राष्ट्रीयविचारविशेष

…मेरे प्यारे देशवासियों….इन शब्दों से महामहिम राष्ट्रपति ने देश के वर्तमान का आकलन किया और विविध विषयों पर गंभीर चर्चा भी

आत्माराम त्रिपाठी की खास रिपोर्ट 

नई दिल्‍ली: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सोमवार को 77वें स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्र के नाम संबोधन दिया। इस दौरान उन्‍होंने देश की सुनहरी तस्‍वीर पेश की। राष्‍ट्रपति ने कहा कि भारत पूरी दुनिया में विकास के लक्ष्यों और मानवीय सहयोग को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उसने अग्रणी स्थान बनाया है। उसके प्रभावी नेतृत्व में जी-20 समूह के देश पूरी मानवता के लिए महत्वपूर्ण मुद्दों पर उपयोगी कार्रवाई करेंगे। स्वाधीनता दिवस देश के लिए अपने इतिहास से जुड़ने, वर्तमान का आकलन और भविष्य की राह बनाने के बारे में चिंतन करने का अवसर होता है। अपने संबोधन की शुरुआत उन्‍होंने देशसासियों को शुभकामनाएं देते हुए की।

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“….मेरे प्यारे देशवासियो, देश के 77वें स्वतंत्रता दिवस पर आप सभी को मेरी हार्दिक बधाई! यह दिन हम सब के लिए गौरवपूर्ण और पावन है। चारों ओर उत्सव का वातावरण देखकर मुझे बहुत प्रसन्नता हो रही है।

द्रौपदी मुर्मू, राष्‍ट्रपति

राष्‍ट्रपति ने कहा, ‘आज हम देख रहे हैं कि भारत ने न केवल विश्व मंच पर अपना यथोचित स्थान बनाया है बल्कि अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था में अपनी प्रतिष्ठा को भी बढ़ाया है। अपनी यात्राओं और प्रवासी भारतीयों के साथ बातचीत के दौरान मैंने अपने देश के प्रति उनमें एक नए विश्वास और गौरव का भाव देखा है।’

जी-20 देशों की अध्‍यक्षता का दाय‍ित्‍व संभाला

मुर्मू ने कहा भारत पूरी दुनिया में विकास लक्ष्यों और मानवीय सहयोग को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है तथा अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अग्रणी स्थान बनाया है और जी-20 देशों की अध्यक्षता का दायित्व भी संभाला है। उन्होंने कहा, ‘चूंकि जी-20 समूह दुनिया की दो तिहाई जनसंख्या का प्रतिनिधित्व करता है, इसलिए यह हमारी वैश्विक प्राथमिकताओं को सही दिशा में ले जाने का अद्वितीय अवसर है।’

मानव विकास से जुड़े विषय भी कार्य सूची में शामिल

उन्होंने कहा कि जी-20 की अध्यक्षता के माध्यम से भारत, व्यापार और वित्त क्षेत्र में हो रहे निर्णयों को न्याय संगत प्रगति की ओर ले जाने को प्रयासरत है। राष्ट्रपति ने कहा, ‘ व्यापार और वित्त के अलावा मानव विकास से जुड़े विषय भी कार्य सूची में शामिल किए गए हैं। ऐसे कई मुद्दे हैं जो पूरी मानवता के लिए महत्वपूर्ण हैं और किसी भौगोलिक सीमा से बंधे हुए नहीं हैं।’

कूटनीति को जमीन से जोड़ा गया

मुर्मू ने कहा, ‘मुझे विश्वास है कि भारत के प्रभावी नेतृत्व के साथ जी-20 के सदस्य देश उन मोर्चो पर उपयोगी कार्रवाई को आगे बढ़ायेंगे।’

उन्होंने कहा कि भारत की जी-20 की अध्यक्षता में एक नई बात यह है कि कूटनीति को जमीन से जोड़ा गया है। उन्होंने कहा कि एक अंतरराष्ट्रीय राजनयिक गतिविधि में लोगों की भागीदारी को प्रोत्साहित करने के लिए अपनी तरह का पहला अभियान चलाया गया है।

स्‍कूलों में बढ़ी गत‍िव‍िध‍ियां

राष्ट्रपति ने कहा कि उदाहरण के लिए यह देखकर मुझे अच्छा लगा कि स्कूलों और कॉलेजों में जी-20 से जुड़े विषयों पर आयोजित की जा रही गतिविधियों में विद्यार्थी उत्साहपूर्वक भाग ले रहे हैं।

