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आगरा

जनप्रतिनिधियों की बेरुखी, गुस्सा और कलह क्या भाजपा को नई दिशा देगी या नैया मझधार में फंसाएगी….सवाल है जनता से

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ठाकुर धर्म सिंह ब्रजवासी की रिपोर्ट 

आगरा: लोकसभा चुनाव-2024 में इंडिया गठबंधन बीजेपी के लिए चुनौती बना हुआ है। इसके साथ ही बीजेपी को पार्टी की अंदरुनी कलह से भी निपटना चुनौती है। एक तरफ बाहरी नेताओं के हाथ में शक्तियां बढ़ने से मिशनरी कार्यकर्ता खफा हो रहे हैं तो दूसरी तरफ संगठन के कार्यों में जनप्रतिनिधियों की बेरुखी, गुस्से और कलह कारण बन रहा है। इन नेताओं को लेकर स्थानीय जनता में भी रोष बढ़ रहा है। हाल ही में हुए वोटर चेतना अभियान इसकी तस्वीर देखने को मिली है। पार्टी के जनप्रतिनिधियों ने इस अभियान में कोई रुचि नहीं दिखाई है। सिर्फ कागजी घोड़े दौड़ाकर खानापूर्ति की गई है।

लोकसभा चुनाव 2024 बीजेपी और विपक्ष दोनों के लिए काफी अहम है। बीजेपी को टक्कर देने के लिए देश के 13 से अधिक राजनैीतिक दल एक साथ खड़े हो गए हैं। इधर, पार्टी में बाहरी नेताओं को शक्तियां प्रदान करना शीर्ष नेतृत्व के लिए परेशानी का सबब बन रहा है। मध्य प्रदेश और राजस्थान के विधानसभा चुनाव में भी देखने को मिल रहा है कि बाहरी नेताओं के खेमे अलग हैं और मिशनरी नेताओं का खेमा अलग है। इस वजह से पार्टी में उथल-पुथल के हालात बने हुए हैं। आगरा की बात करें तो आगरा में 2 लोकसभा और 9 विधानसभा सीटें हैं। सभी सीटों पर बीजेपी का कब्जा है। खास बात है कि 3 विधायकों को छोड़ दें तो बाकी सभी सीटों पर दूसरे दलों से आयतित नेता विराजमान हैं। इसे लेकर संगठन में अंदरखाने विरोध के स्वर फूट रहे हैं।

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2009 में आगरा और फतेहपुर सीकरी लोकसभा का परिसीमन हुआ था। फतेहपुर सीकरी लोकसभा सीट से पहली बार सीमा उपाध्याय सांसद बनी थीं। 2014 में चौधरी बाबूलाल और 2019 से राजकुमार चाहर सांसद हैं। बीजेपी के एक पदाधिकारी का कहना है कि फतेहपुर सीकरी लोकसभा सीट पर सबसे अधिक ठाकुर और ब्राह्मणों की संख्या है। 5 विधानसभा बाह, फतेहाबाद, आगरा ग्रामीण, खेरागढ़ और फतेहपुरी सीकरी में करीब 3.25 लाख ठाकुर और 3.15 लाख ब्राह्मण वोट हैं। लेकिन इसके बावजूद भी 5 विधानसभा में एक भी ब्राह्मण को बीजेपी ने टिकट नहीं दिया। अबकी बार ब्राह्मण पूरी ताकत से टिकट की दावेदारी ठोकेंगे। उन्होंने कहा है कि वर्तमान सांसद को लेकर स्थानीय जनता में रोष है। खुद उनके समाज के लोग भी उनसे संतुष्ट नहीं हैं।

आगरा में 9 विधानसभा सीटों योगेंद्र उपाध्याय, बेबीरानी मौर्य और पुरुषोत्तम खंडेलवाल तीन विधायक पार्टी के मिशनरी हैं, इसके अलावा 6 विधानसभा सीटों पर आयतित (बाहरी) विराजमान हैं। पार्टी सूत्रों की मानें तो बेशक वे आज पार्टी में रहकर पार्टी की बात करते हैं, लेकिन वे पार्टी के मूल सिद्धांतों से कोई वास्ता नहीं रखते हैं। हाल ही में हुए वोटर चेतना अभियान में किसी जनप्रतिनिधि ने कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई है, जबकि कागजों पर गुड रिपोर्ट बना दी गई है। इसके साथ बाहरी नेता आज भी अपने पुराने साथियों से जुड़े हैं। इसकी बानगी फतेहाबाद के विधायक छोटेलाल वर्मा के एक वायरल वीडियो से देखी जा सकती है, जब वे कहते हुए सुने जा रहे थे कि हम इतने लोग हैं, अगर हमारी बात नहीं सुनी जाएगी तो आंखे निकाल देंगे।

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Author: samachardarpan24

जिद है दुनिया जीतने की

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