google.com, pub-2721071185451024, DIRECT, f08c47fec0942fa0
जिंदगी एक सफर

इंग्लिश कैसे बोलें….ये इस मैडम से सुनिए, लेकिन अच्छी तरह तब समझेंगे जब इस खबर को पूरा पढ़ेंगे….

IMG-20250425-WA1484(1)
IMG-20250425-WA0826
IMG-20250502-WA0000
Light Blue Modern Hospital Brochure_20250505_010416_0000
IMG_COM_202505222101103700

इरफ़ान अली लारी की रिपोर्ट

उत्तर प्रदेश के ठेठ ग्रामीण इलाके में रहती हैं, 29 साल की यशोदा लोधी, जिन्हें सोशल मीडिया ‘देहाती मैडम’ के नाम से जानता है। यूट्यूब पर उनके 2.9 लाख सब्सक्राइबर हैं और उनके बनाए वीडियो को तकरीबन 2.6 करोड़ लोगों ने अभी तक देखा है। कौशांबी के सिराथू की रहने वाली यशोदा लोधी यूट्यूब पर अंग्रेजी बोलना सिखाती हैं। उन्हें अंग्रेजी बोलने के अपने देहाती अंदाज पर गर्व है और वह इसे ही अपनी पहचान बना चुकी हैं। आर्थिक तंगी से जूझ रहे परिवार को पालने के लिए यशोदा ने यह रास्ता अपनाया है, जो उनके लिए कभी आसान नहीं था। परिवार ने उनकी पढ़ाई-लिखाई में ज्यादा दिलचस्पी नहीं ली और उनकी शादी भी कम उम्र में एक मजदूर से कर दी गई लेकिन अपनी जिजीविषा और जुनून की बदौलत उन्होंने जो मुकाम हासिल कर लिया है, वह उनकी इस साधारण सी कहानी को असाधारण बना देता है।

लोधी का जीवन एक ग्रामीण महिला के दुर्भाग्य की अनोखी कहानी है। जब वह छोटी थीं तो उनके माता-पिता ने उन्हें एक रिश्तेदार को सौंप दिया था। 12वीं तक की उनकी स्कूली शिक्षा भी काफी अनियमित रही। इसके बाद एक दिहाड़ी मजदूर से उनकी शादी करा दी गई। उनके पति बाद में एक हादसे का शिकार हो गए। इससे उनकी काम करने की क्षमता पर असर पड़ा और घर की आय सीमित हो गई। पति के इलाज के दौरान परिवार पर बैंक के कर्ज का भी बोझ आ पड़ा।
लोधी का जीवन एक ग्रामीण महिला के दुर्भाग्य की अनोखी कहानी है। जब वह छोटी थीं तो उनके माता-पिता ने उन्हें एक रिश्तेदार को सौंप दिया था। 12वीं तक की उनकी स्कूली शिक्षा भी काफी अनियमित रही। इसके बाद एक दिहाड़ी मजदूर से उनकी शादी करा दी गई। उनके पति बाद में एक हादसे का शिकार हो गए। इससे उनकी काम करने की क्षमता पर असर पड़ा और घर की आय सीमित हो गई। पति के इलाज के दौरान परिवार पर बैंक के कर्ज का भी बोझ आ पड़ा।

अंग्रेजी कैसे बोलें?

अपने एक वीडियो ‘हाउ टू थिंक इन इंग्लिश’ में लोधी बताती हैं कि कई लोगों के लिए समस्या ये है कि वे अंग्रेजी बोलने से पहले अंग्रेजी में सोचते नहीं हैं। अनुवाद के चक्कर में इंग्लिश की फ्लुएंसी खो जाती है। फिर वह बताती हैं कि कैसे उन्होंने ‘अंग्रेजी में सोचने’ की कला में महारत हासिल की। लोधी अपने ‘छात्रों’ से कहती हैं, ‘आपको किताबें पढ़ने की आदत विकसित करनी चाहिए। यह अंग्रेजी में ‘फ्लुएंसी’ के लिए महत्वपूर्ण है। इस वीडियो के बाद मुझे 100% यकीन है कि पढ़ने के प्रति आपका रुझान काफी हद तक बढ़ जाएगा।’

अक्सर, देहाती मैडम के सबक अपने आसपास के जीवन का एक हिस्सा होते हैं। यूट्यूब से मिलने वाली आय से लोधी को बैंक ऋण का भुगतान करने में मदद मिली है। उनके पति राधे की दुर्घटना और उसके साथ आए वित्तीय झटके ने लोधी को यूट्यूब वेंचर के लिए प्रेरित किया था। सबसे पहले तो उन्होंने देसी खाना पकाने, कढ़ाई और सजावट को लेकर चैनलों शुरू किया था। वह बताती हैं कि इनमें से कोई चैनल नहीं चला। लेकिन वह हार मानने वालों में से नहीं थीं। उन्होंने कंटेंस क्रिएशन, वीडियो एडिटिंग और ऑनलाइन ट्रैक्शन हासिल करने के तरीकों के बारे में सीखने के लिए इंटरनेट पर घंटों बिताए।

कहां से आया विचार

लोधी ने बताया कि साल 2022 की शुरुआत में मुझे धाराप्रवाह अंग्रेजी बोलने वाले कई मोटिवेशनल स्पीकर मिले, जिससे मुझे एक ऐसा मोटिवेशनल ‘देहाती’ स्पीकर बनने का विचार आया जो अंग्रेजी में संवाद कर सके। इसलिए, मैंने खुद अंग्रेजी सीखी और व्यूअर्स हासिल करने के लिए अपनी देहाती पहचान का इस्तेमाल किया। वह बताती हैं कि उनके अपने गांव धुमाई लोधन का पुरवा में कुछ ही लोग अंग्रेजी सीखने में रुचि रखते हैं। लोकल लेवल पर कुछ ही लोग उन्हें फॉलो करते हैं। लोधी ने बताया, ‘मेरे गांव में महिलाएं मुझे अंग्रेजी बोलते देखकर हंसती हैं। उन्हें न तो यह भाषा सीखने में कोई दिलचस्पी है और न ही अपनी बेटियों को इसे सीखने देने में। हालांकि, मेरी भाभियां अंग्रेजी सीखने में रुचि रखती हैं।’

132 पाठकों ने अब तक पढा
samachardarpan24
Author: samachardarpan24

जिद है दुनिया जीतने की

[embedyt] https://www.youtube.com/embed?listType=playlist&list=UU7V4PbrEu9I94AdP4JOd2ug&layout=gallery[/embedyt]
Tags

samachardarpan24

जिद है दुनिया जीतने की
Back to top button
Close
Close