नागरिकों में बहुत उत्साह देखने को मिल रहा है

उन्होंने यह भी कहा कि जी-20 से जुड़े कार्यक्रमों के बारे में भी सभी नागरिकों में बहुत उत्साह देखने को मिल रहा है। जी20 दुनिया की प्रमुख विकसित और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं का एक अंतरसरकारी मंच है। इस समूह में अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, दक्षिण कोरिया, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्की, ब्रिटेन, अमेरिका और यूरोपीय संघ (ईयू) शामिल हैं। भारत अभी जी-20 समूह की अध्यक्षता कर रहा है।

महिला सशक्तीकरण को प्राथमिकता देने की अपील

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने महिलाओं के विकास को स्वाधीनता संग्राम का आदर्श बताते हुए देशवासियों से महिला सशक्तीकरण को प्राथमिकता देने की अपील की ताकि आधी आबादी साहस के साथ हर तरह की चुनौतियों का सामना करें और जीवन में आगे बढ़ें। राष्ट्रपति ने कहा, ‘मैं सभी देशवासियों से आग्रह करती हूं कि वे महिला सशक्तीकरण को प्राथमिकता दें। मैं चाहूंगी कि हमारी बहनें और बेटियां साहस के साथ हर तरह की चुनौतियों का सामना करें और जीवन में आगे बढ़ें। महिलाओं का विकास, स्वाधीनता संग्राम के आदर्शों में शामिल है।’

वीरांगनाओं का क‍िया ज‍िक्र

राष्‍ट्रपति ने कहा कि मातंगिनी हाजरा और कनकलता बरुआ जैसी वीरांगनाओं ने भारत माता के लिए अपने प्राण न्योछावर कर दिये। उन्होंने कहा कि मां कस्तूरबा, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के साथ कदम मिलाकर सत्याग्रह के मार्ग पर चलती रहीं। सरोजिनी नायडू, अम्मू स्वामीनाथन, रमा देवी, अरुणा आसफ अली और सुचेता कृपलानी जैसी महिला विभूतियों ने अपने बाद की सभी पीढ़ियों की महिलाओं के लिए आत्म विश्वास के साथ देश तथा समाज की सेवा करने के प्रेरक आदर्श प्रस्तुत किए हैं।

भारत का नागरिक होना सबसे ऊंची बात

राष्ट्रपति ने कहा, ‘जब हम स्वतंत्रता दिवस समारोह मनाते हैं तो वास्तव में हम एक महान लोकतंत्र के नागरिक होने का उत्सव भी मनाते हैं । हममें हर एक की अलग अलग पहचान है। जाति पंथ, भाषा और क्षेत्र के अलावा हमारी अपने परिवार और कार्य क्षेत्र से जुड़ी पहचान भी होती है।’ उन्होंने कहा, ‘लेकिन हमारी एक पहचान ऐसी है जो इन सबसे ऊपर है और वह है भारत का नागरिक होना। हम सभी समान रूप से इस महान देश के नागरिक हैं । हम सब को समान अवसर और अधिकार उपलब्ध हैं और हमारे कर्तव्य भी समान हैं।’

स्वतंत्रता सेनानियों के योगदान का क‍िया जिक्र

स्वतंत्रता सेनानियों के योगदान का जिक्र करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि महात्मा गांधी तथा कई अन्य असाधारण और दूरदर्शी विभूतियों के नेतृत्व में राष्ट्रीय आंदोलन अद्वितीय आदर्शो से अनुप्रमाणित था। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी तथा अन्य महानायकों ने भारत की आत्मा को फिर से जगाया और देश की महान सभ्यता के मूल्यों का जन जन में संचार किया। राष्ट्रपति ने कहा कि भारत के ज्वलंत उदाहरण का अनुसरण करते हुए स्वाधीनता संग्राम की अधारशिला ‘सत्य और अहिंसा’ को पूरी दुनिया के अनेक राजनीतिक संघर्ष में सफलतापूर्वक अपनाया गया है।

उन्होंने कहा, ‘स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर मैं भारत के नागरिकों को एकजुट होकर सभी ज्ञात और अज्ञात स्वतंत्रता सेनानियों को कृतज्ञतापूर्वक श्रद्धांजलि अर्पित करती हूं । उनके असंख्या बलिदानों से भारत ने विश्व समुदाय में अपन स्वाभिमानपूर्ण स्थान फिर से प्राप्त किया।’

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