नौकरानी का जाल, बहू बनकर लूट
इस नौकरानी का नाम है प्रीति, उम्र 25 साल और इसके निशाने पर हैं दिल्ली और एनसीआर के घर। सबसे पहले जान लीजिए ये कैसे लोगों को अपना शिकार बनाती है। वो कैसे जिसके बाद इस नौकरानी की हकीकत सामने आई है। ये कहानी गाजियाबाद के एक घर की है। गाजियाबाद के पॉश इलाके में तीन मंजिला इमारत जिसकी कीमत करीब पांच करोड़ रुपये है। उस घर में प्रीति नौकरानी बनकर पहुंची।
कामवाली बाई बनकर आई और फिर…
इस घर में एक बुजुर्ग महिला रहती थी जो गाजियाबद के एक कॉलेज की रिटायर्ड चांसलर थीं। सुधा सिंह की उम्र करीब 70 साल थी और साथ में था इनका एक बेटा बी रहता था। बेटे मानसिक हालत पूरी तरह से ठीक नहीं थी और इसके लिए ही सुधा सिंह को एक नौकरानी की जरूरत थी। प्रीति इस घर में पूरी प्लानिंग के तहत पहुंची। इस घर में प्रीति को पहुंचाया एक शख्स ने जिसका नाम सचिन था। ये भी प्रीति के गैंग का ही एक शातिर आदमी था। प्रीति ने घर में पहुंचते ही अपना काम शुरू कर दिया।
दिल्ली एनसीआर में हाउस मेड का गोरखंधा
न न उसने दूसरी मेड्स की तरह कोई चोरी नहीं की, और न ही पैसों में हाथ साफ किया बल्कि घर के काम को बखूबी निबाना शुरू किया। इतना अच्छी तरह की बुजुर्ग महिला कुछ ही दिनों में प्रीति के काम की मुरीद हो गईं। वो उनके बेटे को बेहद अच्छी तरह से संभाल रही थी। कुछ ही समय में 25 साल की ये लड़की नौकरानी से घर के एक सदस्य की तरह बन गई। सुधा सिंह की तबियत भी अक्सर खराब रहती थी, वो कैंसर से पीड़ित थीं।
मेड बनकर जीता परिवार का विश्वास
अब घर के सारे काम काज प्रीति ने संभाल लिए थे। घर में क्या खाना बनेगा, बाजार से क्या लाया जाएगा, घर के खर्चों में कितना पैसा इस्तेमाल होगा ये सब प्रीति ही तय कर रही थी। बुजुर्ग महिला को लगा कि उन्हें इससे अच्छी नौकरानी कोई और नहीं मिल सकती, लेकिन प्रीति ने तो कुछ और ही तैयारियां कर ली थी और सही वक्त का इंतजार कर रही थी। वो इंतजार कर रही थी सुधा सिंह की मौत का। उसे पता था कि कुछ महिनों में कैंसर से उनकी मौत हो जाएगी। हुआ भी यही 7 अगस्त, 2023 को कैंसर से मौत हो गई।
पांच करोड़ की प्रॉपर्टी पर जताया हक
मौत होते ही प्रीति ने अपना खेल खेला। सुधा सिंह की मौत के बाद उनकी शादीशुदा बेटी आंकाक्षा अपने घर आई तो प्रीति ने अपनी चाल चली। प्रीति ने बताया कि वो सुधा सिंह के बेटे से शादी कर चुकी है। प्रीति ने कुछ फोटोग्राफ भी आंकाक्षा को दिखाई और कहा कि वो अब उनके भाई की पत्नी है और इस घर पर उसका अधिकार है। पांच करोड़ की प्रॉपर्टी पर प्रीति अपना हक जताने लगी और घर से जाने से मना कर दिया।
चंद महीनों में चली सबसे खतरनाक चाल
आकांक्षा अपनी मां की जगह अब यूनिक ग्रुप ऑफ कॉलेज यानी यूआईएमटी की चांसलर हैं। प्रीति के इस गोरखधंधे को जानने के बाद उनके भी होश उड़ गए। हालांकि उनकी मां सुधा पहले ही अपनी वसीहत लिख चुकीं थी और वो सारी प्रॉपर्टी अपनी बेटी के नाम कर चुकी थी। प्रीति को ये बात नहीं पता थी। आकांक्षा ने प्रीति के खिलाफ केस दर्ज करवाया तो एक कहानी सामने आई जिसे सुनकर हर कोई हैरान है।
दिल्ली-एनसीआर के ठग गैंग की मेंबर है प्रीति
दरअसल प्रीति एक ठग गैंग की मेंबर है। सचिन जिसने सुधा से मुलाकात करके प्रीति को वहां पहुंचाया था वो भी इसी गैंग में है और ये गैंग सुधा सिंह के परिवार की तरह ही पहले भी 4-5 परिवारों को ठग चुका है। ये लोग ऐसे ही पहले नौकरानी बनाकर प्रीति को दूसरों के घर भेजते हैं और फिर उनकी प्रॉपार्टी पर अलग-अलग तरह से हाथ साफ करते हैं।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."