google.com, pub-2721071185451024, DIRECT, f08c47fec0942fa0
ललितपुर

पानी की समस्या से जूझ रहा था इलाका, इस महिला ने बनाया बोरियों से बांध, राष्ट्रपति मुर्मू ने किया सम्मानित

IMG-20250425-WA1484(1)
IMG-20250425-WA0826
IMG-20250502-WA0000
Light Blue Modern Hospital Brochure_20250505_010416_0000
IMG_COM_202505222101103700

कमलेश कुमार चौधरी की रिपोर्ट 

ललितपुर: ललितपुर की जल सहेली शारदा वंशकार को शनिवार को दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित कार्यक्रम में राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू द्वारा जल शक्ति अभियान के अंतर्गत स्वच्छ जल शक्ति सम्मान से सम्मानित किया गया। परमार्थ समाज सेवी संस्था के सचिव संजय सिंह ने बताया कि बुंदेलखंड के ललितपुर में जल संरक्षण किया जा रहा है। जिसके लिए जल सहेलियों द्वारा जल संरक्षण का कार्य किया जा रहा है।

तालबेहट विकासखंड के ग्राम विजयपुरा के ग्रामीण गांव में सिंचाई के लिए पानी की व्यवस्था न होने के कारण पलायन कर रहे थे। ऐसे में शारदा वंशकार तीन वर्ष पहले परमार्थ समाज सेवी संस्था के संपर्क में आयीं। संस्था से जुड़कर उन्होंने गांव की 30 से 40 महिलाओं को अपने साथ जोड़ा और जल संरक्षण के कार्य करने लगीं। इन महिलाओं ने गांव के चार तालाबों में जल संरक्षण का कार्य किया। गांव के बाहर से निकली बरूआ नदी पर पांच हजार खाली बोरी लेकर पहुंची और नदी से बालू भरकर 30-40 महिलाओं के साथ बोरी बांध बना दिया। जिससे नदी में पानी रूक गया और 1000 किसानों को सिंचाई के लिए पानी मिलने लगा।

जल संरक्षण के लिए कार्य करने पर शनिवार को राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू द्वारा दिल्ली के विज्ञान भवन में स्वच्छ जल शक्ति सम्मान से सम्मानित किया गया। शारदा वंशकार बताती हैं कि उनकी शादी 1999 में विजयपुरा निवासी साहिन्द वंशकार के साथ हुयी थी। गांव में उसकी जमींन तो है, लेकिन पानी की समस्या के कारण पर्याप्त खेती नहीं हो पाती थी। इस कारण रोजगार के लिए अपने पति के साथ पलायन करना पड़ रहा था। शारदा बताती हैं कि परमार्थ स्वयं सेवी संस्था से जुडने के बाद उन्होंने पानी संरक्षण के लिए कार्य किये और वर्ष 2021 में जल सहेलियों के सहयोग से गांव से निकली बरूआ नदी पर बोरी बांध बना दिया। जिससे आज 1000 किसानों को पर्याप्त पानी मिलने लगा है।

समाज के लिए मिशाल बनीं शारदा वंशकार

शारदा वंशकार बताती हैं कि उनके एक पुत्र एवं पुत्री है, जो अभी पढ़ाई कर रहे हैं। शुरूआत में उन्हें घर से निकलने में बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ा। क्योंकि सास ससुर के आगे पर्दा करना पड़ता था और बाहर नहीं निकल पाती थी। लेकिन उन्होंने धीरे-धीरे परिजनों को समझाया और कार्य शुरू कर दिया। जो अब ललितपुर जनपद के लिए मिशाल बन गयीं हैं।

114 पाठकों ने अब तक पढा
samachardarpan24
Author: samachardarpan24

जिद है दुनिया जीतने की

[embedyt] https://www.youtube.com/embed?listType=playlist&list=UU7V4PbrEu9I94AdP4JOd2ug&layout=gallery[/embedyt]
Tags

samachardarpan24

जिद है दुनिया जीतने की
Back to top button
Close
Close