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November 22, 2024 6:28 pm

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नप गए बलिया अवैध वसूली मामले में आईपीएस देव रंजन वर्मा, होगी संपत्ति की जांच

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जगदंबा उपाध्याय की रिपोर्ट

बलिया जिले में अवैध वसूली के आरोपों के चलते राज्य सरकार ने बलिया के पुलिस अधीक्षक (एसपी) आईपीएस देव रंजन वर्मा को उनके पद से हटा दिया है। अब उन्हें प्रतीक्षा सूची में रखा गया है, और उनकी संपत्ति की जांच के आदेश भी दिए गए हैं।

आईपीएस देव रंजन वर्मा 2011 बैच के यूपी कैडर के अधिकारी हैं। उनका जन्म और पालन-पोषण लखनऊ, उत्तर प्रदेश में हुआ है। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा लखनऊ विश्वविद्यालय से प्राप्त की, जहां उन्होंने गणित के साथ बीएससी की डिग्री हासिल की। इसके बाद उन्होंने गणित में एमएससी की डिग्री भी प्राप्त की। 

देव रंजन वर्मा ने सिविल सेवा परीक्षा चौथे प्रयास में पास की और आईपीएस बने।

सिविल सेवा की तैयारी के दौरान, आईपीएस देव रंजन वर्मा ने रोजाना 7 से 8 घंटे पढ़ाई की और रात 8 बजे के बाद कभी पढ़ाई नहीं की। इसके बाद वे रात में खाना खाने के बाद फिल्म देखते थे, जिससे अगले दिन पढ़ाई में उनकी मनोस्थिति बनी रहती थी।

बलिया में एसपी के रूप में तैनाती से पहले, आईपीएस देव रंजन वर्मा ने प्रतापगढ़ में अपनी तैनाती के दौरान “गरूण वाहिनी” नामक एक विशेष बल का गठन किया था। इस बल का काम सादे कपड़े पहनकर बाजारों और शहर में घूमना था ताकि चैन स्नैचर्स और चोरी की घटनाओं पर रोक लगाई जा सके। उनके इस अनूठे कार्यशैली के कारण वे अक्सर सुर्खियों में रहे हैं। उन्होंने कानपुर, मैनपुरी और अन्य जिलों में भी विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर अपनी सेवाएं दी हैं।

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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