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5 February 2025 10:14 pm

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धरने पर बैठे न्यूनतम वेतन/दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी ; कई महीनों से नहीं मिल पाया वेतन, घर में खाने को पड़े लाले

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संजय सिंह राणा की रिपोर्ट 

चित्रकूट। वन संपदा की सुरक्षा हेतु शासन प्रशासन द्वारा सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जाने के लिए बड़ी मात्रा में न्यूनतम वेतन भोगी/दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी को नियुक्ति किया गया है जो वन संपदा की सुरक्षा में लगे हुए हैं लेकिन इन कर्मचारियों को जिम्मेदार अधिकारियों की मनमानी के चलते बड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है लेकिन इनकी गुहार सुनने वाला कोई नहीं है यह कर्मचारी वेतन नहीं मिलने के चलते भुखमरी की कगार पर पहुंच गए हैं इन दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों के हालात बद से बदतर हो गए हैं जिसके कारण यह कर्मचारी उप निदेशक रानीपुर टाइगर रिजर्व के कार्यालय के सामने कैंपस के अंदर धरने पर बैठने को मजबूर हो गए हैं l

वन प्रभाग चित्रकूट में वनों की सुरक्षा के लिए बनाई गई वन सुरक्षा समिति के न्यूनतम वेतन भोगी/दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को कई महीने से वेतन नहीं मिला है जिसके कारण इनका परिवार भुखमरी की कगार पर पहुंच गया है यह दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी कई वर्षों से विभाग में काम कर रहे हैं l

इन दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों की हालत इस स्थिति में पहुंच गई है कि समय पर वेतन नहीं मिलने के कारण यह दीवाली त्योहार भी नहीं मना पाएंगे। 

वन विभाग के परिक्षेत्र में वनों की सुरक्षा के लिए वन सुरक्षा समिति बनाई गई है समिति द्वारा अपने क्षेत्र के वनों की सुरक्षा के लिए दैनिक वेतन के दर पर चौकीदार (वाचर) रखे गए हैं। इन कर्मचारियों को विभाग द्वारा बहुत कम दर पर काम लेने के बावजूद समय पर वेतन नहीं दिया जाता। जिससे वे परेशान रहते हैं l

न्यूनतम वेतन/दैनिक वेतन भोगी वन कर्मचारी संघ ने उप निदेशक रानीपुर टाइगर रिज़र्व को दिए गए ज्ञापन में बताया कि रानीपुर टाइगर रिजर्व चित्रकूट के अंतर्गत आने वाली सभी रेंजों में कार्यरत दैनिक वेतन भोगी वन कर्मचारियों को मार्च 2023से अब तक का वेतन अवशेष है समय समय पर संबंधित क्षेत्रीय वनाधिकारियों से दैनिक वेतन भुगतान हेतु मांग करते रहे परंतु बजट का अभाव बताकर टाल दिया जाता है जिससे इन कर्मचारियों को बड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है l

संघ ने उप निदेशक को दिए गए ज्ञापन में यह मांग रखी है जो इस प्रकार है…

1.दैनिक वेतन वन कर्मियों के अवशेष वेतन भुगतान अविलम्ब किया जाय l
2.दैनिक वेतन वन कर्मियों के परिचय पत्र बनाए जाएं l
3.ज़िला स्तर एवं रेंज स्तर में वरिष्ठता सूची बनाई जाय l
4.हटाए गए पुराने दैनिक वेतन वन कर्मियों को पुनः कार्य पर लगाया जाय l
5.शासन द्वारा निर्धारित मजदूरी ₹230प्रतिदिन की दर से भुगतान कराया जाय l
6.नियमित कर्मचारियों की भांति दैनिक वेतन वन कर्मियों को समय समय पर वर्दी दी जाय l
7.19/01/2023 को किया गया विनियमती करण की जांच कराई जाय जो पूर्णतः फर्जी तरीके से किया गया है l
8.संघ के पदाधिकारियों का उत्पीड़न न किया जाए l

न्यूनतम वेतन/दैनिक वेतन भोगी वन कर्मचारी संघ के संरक्षक महेश कुमार त्रिपाठी ने बताया कि वनों की सुरक्षा के लिए न्यूनतम वेतन/दैनिक वेतन पर चौकीदार (वाचर)रखे गए हैं ये कर्मचारी वनों की सुरक्षा के लिए दिनरात मेहनत करते हैं लेकिन बदले में उन्हें समय पर वेतन भी नहीं मिल पाता। जिससे उनकी परेशानी बढ़ गई है l

श्री त्रिपाठी ने पूर्व प्रभागीय वनाधिकारी आर के दीक्षित, क्षेत्रीय वनाधिकारी कर्वी रेंज पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि इनके द्वारा अपने चहेते ठेकेदारों/फर्मों के नाम पर फर्जी तरीके से मजदूरी भुगतान कर लिया गया है जिसके कारण हमारी मजदूरी नहीं मिल पा रही है व बजट नहीं होने का हवाला देते हुए मामले को दर किनार कर दिया जाता है l

वहीं कुछ वाचरों द्वारा रैपुरा रेंज में तैनात बाबू/अर्दली/बीट इंचार्ज विजय मोहन उर्फ़ पिंटू बाबू द्वारा अवशेष वेतन के नाम पर बड़ा खेल किया गया है जो पूर्व प्रभागीय वनाधिकारी आर के दीक्षित के आदेशानुसार कार्य करते हुए वन सुरक्षा कर्मियों (वाचरों) के वेतन भुगतान में बड़ी धांधली की गई है जिसमें सबसे ज्यादा वेतन भुगतान के नाम पर करोड़ों रुपए का गबन किया गया है वहीं सेवानिवृत्त कर्मचारी आज भी विभाग में रहकर भ्रष्टाचार में बड़ी भूमिका निभाते हुए नजर आ रहे हैं जिसकी जांच कराई जानी आवश्यक है l

सबसे बडी सोचने वाली बात यह है कि एक तरफ़ जहां सरकार दीपावली के पावन पर्व पर कर्मचारियों को सौगात देने का काम कर रही है वहीं दूसरी ओर वन विभाग के उप निदेशक रानीपुर टाइगर रिजर्व द्वारा दैनिक वेतन भोगी वन कर्मियों के भुगतान को रोकते हुए घात देने का काम किया जा रहा है जिसके कारण यह कर्मचारी उप निदेशक रानीपुर टाइगर रिजर्व के कार्यालय के सामने कैंपस में धरना जमाए हुए हैं l

अब देखना यह है कि ज़िला प्रशासन द्वारा मामले को गंभीरता से लेते हुए न्यूनतम वेतन भोगी/दैनिक वेतन भोगी वन कर्मियों का अवशेष वेतन भुगतान करवाने का काम करते हुए दीपावली का तोहफा दिया जायेगा या फ़िर यह सुरक्षा कर्मी अपनी मांगों को लेकर उप निदेशक रानीपुर टाइगर रिजर्व के कार्यालय में ऐसे ही जमावड़ा लगाए रहेंगे यह एक बड़ा सवाल है l

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हटो व्योम के मेघ पंथ से स्वर्ग लूटने हम आते हैं

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