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26 December 2024 6:40 pm

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जी.एम. एकेडमी में हिंदी दिवस पर भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन

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इरफान अली लारी की रिपोर्ट

देवरिया। जी.एम. एकेडमी सीनियर सेकेंडरी स्कूल में हिंदी दिवस के अवसर पर एक भव्य और शानदार कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें विभिन्न सांस्कृतिक और शैक्षणिक प्रस्तुतियों के माध्यम से हिंदी भाषा का महत्त्व रेखांकित किया गया। इस कार्यक्रम का शुभारंभ विद्यालय के प्रधानाचार्य मोहन द्विवेदी द्वारा मां सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण और दीप प्रज्ज्वलन से हुआ।

कार्यक्रम की शुरुआत सरस्वती वंदना से हुई, जिसे कुंजल और अनन्या ने प्रस्तुत किया। इसके बाद जिकरा, अनिष्का, तबस्सुम, और जुनैद ने “सास-बहू” की लघु नाटिका पेश की, जो दर्शकों को बहुत पसंद आई। इसके बाद आंचल, रिया, श्रद्धा, अरमान, श्वेता, और रोशनी द्वारा प्रस्तुत “आनंदी बेन” की शिक्षाप्रद नाटिका ने सभी को भावुक कर दिया और उनकी प्रस्तुति की सभी ने भूरी-भूरी प्रशंसा की। अन्य विद्यार्थियों जैसे प्रतिष्ठा, अनिका, सिद्धिका, अक्षत, दिव्या, आशीष, अम्बर, स्वरित, सृष्टि, अनन्या, अदिति आदि के प्रदर्शन को भी सराहा गया।

इस मौके पर हिंदी के अध्यापक धर्मेंद्र मिश्र, ज्ञानेंद्र मिश्र, सीमा पांडेय, डॉ. त्रिपुरारी मिश्र, डी.एन. उपाध्याय आदि ने हिंदी के विकास और इसके महत्त्व पर अपने विचार साझा किए। जनता इंटर कॉलेज चकरवां से हिंदी के सेवा निवृत्त शिक्षक बलिराम तिवारी ने हिंदी भाषा की व्युत्पत्ति और विकास के बारे में जानकारी देते हुए इसे विश्व की सबसे समृद्ध और प्रभावशाली भाषाओं में से एक बताया।

कार्यक्रम के समापन के दौरान, प्रधानाचार्य मोहन द्विवेदी ने बलिराम तिवारी को अंगवस्त्रम् और श्रीमद्भागवत गीता भेंट कर सम्मानित किया। उन्होंने अपने उद्बोधन में हिंदी को राष्ट्र की राजभाषा बताते हुए कहा कि यह हमारे देश का मान, सम्मान और स्वाभिमान है। उन्होंने कहा कि हिंदी भाषा के ज्ञान के बिना कोई भी भारतीय नागरिक अपूर्ण है, और अपने दिल की बातों को हम सबसे अच्छे से हिंदी में ही व्यक्त कर सकते हैं।

कार्यक्रम का संचालन ग्यारहवीं कक्षा की छात्रा अपर्णा शुक्ला और शानू तिवारी ने कुशलता से किया। इस कार्यक्रम में विद्यालय के सभी अध्यापकों और अध्यापिकाओं ने अहम भूमिका निभाई। इस मौके पर दिलीप सिंह, एस.एन. पांडेय, अजय मिश्र, राकेश मिश्र, उधम तिवारी, प्रशांत मुखर्जी, मुन्ना चौहान, अहमद अनस, नायला, करन मिश्र, अभिषेक मौर्य, महेश कुमार, विशाल मिश्र, सुनील गुप्ता, शिवांगी मिश्रा, पी.एच. मिश्र, पुरंजय कुशवाहा, अमूल्य, पंकज सिंह, और आनंद विश्वकर्मा आदि ने भी सहयोग दिया, जिसके लिए सभी की सराहना की गई।

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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