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November 23, 2024 2:01 am

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न्याय की अनसुनी पुकार: एक पीड़िता की दर्दनाक मौत और प्रशासन की विफलता पर आंसू बहाता समाज

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नौशाद अली की रिपोर्ट

अंबेडकर नगर जिले में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहां एक गैंगरेप पीड़िता ने आत्महत्या कर ली। इस मामले में पुलिस की भूमिका पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं, क्योंकि आरोप है कि पुलिस उप-निरीक्षक ने गैंगरेप की रिपोर्ट दर्ज करने से इनकार कर दिया था। 

गैंगरेप और पुलिस की निष्क्रियता

पीड़िता ने तीन लोगों पर गैंगरेप का आरोप लगाया था, लेकिन जब वह अपनी शिकायत दर्ज कराने थाने पहुंची, तो पुलिस उप-निरीक्षक नासिर कुरेशी ने उसकी शिकायत दर्ज करने से मना कर दिया। पुलिस पर यह भी आरोप है कि उन्होंने पीड़िता के पिता को एक ऐसी शिकायत लिखने के लिए मजबूर किया, जिसमें घटना की पूरी जानकारी नहीं थी। इस घटना से आक्रोश फैल गया, और लोगों ने पुलिस की निष्क्रियता पर सवाल उठाए।

आत्महत्या और पुलिस की कार्रवाई

गैंगरेप की शिकायत दर्ज न होने और न्याय न मिलने से हताश होकर पीड़िता ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। इस घटना के बाद पुलिस ने जांच शुरू की और पीड़िता का पोस्टमार्टम कराया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में यह दावा किया गया कि पीड़िता के शरीर पर यौन उत्पीड़न के कोई निशान नहीं मिले। रिपोर्ट में बताया गया कि मौत का कारण फांसी के कारण दम घुटने से हुआ। पुलिस का कहना है कि इन निष्कर्षों को आरोपपत्र में शामिल किया जाएगा।

आरोपियों की गिरफ्तारी और पुलिस की भूमिका

इस घटना के बाद पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया, जिनमें भोला यादव और समीर खान शामिल हैं। हालांकि, मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस उप-निरीक्षक नासिर कुरेशी को “मामले को गलत तरीके से संभालने” के आरोप में हटा दिया गया और उनके खिलाफ जांच शुरू कर दी गई है। 

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, शुरुआत में पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ सिर्फ आत्महत्या के लिए उकसाने की धाराओं में मामला दर्ज किया था। लेकिन बाद में, पीड़िता के पिता की शिकायत पर गैंगरेप की धाराएं भी जोड़ी गईं। पीड़िता के पिता ने आरोप लगाया कि पुलिस ने एफआईआर में गैंगरेप की धाराएं हटाने की कोशिश की थी और केवल आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया था।

न्याय और सवाल

इस घटना ने समाज में गहरे आक्रोश को जन्म दिया है। एक ओर जहां पीड़िता को न्याय दिलाने में पुलिस की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं, वहीं दूसरी ओर इस मामले में पुलिस की निष्क्रियता और एफआईआर में बदलाव के आरोपों ने कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। 

samachar
Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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