बहन-बहनोई के विवाद ने ली अधिवक्ता की जान, गहरी साजिश का खुलासा

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अब्दुल मोबीन सिद्दीकी की रिपोर्ट

बस्ती जिले के कप्तानगंज क्षेत्र में अधिवक्ता चंद्रशेखर यादव की हत्या ने इलाके में सनसनी फैला दी है। इस हत्याकांड में गहरी साजिश होने की आशंका जताई जा रही है। घटना का जो सिलसिला सामने आया है, उससे स्पष्ट है कि वारदात को किसी करीबी की सटीक मुखबिरी और पूर्व योजना के तहत अंजाम दिया गया।

घटना का पूरा विवरण

शनिवार को अधिवक्ता चंद्रशेखर यादव, जो बैदोलिया अजायब गांव के निवासी थे, महराजगंज बाजार से गांव लौट रहे थे। उनके साथ गांव का एक युवक बजरंगी यादव भी था। महराजगंज से बेलघाट मार्ग पर मुड़ते ही उन्हें लगा कि कोई उनका पीछा कर रहा है। नरायनपुर तिवारी गांव के पास बदमाशों ने उनकी बाइक को ओवरटेक किया और स्कॉर्पियो कार से उतरकर तीन लोगों ने चंद्रशेखर को जबरन गाड़ी में बैठा लिया। बजरंगी यादव ने उन्हें बचाने की कोशिश की और गुहार लगाई, लेकिन रात के अंधेरे में कोई मदद के लिए नहीं आया।

घटना की सूचना बजरंगी ने पुलिस, चंद्रशेखर के परिजनों और गांव वालों को दी। अपहरण के बाद बदमाश उन्हें गनेशपुर ले गए, जहां रात करीब 8:30 बजे हसन पेट्रोल पंप के पास चंद्रशेखर लहूलुहान हालत में मिले। उन्हें तुरंत जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

पारिवारिक विवाद बना हत्या का कारण

चंद्रशेखर यादव की बहन सोनमती की शादी 20 साल पहले हर्रैया थाना क्षेत्र के खम्हरिया गंगाराम गांव निवासी रंजीत यादव के साथ हुई थी। शादी के बाद से ही सोनमती और रंजीत के बीच विवाद चलता रहा। ससुरालियों द्वारा प्रताड़ित किए जाने के कारण पति-पत्नी के बीच अनबन हो गई थी।

चंद्रशेखर अपनी बहन के पक्ष में लगातार पैरवी कर रहे थे और कई बार दोनों पक्षों में सुलह कराने की कोशिश की, लेकिन विवाद खत्म नहीं हुआ। शनिवार को थाना समाधान दिवस के दौरान भी दोनों पक्षों के बीच विवाद हुआ था। परिजनों का आरोप है कि थाने में विवाद के बाद ही साजिश रची गई और चंद्रशेखर का अपहरण कर हत्या कर दी गई।

परिजनों का आरोप और पुलिस की कार्रवाई

चंद्रशेखर यादव की पत्नी उमा यादव ने आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए धरना दिया। पुलिस ने उनकी तहरीर पर मुख्य आरोपी रंजीत यादव सहित तीन लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया और रंजीत को गिरफ्तार कर लिया। मामले की जांच के लिए पांच टीमें गठित की गई हैं।

परिवार में शोक

चंद्रशेखर यादव की हत्या से परिवार में मातम छा गया है। उनके बड़े भाई दया शंकर मुंबई में हैं। छोटे भाई महेंद्र प्रताप यादव, पिता, पत्नी उमा यादव, दो बेटियां और एक बेटा गहरे शोक में हैं।

पुलिस का बयान

पुलिस अधीक्षक अभिनंदन ने बताया कि चंद्रशेखर यादव की हत्या में उनके बहनोई रंजीत यादव और उनके साथियों का नाम सामने आया है। मामले की जांच जारी है, और आरोपियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।

सवाल खड़े करती पुलिस की भूमिका

परिजनों और स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर पुलिस समय रहते कार्रवाई करती तो चंद्रशेखर की जान बचाई जा सकती थी। घटना से पहले ही उनके अपहरण की सूचना पुलिस को दे दी गई थी, लेकिन तत्परता नहीं दिखाई गई।

यह घटना न केवल परिवार के लिए बल्कि पूरे इलाके के लिए एक बड़ा झटका है। पुलिस पर अब दबाव है कि वह दोषियों को जल्द से जल्द सजा दिलाए और इस मामले की साजिश का पर्दाफाश करे।

samachardarpan24
Author: samachardarpan24

जिद है दुनिया जीतने की

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