिक विकास में मदद की, लेकिन 1970 के दशक में आर्थिक विकास धीमा हो गया, और बेरोजगारी व मुद्रास्फीति बढ़ने लगी।

1991 के आर्थिक सुधार – 1991 में, प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव और वित्त मंत्री मनमोहन सिंह की अगुवाई में कांग्रेस ने उदारीकरण, निजीकरण और वैश्वीकरण की नीति शुरू की। इससे देश में विदेशी निवेश में बढ़ोतरी हुई, अर्थव्यवस्था में तेज़ी आई, और भारत वैश्विक आर्थिक मंच पर उभरने लगा।

भाजपा का शासनकाल (2014-वर्तमान)

मेक इन इंडिया और स्टार्टअप इंडिया – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में, भाजपा सरकार ने ‘मेक इन इंडिया’, ‘स्टार्टअप इंडिया’, और ‘आत्मनिर्भर भारत’ जैसे अभियानों की शुरुआत की। इन पहलों का उद्देश्य विनिर्माण क्षेत्र को बढ़ावा देना, नवाचार को प्रोत्साहित करना, और भारतीय उद्योगों को वैश्विक प्रतिस्पर्धा में सक्षम बनाना है।

GST और नोटबंदी – भाजपा सरकार ने वस्तु एवं सेवा कर (GST) को लागू किया, जिससे टैक्स प्रणाली में एकरूपता आई। इसके अलावा, 2016 में नोटबंदी लागू की गई, जिसका उद्देश्य काले धन पर अंकुश लगाना, डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा देना, और कैशलेस अर्थव्यवस्था की दिशा में कदम बढ़ाना था।

आर्थिक विकास दर – भाजपा शासन के दौरान, भारत ने 2014-2019 के बीच 7% से अधिक की औसत विकास दर दर्ज की। हालांकि, 2020 में COVID-19 महामारी के दौरान विकास दर में गिरावट आई, लेकिन सरकार ने विभिन्न प्रोत्साहन पैकेज और सुधारों के माध्यम से अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने का प्रयास किया।

बुनियादी ढांचा और विकास परियोजनाएं ; कांग्रेस का शासनकाल

हरित क्रांति और श्वेत क्रांति – 1960 और 1970 के दशक में हरित क्रांति की शुरुआत हुई, जिससे भारत खाद्यान्न उत्पादन में आत्मनिर्भर बना। इसके साथ ही, श्वेत क्रांति ने दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा दिया।

बुनियादी ढांचे का विकास – कांग्रेस शासन के दौरान पंचवर्षीय योजनाओं के माध्यम से सड़कों, पुलों, बिजली और सिंचाई परियोजनाओं पर ध्यान दिया गया। हालांकि, शहरीकरण और आधुनिक बुनियादी ढांचे के निर्माण में अपेक्षित तेजी नहीं आ पाई।

भाजपा का शासनकाल

स्मार्ट सिटी मिशन और अमृत योजना – भाजपा सरकार ने स्मार्ट सिटी मिशन की शुरुआत की, जिसमें 100 शहरों को आधुनिक सुविधाओं से लैस करना और शहरी बुनियादी ढांचे को सुदृढ़ करना शामिल है। इसके अलावा, अमृत योजना के माध्यम से जलापूर्ति, सीवरेज, और परिवहन के सुधार पर ध्यान दिया गया।

भारतमाला परियोजना और हाईवे निर्माण – सड़कों और राजमार्गों के क्षेत्र में भाजपा सरकार ने तेजी से विकास किया। ‘भारतमाला परियोजना’ के तहत, देश भर में 83,000 किलोमीटर से अधिक सड़कों का निर्माण करने का लक्ष्य रखा गया है।

उजाला योजना और ग्रामीण विद्युतीकरण – ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली पहुंचाने के लिए सौभाग्य योजना और उजाला योजना जैसी पहलों की शुरुआत की गई, जिससे गांवों में बिजली पहुंचाने और बिजली की खपत में सुधार हुआ।

सामाजिक कल्याण योजनाएं ; कांग्रेस का शासनकाल

मनरेगा – कांग्रेस सरकार ने 2005 में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) लागू किया, जिसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर प्रदान करना और गरीबी कम करना था।

