सर्वेश द्विवेदी और ब्रजकिशोर सिंह की रिपोर्ट
गुरुग्राम: सेक्टर-67 की एक सोसायटी में दूसरी मंजिल के फ्लैट में चल रहे फर्जी कॉल सेंटर से ऑस्ट्रेलिया व अमेरिका के लोगों को ठगा जा रहा था। साइबर क्राइम थाना वेस्ट व साउथ की संयुक्त टीम ने इस फर्जी कॉल सेंटर पर गुरुवार रात रेड की। टीम ने यहां से 7 लोगों को अरेस्ट किया है। 5 लैपटॉप, 7 मोबाइल व अन्य सामान जब्त किया है। मामले में शुक्रवार सुबह साइबर क्राइम थाना साउथ में ठगी व आईटी एक्ट की धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई है। साइबर क्राइम थाना वेस्ट एसएचओ इंस्पेक्टर अमित व साइबर क्राइम थाना साउथ एसएचओ इंस्पेक्टर शाहिद अहमद की टीम को गुरुवार को सूचना मिली कि सेक्टर-67 में अंसल एसेंशिया सोसायटी की दूसरी मंजिल पर एक फ्लैट में फर्जी कॉल सेंटर अभिषेक गुप्ता व उसके पार्टनर जफर व अन्य मिलकर चला रहे हैं। एसीपी साइबर विपिन अहलावत को ये सूचना दी गई। जिसके बाद एसीपी की अगुवाई में साइबर क्राइम थाना साउथ व वेस्ट की संयुक्त टीम रेड के लिए तैयार की गई। टीम इस फ्लैट में पहुंची तो 7 युवक लैपटॉप व कंप्यूटर के सामने बैठकर मोबाइल पर बात कर रहे थे। युवकों से पूछताछ में पता चला कि उनका मालिक जफर है जो यहीं मौजूद है।
कॉल सेंटर के मुख्य संचालक कोलकाता के मूल निवासी मोहम्मद जफर इकबाल से कॉल सेंटर संचालन के लिए जरूरी रजिस्ट्रेशन व दस्तावेज मांगे लेकिन वो कुछ नहीं दिखा सका। जफर ने बताया कि करीब 1 महीने से ये फ्लैट किराये पर लेकर वो फर्जी कॉल सेंटर चला रहा है।
ये हैं आरोपी
अन्य आरोपियों की पहचान कोलकाता के ही सुमित कुमार मिश्रा, मोहम्मद आदिल, अभिषेक कुमार मिश्रा, नूर हुसैन, अभिषेक गुप्ता, शेख इब्राईम हक के तौर पर हुई। इन 6 युवकों को कॉल सेंटर संचालन के लिए कस्टमर सर्विस के लिए नौकरी व कमीशन पर रखा हुआ है।
ऐसे करते थे ठगी
इनसे पूछताछ में पता चला कि आस्ट्रेलिया व अमेरिका के नागरिकों का डेटा ऑनलाइन टेलीग्राम ऐप पर अलग-अलग वेंडर से ईमेल बॉबिंग व कॉल इंबाउंड सुविधा लेकर हासिल करते हैं। फिर करीब 5 हजार विदेशी नागरिकों को हर दिन ईमेल ब्लास्टिक कराते हैं। जिसमें ये पेपल, नॉर्टन, अमेजन के गलत तरीके से लगे चार्ज को रिफंड देने के लिए नंबर पर संपर्क करने को कहते हैं।
वर्च्युअल नंबर पर जब लोग कॉल करते तो ये खुद को इन कंपनियों के कर्मचारी बताकर बात करते जानकारी लेते कि आपका कितना चार्ज लगा है। उसे रिफंड करने के नाम पर कॉल करने वाले विदेशी नागरिक के सिस्टम का एक्सेस लेकर ऑनलाइन बैंकिंग ओपन करा देते। फिर उसकी स्क्रीन हैक कर उसके असल बैंकिंग पेज की बजाय फर्जी बैंकिंग पेज दिखा देते जिसमें रिफंड के बाद खाते में बढ़ी हुई राशि दिखती। विदेशी नागरिक मान लेता कि उसके पास रिफंड आ चुका है। इस सर्विस के नाम पर ये विदेशी नागरिक से 250 से 500 डॉलर चार्ज करते।
चीन से भी जुड़े तार
कस्टमर से गिफ्ट कार्ड खरीदवाकर उनके कोड पूछकर नोट कर लेते। फिर चीन में बैठे अपने परिचित को ये कोड बताकर गिफ्ट कार्ड रीडीम करा लेते। कुछ मामलों में जो विदेशी नागरिक बिटकॉइन या अन्य कृप्टो करंसी में चार्ज देना चाहते हैं उनसे ये ले लेते। फिर बिटकॉइन या अन्य क्रिप्टो करंसी को भारतीय मुद्रा में बदलाने के लिए कोलकाता निवासी साघनिक व अमिषेक बंगाभाषी से संपर्क करते।
Author: samachar
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