ठाकुर बख्श सिंह की रिपोर्ट
उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले के कसमंडा क्षेत्र में दहेज के लिए बारात लाने से इंकार करने का एक मामला सामने आया है। कमलापुर थाना क्षेत्र के गांव बहरीमऊ के निवासी दिग्विजय पाल ने अपनी बेटी की शादी प्रमोद पाल, पुत्र रामखेलावन, निवासी उदवतपुर थाना इटौंजा, के साथ तय की थी। शादी की तारीख 12 जुलाई निर्धारित की गई थी, लेकिन बारात आने से पहले ही लड़के वालों ने दहेज में कार की मांग कर दी।
बारात रोकने की धमकी
लड़के वालों ने स्पष्ट रूप से कहा कि वे बारात तभी लाएंगे जब उन्हें दहेज में कार दी जाएगी और उसकी फोटो भेजी जाएगी। इस मांग को सुनकर दिग्विजय पाल सदमे में आ गए और उन्होंने तुरंत कमलापुर थाने में इसकी शिकायत दर्ज कराई।
दिग्विजय पाल की तैयारियाँ
दिग्विजय पाल ने बारात के स्वागत के लिए भव्य व्यवस्था की थी। उन्होंने एक हजार लोगों के लिए नाश्ता और भोजन का इंतजाम किया था। इसके अलावा, उन्होंने टीवी, फ्रिज, कूलर, वाशिंग मशीन, बेड, और सोफा जैसे कई कीमती सामान भी खरीदे थे। उन्होंने अपनी तहरीर में बताया कि 9 जुलाई को बरीक्षा की रस्म में उन्होंने 50 हजार रुपये नकद और अन्य सामान भी दिया था।
पुलिस की कार्यवाही
कमलापुर थाने के थानाध्यक्ष भानु प्रताप सिंह ने बताया कि उन्हें दिग्विजय पाल की शिकायत मिली है। दोनों पक्षों के बीच वार्ता चल रही है और पुलिस मामले का समाधान निकालने की कोशिश कर रही है। यदि समस्या का समाधान नहीं निकला, तो मुकदमा दर्ज किया जाएगा।
इस घटना ने न केवल दिग्विजय पाल और उनके परिवार को मानसिक पीड़ा दी है, बल्कि यह दहेज प्रथा की कुरीतियों को भी उजागर करता है। पुलिस द्वारा उचित कार्यवाही की जा रही है, लेकिन यह मामला समाज में दहेज के प्रति हमारी सोच को बदलने की आवश्यकता को भी दर्शाता है।
Author: samachar
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