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November 25, 2024 8:09 am

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बेटी को मुखाग्नि देते हुए दहाडें मारकर रोया बाप, चिता की आग ठंडी होते ही खुला ऐसा राज कि सब रह गए अवाक

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ठाकुर बख्श सिंह की रिपोर्ट

शाहजहांपुर में पूर्ति गुप्ता की हत्या का मामला बेहद चौंकाने वाला है। महज छह सौ रुपये न देने पर पूर्ति के पिता संजय गुप्ता ने उनकी हत्या कर दी। हत्या से पहले पिता और बेटी के बीच विवाद हुआ था, जिसे परिवार ने उस वक्त शांत कर दिया था। लेकिन रात में संजय गुप्ता ने सोती हुई बेटी पूर्ति के गले पर खुखरी से हमला कर उनकी जान ले ली।

मामले में संजय गुप्ता के अलावा साक्ष्य छिपाने में शामिल पूर्ति की मां वंदना गुप्ता को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। घटना चौक के भारद्वाजी मुहल्ले की है, जहां पूर्ति अपने मायके में रह रही थीं। हत्या के समय पूर्ति के साथ उनकी मां और डेढ़ वर्ष की बेटी भी सो रहे थे, जबकि पिता पास ही एक चारपाई पर सो रहा था। इस घटना ने स्थानीय लोगों को भी स्तब्ध कर दिया है।

यह मामला शाहजहांपुर में एक हृदयविदारक घटना का है, जिसमें पूर्ति गुप्ता की उनके पिता संजय गुप्ता द्वारा हत्या की गई। वंदना, पूर्ति की मां, ने पुलिस को शुरू में आहट न मिलने की बात कही थी, लेकिन घटनास्थल की परिस्थितियों ने पुलिस का शक गहरा दिया। पूर्ति की अंत्येष्टि के बाद जब वंदना से पूछताछ की गई, तो उसने पूरा सच बता दिया। 

पूर्ति और वंदना ने घर का खर्च चलाने के लिए 13 जून को संजय की सोने की अंगूठी बेचकर 19 हजार रुपये प्राप्त किए थे। पूर्ति ने संजय से कुछ दिन पहले छह सौ रुपये उधार लिए थे, जो उसने वापस मांगे लेकिन पूर्ति ने घर के सामान खरीदने का कारण बताकर मना कर दिया। इससे गुस्साए संजय ने खुखरी से पूर्ति को मारने की कोशिश की, लेकिन उस समय बेटे पवन और उसके दोस्त हर्ष ने बीच-बचाव कर दिया।

रात में पूर्ति ने माइक्रोनी बनाई लेकिन संजय को नहीं दी, जिससे वह और भड़क गया। रात में जब सब सो रहे थे, संजय ने खुखरी से सोती हुई पूर्ति के गले पर वार कर दिया। वंदना ने जब खून के छींटे और चिल्लाने की आवाज सुनी, तो उसकी आंख खुली। संजय ने दूसरी बार पूर्ति के गले पर वार किया, जिससे पूर्ति घायल होकर बरामदे में भागी लेकिन वहीं गिरकर मर गई।

रात में वंदना ने पवन को दो बार फोन करके घटना की जानकारी दी। संजय ने रोते हुए खुखरी को अलमारी में छिपाने के लिए कहा और वंदना ने अपने चेहरे पर लगे खून को साफ कर दिया। इसके बाद पड़ोसियों और पुलिस को सूचना दी। पुलिस बेटे की तलाश में थी, जिससे वंदना डर गई और संजय को लेकर भागने की कोशिश में थी, लेकिन पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया।

दहाड़े मारकर रोया, भाइयों के साथ दी थी मुखाग्नि

वंदना ने पुलिस को बताया था कि संजय को कुछ वर्ष पूर्व पैरालिसिस का अटैक पड़ा था, जिसके बाद से वह ज्यादा चल नहीं पाता है। वह बोल भी नहीं पाता है। उसके हाथ ज्यादा काम नहीं करते हैं। उसकी देखभाल वह और बेटी ही करते हैं। इसलिए उस पर किसी को शक भी नहीं हुआ। 

एएसपी सिटी संजय कुमार ने बताया कि संजय ज्यादा बोल नहीं पाता है, लेकिन वह चलने फिरने में सक्षम है। घटना के बाद वह पोस्टमार्टम हाउस पर नहीं गया था। वहां वंदना अकेली ही थी। अपने हाव भाव से वह सामान्य बनी रही। संजय ने शाम में भाइयों के साथ जाकर बेटी की चिता काे मुखाग्नि भी दी। बीच में कई बार दहाड़े मारकर रोया। तब तक किसी को यह उम्मीद नहीं कि हत्या उसने की होगी।

16 प्राथमिकी हैं दर्ज

संजय हिस्ट्रीशीटर है उस पर रेलवे में चोरी के 16 प्राथमिकी दर्ज हैं। जिनमें पांच मुकदमे हरदोई, एक खीरी में दर्ज है। अधिकांश मुकदमे जीआरपी में लिखे गए हैं। उस पर आबकारी अधिनियम, शस्त्र अधिनियम, चोरी के आरोप में प्राथमिकी दर्ज हैं।

फादर्स डे से एक दिन पूर्व जेल गया पिता

बेटी की जान लेने वाला पिता फादर्स डे की पूर्व संध्या पर जेल गया। वहीं उसने डेढ़ वर्ष की नातिन से मां का आंचल भी छीन लिया। दरअसल पति कमल से विवाद के बाद पूर्ति दो वर्ष से अधिक समय से मायके में ही रहती थी। 

पुलिस ने शुक्रवार को जाह्नवी को पूर्ति के ताऊ चंद्रमोहन की सुपुर्दगी में दे दिया था, लेकिन अब संजय व वंदना के जेल जाने के बाद उन्होंने भी बच्ची के पालन में असमर्थता जताई है। 

एएसपी सिटी ने बताया कि बच्ची को बाल कल्याण समिति के समक्ष ले जा जाया गया। वहां से जो आदेश होगा उसके आधार पर उसे सुपुर्दगी में दिया जाएगा।

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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