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19 March 2025 9:10 pm

आजमगढ़ में 25वां पुस्तक मेला: युवाओं में पढ़ने की आदत विकसित करने पर जोर

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“आजमगढ़ में 25वें पुस्तक मेले का आयोजन, युवाओं में पढ़ने की आदत विकसित करने और साहित्य, कला व इतिहास के प्रति जागरूकता बढ़ाने पर जोर। जानें मेले की खास बातें।”

उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विजन को साकार करने के लिए पर्यटन और संस्कृति विभाग द्वारा नेशनल बुक ट्रस्ट के सहयोग से 25वां पुस्तक मेला आयोजित किया गया। इस मेले का उद्देश्य शिक्षा, साहित्य, कला और इतिहास के प्रति जनमानस को जागरूक करना था।

डीएम नवनीत चहल का बयान: ‘साहित्य से जुड़ेगा युवा, तभी बनेगा श्रेष्ठ भारत’

इस अवसर पर जिलाधिकारी नवनीत चहल ने कहा कि युवाओं में साहित्य के प्रति रुचि बढ़ाना और पढ़ने की आदत विकसित करना बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा:

“जब युवा साहित्य से जुड़ेंगे, तभी श्रेष्ठ भारत के निर्माण की कल्पना साकार होगी। पुस्तकें न केवल हमें नई दिशाओं में ले जाती हैं, बल्कि हमारी संस्कृति और परंपराओं से भी परिचित कराती हैं।”

उन्होंने यह भी घोषणा की कि अगले वर्ष से पर्यटन एवं संस्कृति परिषद द्वारा पुस्तक मेले का आयोजन किया जाएगा और इसे हर वर्ष जारी रखा जाएगा।

युवाओं में पढ़ने की आदत विकसित करना मेले का मुख्य उद्देश्य

डीएम नवनीत चहल ने स्पष्ट किया कि यह पुस्तक मेला सिर्फ किताबों के आदान-प्रदान का मंच नहीं, बल्कि विचारों, संस्कृतियों और ज्ञान का संगम है। आजमगढ़ के लोग साहित्य के प्रति जागरूक रहे हैं और यह मेला उनकी बौद्धिक संपन्नता को और समृद्ध करने में सहायक होगा।

साहित्य का महत्व: लेखिका नीरजा माधव का वक्तव्य

पुस्तक मेले के दौरान आयोजित संगोष्ठी में प्रसिद्ध लेखिका नीरजा माधव ने कहा कि पुस्तकें केवल ज्ञान का स्रोत नहीं होतीं, बल्कि वे समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का माध्यम भी होती हैं। उन्होंने कहा:

“जब युवा पुस्तकें पढ़ते हैं, तो उनकी सोच को स्पष्टता और गहराई मिलती है। यह समाज को एक नई दिशा देने में मदद करता है।”

देशभर के प्रमुख प्रकाशकों ने लिया हिस्सा

इस पुस्तक मेले में देशभर के प्रतिष्ठित प्रकाशकों और पुस्तक विक्रेताओं ने भाग लिया, जिनमें प्रमुख रूप से शामिल हैं:

नेशनल बुक ट्रस्ट, साहित्य अकादेमी, राजकमल प्रकाशन, किताबघर, रेख़्ता, नयी किताब, सामायिक प्रकाशन, जनचेतना, अनबाउंड स्क्रिप्ट

आजमगढ़ में आयोजित 25वें पुस्तक मेले ने साहित्य, शिक्षा और संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच प्रदान किया। यह मेला न केवल पढ़ने की आदत को प्रोत्साहित करने का प्रयास कर रहा है, बल्कि युवाओं में ज्ञान और बौद्धिकता का विकास भी कर रहा है। आगामी वर्षों में इस मेले के और भी विस्तार और प्रभावशाली होने की संभावना है।

➡️जगदम्बा उपाध्याय की रिपोर्ट

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