जन धन योजनाएं – कांग्रेस ने विभिन्न जन धन योजनाओं के माध्यम से गरीबी उन्मूलन और सामाजिक सुरक्षा की दिशा में कदम बढ़ाए, जिसमें इंदिरा आवास योजना, अंत्योदय योजना, और राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन शामिल हैं।

भाजपा का शासनकाल

प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) – भाजपा सरकार ने गरीबों के लिए किफायती आवास उपलब्ध कराने के उद्देश्य से ‘प्रधानमंत्री आवास योजना’ शुरू की। इसका उद्देश्य 2024 तक सभी को घर प्रदान करना है।

स्वच्छ भारत अभियान – स्वच्छता और स्वास्थ्य सुधार के लिए ‘स्वच्छ भारत अभियान’ की शुरुआत की गई, जिसका उद्देश्य 2 अक्टूबर 2019 तक भारत को खुले में शौच से मुक्त (ODF) बनाना था।

जन धन योजना – वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने के लिए ‘प्रधानमंत्री जन धन योजना’ की शुरुआत की गई, जिसके तहत लाखों लोगों के बैंक खाते खोले गए।

राष्ट्रीय सुरक्षा और विदेश नीति ; कांग्रेस का शासनकाल

गुटनिरपेक्ष आंदोलन – 1950 और 1960 के दशक में, भारत ने गुटनिरपेक्ष आंदोलन का नेतृत्व किया और शीत युद्ध के समय गुटनिरपेक्षता की नीति अपनाई।

विदेश नीति – कांग्रेस ने पंचशील के सिद्धांतों को अपनाते हुए विभिन्न देशों के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध बनाए रखे। हालांकि, पाकिस्तान और चीन के साथ संबंध हमेशा से चुनौतीपूर्ण रहे।

भाजपा का शासनकाल 

कूटनीतिक सक्रियता – प्रधानमंत्री मोदी ने विभिन्न देशों के साथ द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के लिए कूटनीतिक सक्रियता दिखाई। इसमें ‘एक्ट ईस्ट’ नीति और ‘नेबरहुड फर्स्ट’ नीति शामिल है।

राष्ट्रीय सुरक्षा और सर्जिकल स्ट्राइक – उरी और पुलवामा हमलों के बाद, भाजपा सरकार ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में सर्जिकल स्ट्राइक और बालाकोट एयर स्ट्राइक कर आतंकवाद के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया।

कांग्रेस और भाजपा के शासनकाल में नीतियों और दृष्टिकोण में स्पष्ट अंतर देखा जा सकता है। कांग्रेस का शासनकाल जहां समाजवादी नीतियों और नियंत्रित अर्थव्यवस्था पर केंद्रित रहा, वहीं भाजपा ने आर्थिक सुधारों, बुनियादी ढांचे के विकास, और राष्ट्रवाद को बढ़ावा देने वाली नीतियों पर जोर दिया।

कांग्रेस ने देश की आजादी के बाद बुनियादी संरचना को स्थापित करने और देश को आत्मनिर्भर बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया, लेकिन भाजपा ने तेजी से आर्थिक विकास, राष्ट्रीय सुरक्षा, और वैश्विक मंच पर भारत की स्थिति को मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।

यह कहना कठिन है कि किसका शासनकाल बेहतर रहा, क्योंकि दोनों दलों ने अपने-अपने समय में देश की प्रगति में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। हालांकि, वर्तमान में भारत के तेजी से बदलते वैश्विक और घरेलू परिदृश्य को देखते हुए भाजपा की आक्रामक और सुधारवादी नीतियों का प्रभाव अधिक व्यापक और दीर्घकालिक दिखाई दे रहा है।

इस तुलनात्मक अध्ययन से यह स्पष्ट होता है कि भारत की राजनीतिक और आर्थिक यात्रा में दोनों दलों की अहम भूमिका रही है। लेकिन, समय और परिस्थितियों के साथ-साथ नीतियों में भी बदलाव आवश्यक होता है, जिसे दोनों दलों ने अलग-अलग तरीकों से अपनाया है।

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