परवेज़ अंसारी की रिपोर्ट
दिल्ली के हौजखास इलाके में एक व्यक्ति, जो भिखारी जैसा दिखता था, लंबे समय से फुटपाथ पर पड़ा रहता था। बुधवार को अचानक उसने इलाके से गुजर रहे एक पुलिसवाले के पास जाकर कुछ ऐसा कहा कि पुलिसवाले की आंखें चौड़ी रह गईं और उसका मुंह खुला का खुला रह गया। उस व्यक्ति से बात करने के बाद, पुलिसकर्मी कुछ दूरी पर गया और फोन पर अपने उच्च अधिकारियों से बात करने लगा। कुछ ही मिनटों में सफदरजंग अस्पताल के पास स्थित अंडरपास के पास कई पुलिस अधिकारी पहुंचने लगे।
दरअसल, यह घटना 16 साल के एक बच्चे की गुमशुदगी से जुड़ी हुई थी। 22 अगस्त को हौजखास थाने में इस बच्चे के गुम होने की शिकायत दर्ज कराई गई थी। बच्चे के पिता ने पुलिस को बताया था कि वह मूल रूप से बिहार के सीतामढ़ी का रहने वाला है और दिल्ली में एम्स के पास अंसारी नगर में अपने परिवार के साथ रहता है। 16 साल का बेटा, जो कक्षा नौ में पढ़ता था, कुछ दिनों पहले पढ़ाई को लेकर नाराज हो गया था, जब उसके पिता ने उसे डांटा था। इसके बाद वह घर से निकल गया और वापस नहीं लौटा।
बच्चे को ढूंढने के लिए परिवार ने हर संभव कोशिश की, लेकिन जब उसे नहीं ढूंढ पाए, तो पुलिस की मदद ली गई। पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धारा 137(2) के तहत मामला दर्ज किया और उसकी खोज शुरू कर दी। दक्षिण जिला के डीसीपी अंकित चौहान के अनुसार, मामले की गंभीरता को देखते हुए हौजखास थाना प्रभारी के नेतृत्व में एक विशेष टीम बनाई गई। इस टीम में सब-इंस्पेक्टर दीपेंद्र, सब-इंस्पेक्टर बिशन, एएसआई प्रदीप, हेड कांस्टेबल अमित, हेड कांस्टेबल राजेश, हेड कांस्टेबल प्रदीप और कांस्टेबल दीक्षा शामिल थे।
बच्चे की खोज के लिए 200 से अधिक सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली गई। पुलिस ने एम्स और सफदरजंग अस्पताल के आसपास के क्षेत्रों में, जहां मरीजों के परिवार ठहरते हैं, बच्चे की तलाश की, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला। इसके बाद जांच का दायरा सरोजिनी नगर और लाजपत नगर तक बढ़ा दिया गया। पुलिस ने बच्चे के दोस्तों से भी बातचीत की और दिल्ली के कई अनाथालयों में जाकर खोजबीन की। पुलिस ने उसकी जानकारी ज़िपनेट पर अपलोड की और आसपास के थानों से भी मदद मांगी।
लगभग 26 दिनों तक लगातार कोशिश करने के बाद, 18 सितंबर को पुलिस को सफलता मिली। एक आवारा व्यक्ति ने पोस्टर देखा, जिसमें बच्चे की तस्वीर थी। उसने तुरंत पास से गुजर रहे एक पुलिसकर्मी को बताया कि यह बच्चा सफदरजंग अस्पताल के पास अंडरपास में रह रहा है। पुलिसकर्मी ने तुरंत अपने वरिष्ठ अधिकारियों को सूचना दी, और कुछ ही समय में बच्चे को अंडरपास से सुरक्षित निकाल लिया गया।
पुलिस ने बच्चे को उसके परिवार के हवाले कर दिया। इस तरह, एक आवारा व्यक्ति की मदद से न केवल पुलिस ने अपना काम पूरा किया, बल्कि एक परिवार को उनका खोया हुआ बच्चा भी मिल गया।
Author: samachar
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