आनंद शर्मा की रिपोर्ट
जयपुर: भारतीय सेना अगले महीने से राजस्थान में एक बड़ी वॉर एक्सरसाइज करने जा रही है। यह सितंबर से शुरू होगी और नवंबर तक चलेगी। यह वॉर एक्सरसाइज सेना की 21 वीं कोर की है। इसमें परखा जाएगा कि सेना की यह कोर कितनी तेजी से मोबलाइजेशन कर सकती है और किस तरह एक साथ अलग अलग जगह दुश्मन के इलाके में घुसकर अटैक कर सकती है। 21 वीं कोर भारतीय सेना की स्ट्राइक कोर है जो पाकिस्तान बॉर्डर देखती है। सूत्रों के मुताबिक यह युद्धाभ्यास राजस्थान के डेजर्ट्स में अलग अलग ट्रेनिंग एरिया में होगा। सूत्रों के मुताबिक इस एक्सरसाइज के लिए सैनिकों का वहां आना शुरू हो गया है।
तीन महीने के इस युद्धाभ्यास में स्ट्राइक कोर के इंफ्रेंट्री (पैदल सैनिकों), आर्मर्ड (टैंकों),आर्टिलरी (तोप खाने) और एयर डिफेंस का भी पूरा एक्शन होगा। सेना की यह 21 वीं कोर सदर्न कमांड के तहत आती है। भारतीय सेना की यह स्ट्राइक कोर इस स्तर की बड़ी वॉर एक्सरसाइज चार साल में एक बार करती है। सूत्रों के मुताबिक इसमें पहले ब्रिगेड लेवल की एक्सरसाइज होगी, फिर डिविजन लेवल की और फिर आखिरी चरण में पूरी स्ट्राइक कोर इसमें शामिल होगी। इसमें परखा जाएगा कि किस तेजी से स्ट्राइक कोर अटैक करती है और दुश्मन को अलग अलग मोर्चे पर एक साथ घेरकर निस्तेनाबूत करती है। सेना के एक अधिकारी के मुताबिक इस एक्सरसाइज के जरिए बहुत से पॉइंट्स पर खुद को ज्यादा मजबूत करने में मदद मिलेगी और कॉर्डिनेशन ज्यादा बेहतर तरीके से होगा। उन्होंने कहा कि किसी भी युद्ध में मोबलाइजेशन की अपनी अहमियत होती है, यह बहुत अहम होता है कि कितनी जल्दी मोबलाइजेशन होता है और कितना स्मूद मोबलाइजेशन होता है। तेजी से मोबलाइजेशन होने पर अटैक ज्यादा घातक होता है क्योंकि दुश्मन को उसका अंदेशा नहीं हो पाता और दुश्मन को तैयारी का वक्त नहीं मिल पाता।
सूत्रों के मुताबिक इस वॉर एक्सरसाइज में नए जेनरेशन के इक्विपमेंट का इस्तेमाल होगा पहले के मुकाबले टेक्नॉलजी का भी ज्यादा इस्तेमाल किया जाएगा। सेना के अधिकारी के मुताबिक यह तैयारी की जाएगी कि कैसे शॉर्ट नोटिस पर हाई इंटेंसिटी वॉर को लड़ा जाएगा और जीत हासिल की जाएगी। इसमें हर सिच्एशन के हिसाब से अटैक की प्लानिंग होगी और फिर उसे एक्सरसाइज में लागू किया जाएगा।