सुरेंद्र प्रताप सिंह की रिपोर्ट
जयपुर। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से उनके ओटीएस स्थित आवास पर राज्य खेल संघ संघर्ष सिमिति (नॉन ओलंपिक) के अध्यक्ष डॉ ओपी माचरा के नेतृत्व में फेडरेशन के पदाधिकारियों ने 2 प्रतिशत खेल कोटा वापस बहाल करने को लेकर ज्ञापन सौंपा।
खेल संघ संघर्ष सीमित के सरंक्षक दयानन्द उपाध्याय, सचिव शोकत अली, सहकोषाध्यक्ष ओम महला सहित 4 जनों का प्रतिनिधि मंडल मुख्यमंत्री से मिले। प्रदेश के खिलाडियो के हित संवर्धन हेतु ज्ञापन दिया गया।
ज्ञापन द्वारा यह अपील की गयी है की प्रदेश मे वो खेल संगठन जो भारत सरकार से मान्यता प्राप्त व राज्य क्रीडा परिषद से सम्बद्ध है किंतु भारतीय ओलम्पिक संघ से सम्बद्ध नही है उनको प्रदेश मे मिलने वाले 2% आरक्षण कोटे से वर्ष 2020 से पिछली कांग्रेस सरकार ने वंचित कर दिया है जबकि पूर्व वसुंधरा सरकार दे रही थी। इन खेलों को भारत सरकार खेल मंत्रालय अनुदान सहित, केन्द्रीय सर्विसेज मे सभी सुविधाएं दे रही है, फिर भी राज्य सरकार सुविधाओं से वंचित कर रही है ।
राज्य खेल संघ के सरंक्षक उपाध्याय ने बताया की इसके लिये प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सी. पी. जोशी को भी ज्ञापन विधायक चुनाव से पूर्व व वर्तमान सरकार के गठन के बाद भी दिया गया और अपील की गयी है कि इन खेलों के खिलाडी जो पन्द्रह से बीस वर्षों से अभ्यास रत रहते हुये अपने कौशल का प्रदर्शन राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर करते आ रहे है तो इनके भविष्य पर आखिर ये कुठाराघात हुआ है। वर्तमान सरकार को लोकसभा चुनाव से पूर्व कांग्रेस सरकार द्वारा बनायी गयी एक तरफा गलत खेल नीति को पुन संशोधित करनी चाहिये जिससे प्रदेश मे हमारे युवा खिलाडियों के भविष्य को चार चांद लग सके।
राज्य खेल संघ संघर्ष सीमित के अध्यक्ष डा. ओ. पी. माचरा ने बताया देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के पारंपरिक खेलो को आगे बढ़ाने के लिए प्रयासरत है तो राजस्थान सरकार पारम्परिक खेल (इंडिजिनिस खेल) शूटिंगबॉल, बॉल बैडमिंटन सहित कई खेलो के साथ न्याय क्यों नही कर रही, साथ ही माचरा भाजपा सरकार के नवनियुक्त युवा मुख्यमंत्री बनने पर माननीय मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को बधाई और शुभकामनाएं दी।
डॉ माचरा ने बताया कि पुर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने राजीव गांधी ग्रामीण ओलंपिक में लाखों रुपये खर्च किये उसमे शूटिंगबॉल, टेनिश बॉल क्रिकेट सहित कई खेल थे दूसरी तरफ इन्ही खेलो को 2 प्रतिशत खेल कोटे से बाहर कर दिया। सरकार पूर्व सरकार की ये दोहरी नीति थी जिनसे खिलाड़ियों को कोई फायदा नही हुआ।
उन्होंने कहा कि ग्रामीण ओलंपिक बंद नही करे सरकार, चाहे तो अटल ग्रामीण ओलंपिक य्या नरेंद्र मोदी ग्रामीण ओलंपिक नाम रख सकती है। वर्तमान भाजपा सरकार इससे ग्रामीण खिलाड़ियों को फायदा होगा। साथ कहा कि प्रदेश के युवा मुख्यमंत्री जरूर लाखो युवा खिलाड़ियों के दर्द को समझेंगे और उनके साथ न्याय करने का ,जल्द समाधान का भरोसा भी दिलाया।
सचिव शोकत अली ने बताया कि हमे पूरा भरोसा है की इन करीब पच्चीस खेल संघो के प्रदेश के खिलाडियों को न्याय अवश्य मिलेगा नही तो खिलाडियों को खेल छोडकर उनके संगठन पदाधिकारियों को मजबूरन खिलाड़ियों के साथ रोड पर आना पड़ेगा धरना प्रदर्शन करना पड़ेगा।
Author: samachar
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