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November 23, 2024 9:59 am

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सत्ता की गलियारे से संजय सिंह राणा की रिपोर्ट ; सांसद पुत्र की करतूतें याद कर आज भी सहम जाते हैं उपेक्षित वर्ग के लोग…. 

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संजय सिंह राणा की रिपोर्ट

चित्रकूट। सत्ता व रसूख का नशा क्या होता है… कोई बांदा चित्रकूट संसदीय क्षेत्र के वर्तमान सांसद आर के सिंह पटेल के पुत्रों के कारनामें देखकर भांप ले… जो अपने सांसद पिता के पद व रसूख के बल पर कानून व्यवस्था को तार तार करते हुए नज़र आते हैं इसके बावजूद भी पुलिस प्रशासन कोई कार्यवाही नहीं कर पाता है l

ऐसा ही कुछ मामला सामने आया था भरतकूप थाना क्षेत्र के ग्राम पंचायत रौली कल्याणपुर में अनुसूचित जाति के लोगों का l

भरतकूप थाना क्षेत्र के ग्राम पंचायत रौली कल्याणपुर में वर्ष 2022 में अनुसूचित जाति के लोगों सांसद पुत्र व उसके गार्डों ने बेरहमी से पीटने के बाद थाने में बंद करा दिया था जिसमें इन गरीब लोगों को तीन तीन हज़ार रुपए देकर अपनी रिहाई कराई गई थी l

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार रौली कल्याणपुर में अनुसूचित जाति (चमार)के लोगों के राष्ट्रीय राजमार्ग के किनारे घर बने हुए हैं जहां पर यह गरीब लोग छोटी छोटी किराने की दुकानें संचालित किए हुए हैं l

वहीं दुकान के सामने सांसद पुत्र सुनील सिंह पटेल की ओवर लोड बालू लदे ट्रक खड़े कर दिए गए थे जिसमें इन लोगों द्वारा ट्रक हटाने के लिए कहा लेकिन ट्रक चालकों द्वारा ट्रक नहीं हटाए गए व ट्रक चालकों ने सांसद पुत्र सुनील सिंह पटेल को फ़ोन करके सूचना दी जिसमें लगभग नौ बजे रात्रि में सुनील सिंह पटेल अपने गार्डों के साथ रौली कल्याणपुर पहुंचे और अनुसूचित जाति (चमार) के लोगों को बेरहमी से पीटने के बाद भरतकूप थाना में बंद करवा दिया था। जिसमें इन गरीब लोगों की रिहाई के नाम पर पुलिस ने तीन तीन हज़ार रुपए प्रति व्यक्ति लिए थे तब जाकर इन गरीबों को छोड़ा गया था l

सांसद पुत्र व उसके गार्डों द्वारा पुरुष ही नहीं बल्कि महिलाओं को भी बेरहमी से पीटा गया था जिसमें पुलिस ने आरोपी सांसद पुत्र व उसके गार्डों के विरूद्ध कार्यवाही करने के बजाय पीड़ित पक्ष पर ही कार्यवाही करने की धमकी देते हुए तीन तीन हज़ार रुपए प्रति व्यक्ति वसूली की गई थी l

अनुसूचित जाति के लोगों के साथ सांसद पुत्र व उसके गार्डों द्वारा की गई बेरहमी से मारपीट अभी भी इन गरीब लोगों के दिल में नासूर बनी हुई है जिसके कारण वह घटना आज भी इन गरीब लोगों को याद है जिसको याद करते हुए आज भी इन ग्रामीणों के आंसू निकल पड़ते हैं…

इन गरीब लोगों के दर्द को देखते हुए यह साफ़ प्रतीत होने लगा है कि इन अनुसूचित जाति के गरीब लोगों के आंसुओ का सैलाब कहीं सत्ताधारी दल के प्रत्याशी की लुटिया न डुबो दें l

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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