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November 2, 2024 2:59 pm

“साहब अभी मैं जिंदा हूं….”, आप भी चौंक जाएंगे सरकारी कर्मचारियों की कारगुजारियां पढ़कर 

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दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट 

बस्ती। नित नए चर्चित कारनामों को लेकर सुर्खियों में रहने वाले हर्रैया तहसील के कर्मचारियों की एक और करास्तानी सामने आई है। तहसील के एक किसान मुख्यमंत्री सहित दर्जनों उच्च अधिकारियों को पत्र भेजकर गुहार लगा रहे हैं कि ‘साहब, मैं जिंदा हूं। लेकिन तहसील कर्मियों की मिलीभगत से अभिलेखों में उन्हें मृत घोषित कर उनकी जमीन दूसरे के नाम पर अंकित कर दी गई है। जीवित किसान को मृत दिखा कर उनकी जमीन एक अजनबी व्यक्ति के नाम अंकित कर देने का मामला सुर्खियों में है। तहसील में हड़कंप मचा हुआ है।

हर्रैया तहसील के परिवारपुर गांव निवासी किसान नेता एवं पूर्व चेयरमैन गन्ना विकास परिषद बस्ती सतीश सिंह पांच भाईयों में चौथे नम्बर पर हैं। उनके नाम से दर्ज खाता संख्या 68 संक्रमणीय भूमि अंकित थी। उनके भाई भी उक्त गाटा संख्या में सह खातेदार हैं। बताया जा रहा है कि उनके नाम से अभिलेखों में दर्ज जमीन को आलोक सिंह नाम के अज्ञात व्यक्ति द्वारा तहसील कर्मियों की मिलीभगत से उन्हें 15 मई 2020 को मृत दिखा कर 16 फरवरी 2021 को अपने नाम अंकित कर लिया गया है।

सतीश सिंह के पास दो पुत्र हैं। बड़े बेटे का नाम रवि सिंह और छोटा आनंद प्रताप सिंह है। मामले का खुलासा दो दिन पूर्व उस समय हुआ जब किसान सतीश सिंह ने गन्ना सट्टे के लिए खतौनी निकालना चाहा तो वह न सिर्फ अभिलेखों में भूमिहीन दिखे बल्कि अभिलेखों में मृत भी दर्शाए गए थे। तहसील कर्मियों की मनमानी और लापरवाही से किसान नेता सतीश सिंह आहत हैं। उन्होंने खुद को अभिलेखों में जिंदा करने के लिए तहसील के जिम्मेदारों सहित मुख्यमंत्री तक शिकायती पत्र भेजकर न्याय की गुहार लगाई है।

ज्वाइंट मजिस्ट्रेट हरैया अमृतपाल कौर ने बताया कि मामला उनके संज्ञान में नहीं है अगर ऐसा है तो जांच कराकर कार्रवाई की जाएगी। सूत्रों के मुताबिक जीवित किसान सतीश सिंह को मृत दिखाकर उनके नाम की जमीन दूसरे के नाम अंकित करने के मामले में जो अभिलेखीय साक्ष्य वरासत में दिख रहे हैं, उसकी रिपोर्ट हर्रैया तहसील में तैनात रहे चर्चित निलंबित राजस्व निरीक्षक महादेव शुक्ल द्वारा लगाई गई है।

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."