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15 January 2025 10:42 am

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खूब लड़ी थी उन वहशियों से कोलकता की यह बेटी, लेकिन न आबरू बचा पाई ना जान… 

50 पाठकों ने अब तक पढा

सर्वेश द्विवेदी की रिपोर्ट

कोलकाता की ‘निर्भया’ के नाम से चर्चित मामले में देशभर में आक्रोश है, जहाँ हर तरफ से केवल एक ही सवाल उठ रहा है कि आखिर कब तक बेटियों को ऐसी भयानक दरिंदगी का शिकार होना पड़ेगा। इस दर्दनाक घटना ने समाज को झकझोर कर रख दिया है। 

कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में 8 अगस्त की रात एक महिला जूनियर डॉक्टर, जो अपनी लंबी शिफ्ट के बाद आराम कर रही थी, के साथ भयानक अपराध हुआ। एक व्यक्ति ने अस्पताल के भीतर घुसकर पहले उसके साथ दुष्कर्म किया और फिर उसकी निर्मम हत्या कर दी। इस मामले में आई अटॉप्सी रिपोर्ट ने कई भयानक खुलासे किए हैं।

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, पीड़िता के शरीर पर 14 से अधिक गंभीर चोटों के निशान पाए गए हैं। रिपोर्ट से पता चला है कि महिला डॉक्टर की हत्या से पहले उसके साथ मारपीट और यौन हिंसा की गई थी। पीड़िता के सिर, चेहरे, गर्दन, हाथ और गुप्तांग सहित कई जगहों पर चोटों के निशान मिले हैं। 

इस घटना के बारे में एक सीनियर ऑफिसर ने बताया कि पीड़िता ने अपनी आधी नींद के बावजूद पूरी ताकत से आरोपी का विरोध किया। इस संघर्ष के कारण जांच टीम को अहम सबूत मिले हैं। पीड़िता ने संघर्ष के दौरान आरोपी के हाथों पर गहरे नाखून के निशान और खरोंचें बना दी थीं। मेडिकल जांच में यह भी पाया गया कि आरोपी संजय के शरीर पर मिले खरोंच के निशान पीड़िता के नाखूनों से लिए गए त्वचा और खून के नमूनों से मेल खाते हैं।

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि पीड़िता पर हमला उस वक्त हुआ जब वह गहरी नींद में थी। इसके बावजूद उसने अपनी रक्षा के लिए पूरी ताकत लगा दी थी। घटना के समय जब उसकी लाश मिली, तो वह हॉल में बने पोडियम पर पड़ी हुई थी और उसके शरीर पर केवल गर्दन से लेकर घुटनों तक एक नीली चादर ढंकी हुई थी। उसका कुर्ता अस्त-व्यस्त था और पतलून गायब थी। लाश के पास उसका लैपटॉप, एक नोटबुक, सेलफोन और एक पानी की बोतल भी मिली थी।

अटॉप्सी रिपोर्ट में बताया गया है कि पीड़िता की मौत का कारण गला घोंटना था। रिपोर्ट में यौन हमले के स्पष्ट निशान भी पाए गए हैं। रिपोर्ट के अनुसार, पीड़िता के निजी अंग में एक सफेद, गाढ़ा, चिपचिपा तरल पदार्थ पाया गया, जो जबरन संभोग का संकेत देता है। इसके साथ ही नाक, दाहिने जबड़े, बाएं हाथ और कंधे पर गंभीर चोटों के निशान भी मिले हैं, जो यह दर्शाते हैं कि पीड़िता ने हमले का विरोध किया था। पीड़िता के फेफड़ों में खून का रिसाव और खून के थक्कों की मौजूदगी से यह पता चलता है कि उसके साथ अत्यधिक क्रूरता की गई थी। 

यह घटना देश को झकझोर देने वाली है और एक बार फिर यह सवाल खड़ा करती है कि महिलाओं की सुरक्षा के लिए और क्या कदम उठाए जाने चाहिए।

samachar
Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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