सर्वेश द्विवेदी की रिपोर्ट
बस्ती जिले में शनिवार रात एक सनसनीखेज घटना ने पूरे इलाके को झकझोर कर रख दिया। अधिवक्ता चंद्रशेखर यादव का अपहरण कर बेरहमी से हत्या कर दी गई। रविवार को पोस्टमार्टम रिपोर्ट में इस बात की पुष्टि हुई कि मृतक को बुरी तरह पीटा गया था। रिपोर्ट में चंद्रशेखर के शरीर पर 23 जगह चोटों के निशान मिले, जबकि उनके बाएं हाथ की हड्डी भी टूटी हुई थी। जांच में खुलासा हुआ कि अधिवक्ता पर लोहे की रॉड से हमला किया गया था।
इस मामले में मृतक की पत्नी उमा देवी की शिकायत पर हर्रैया थाने में तीन नामजद अभियुक्तों और अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया। मुख्य आरोपी रणजीत यादव की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने दूसरे आरोपी विनय उर्फ सोहित को भी पकड़ लिया। रविवार को पोस्टमार्टम के बाद मृतक का शव उनके परिजनों को सौंप दिया गया। भारी पुलिस सुरक्षा के बीच मूड़घाट पर मृतक का अंतिम संस्कार किया गया।
घटना का विवरण
शनिवार रात चंद्रशेखर यादव, जो कप्तानगंज थानाक्षेत्र के बैदोलिया अजायब गांव के निवासी थे, बस्ती से घर लौट रहे थे। वह अपनी बोलेरो गाड़ी से नरायनपुर तिवारी-भुडकुलगंज मार्ग पर थे, तभी स्कॉर्पियो सवार बदमाशों ने उनकी गाड़ी को रोक लिया। बदमाशों ने गाड़ी से उतारकर चंद्रशेखर की बेरहमी से पिटाई की और उन्हें जबरदस्ती अपनी स्कॉर्पियो में बैठा लिया। बोलेरो में मौजूद चंद्रशेखर के साथी बजरंगी यादव ने शोर मचाया, जिसके बाद स्थानीय लोग मौके पर पहुंचे और घटना की सूचना डायल 112 को दी।
इस दौरान पुलिस ने तुरंत इलाके में नाकाबंदी कर दी। लेकिन बदमाश गनेशपुर इलाके में अधिवक्ता को मरणासन्न हालत में सड़क किनारे फेंककर फरार हो गए। सूचना पाकर पुलिस अधीक्षक अभिनंदन घटनास्थल पर पहुंचे और घायल अधिवक्ता को जिला अस्पताल भिजवाया। वहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
घटना की वजह
पुलिस जांच में यह बात सामने आई है कि यह घटना चंद्रशेखर की बहन द्वारा अपने पति (मृतक के बहनोई) के खिलाफ दर्ज कराए गए एक मुकदमे को लेकर हुई। इसी विवाद के चलते चंद्रशेखर को निशाना बनाया गया।
पुलिस ने मामले में तेजी दिखाते हुए मुख्य आरोपी रणजीत यादव और उसके साथी विनय को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि अन्य आरोपियों की तलाश जारी है। पुलिस अधीक्षक अभिनंदन ने कहा कि फरार आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस की टीमें लगातार दबिश दे रही हैं।
परिजनों का आक्रोश
घटना के बाद परिजनों ने शव लेने से इनकार कर दिया था और आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग पर अड़े रहे। पुलिस की कार्रवाई के बाद ही पोस्टमार्टम और अंतिम संस्कार हो सका। इस दर्दनाक घटना ने न केवल मृतक के परिवार को बल्कि पूरे इलाके को गमगीन कर दिया।