सर्वेश द्विवेदी की रिपोर्ट
दिल्ली के शाहदरा में दिवाली की रात बड़ा हादसा हो गया। दीवाली के दिन एक ही परिवार के दो चिराग बुझ गए और घर में मातम छा गया। दरअसल, गुरुवार को परिवार अपने घर के बाहर दिवाली मना रहा था, तभी दो हथियारबंद लोग आए और 40 वर्षीय व्यक्ति और उसके 16 वर्षीय भतीजे की गोली मारकर हत्या कर दी। वहीं इस हमले में व्यक्ति का 10 वर्षीय बेटा घायल हो गया।
अधिकारी ने बताया कि इस घटना में आकाश शर्मा उर्फ छोटू और उसके भतीजे ऋषभ शर्मा की मौत हो गई, जबकि कृष शर्मा गोली लगने से घायल हो गया। उन्होंने बताया कि पीड़ित शाहदरा के फर्श बाजार इलाके में अपने घर के बाहर दिवाली मना रहे थे। यह घटना रात करीब 8 बजे उन पर हमला हुआ। अधिकारी ने बताया, ‘रात करीब 8.30 बजे पीसीआर कॉल मिलने के बाद पुलिस की एक टीम शाहदरा भेजी गई। हत्या के चश्मदीदों ने पुलिस को बताया कि आरोपियों ने गोली मारने से पहले आकाश शर्मा के पैर छुए थे। सभी पीड़ितों को अस्पताल ले जाया गया लेकिन दो की मौत हो गई। पैर छूकर आशीर्वाद लिया और गोली चला दी
घटना का सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया है जिसमें पीला कुर्ता पहने आकाश और ऋषभ गली में मैट बम जलाने जा रहे हैं। कृष दरवाजे पर खड़ा होकर यह सब देख रहा है। इसी बीच एक स्कूटर पर दो लोग आते हैं और स्कूटर पर बैठा व्यक्ति आकाश के पैर छूकर आशीर्वाद लेता है। दूसरा व्यक्ति स्कूटर से उतरकर खड़ा है। वह अचानक कमर से बंदूक निकालता है और आकाश पर गोली चला देता है। दरवाजे के अंदर कृष को भी गोली लगती है। पटाखा जला रहा ऋषभ कुछ समझ पाता इससे पहले ही स्कूटर सवार भागने लगे। ऋषभ उनके पीछे भागा और उन्होंने उसे भी गोली मार दी और भाग गए।
आपसी रंजिश का मामला
अधिकारी ने बताया कि अस्पताल में डॉक्टरों ने आकाश शर्मा और ऋषभ शर्मा को मृत घोषित कर दिया, जबकि कृष शर्मा का इलाज चल रहा है। पुलिस ने बताया कि प्रथम दृष्टया यह आपसी रंजिश का मामला लग रहा है। इस मामले में पुलिस ने एक नाबालिग को हिरासत में लिया है। यह वही लड़का है जिसने आकाश के पैर छुए थे। फिलहाल पीड़ित के परिजनों के बयान दर्ज किए जाएंगे और आगे की जांच की जा रही है।
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‘कर्ज वापस मांगने पर हुई हत्या’
मृतक आकाश के भाई और ऋषभ के पिता योगेश ने बताया कि घटना के समय वह घर की पहली मंजिल पर था। जब उसने गोली की आवाज सुनी तो वह नीचे आया। उसने पहले अपने छोटे भाई आकाश को खून से लथपथ देखा और फिर घर से चंद कदम दूर अपने बेटे ऋषभ को खून से लथपथ पाया।
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योगेश के मुताबिक उसके बड़े भाई ने कुछ समय पहले एक व्यक्ति को पैसे दिए थे। जब उसने पैसे वापस मांगे तो उसकी नीयत बदल गई और उसके इशारे पर उसे धमकियां मिलनी शुरू हो गईं। योगेश का कहना है कि एक महीने पहले उसे फंसाया गया। फिर आरोपी ने खुद उसके घर पर गोलियां चलाईं और उस पर अपना नाम लिखवा लिया।