दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट
अलीगढ़ में साल 2020 में CAA-NRC प्रोटेस्ट के दौरान हुई एक हत्या के मामले में भाजपा नेता विनय वार्ष्णेय को कोर्ट ने 6 जुलाई को बरी कर दिया। बरी होने के एक दिन बाद विनय वार्ष्णेय और उनके समर्थकों ने गुरुवार(7 जुलाई) को एटा जिला जेल से अलीगढ़ तक जुलूस निकाला। इसको लेकर पुलिस ने धारा 144 के उल्लंघन में सभी लोगों पर थाना लोधा में केस दर्ज किया है।
दरअसल विनय वार्ष्णेय के हत्या के मामले से बरी होने पर उनके समर्थकों ने उनके स्वागत में एटा जिला जेल से अलीगढ़ तक जुलूस निकाला था। बता दें कि वार्ष्णेय को अलीगढ़ में सीएए-एनआरसी विरोध के दौरान मोहम्मद तारिक की गोली मारकर हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। तब से ही वार्ष्णेय जेल में थे।
वहीं भाजपा नेता के 848 दिन बाद जेल से रिहा होने पर अलीगढ़ के कई चौराहों पर फूल बरसाए गये और देर शाम देहली गेट इलाके में भी आतिशबाजी की गई। जूलुस के चलते शहर में कई जगहों पर जाम की स्थिति बनी। इसपर एसपी सिटी कुलदीप सिंह ने बताया कि जिले धारा 144 लागू है। इस हाल में भीड़ एकत्रित करना कानून का उल्लंघन है। जिसको लेकर भाजपा नेता विनय वार्ष्णेय व उनके डेढ़ सौ से अधिक अज्ञात समर्थकों पर केस दर्ज किया गया है। ऐसे में हत्या के मामले से रिहा होने के बाद विनय वार्ष्णेय फिर से सुर्खियों में हैं।
गवाह मुकर गये: 6 जुलाई को जिला जज डा. बब्बू सारंग की अदालत ने अलीगढ़ के बाबरी मंडी के तारिक की हत्या के मामले में अहम गवाहों के मुकर जाने पर विनय वार्ष्णेय और उनके दो अन्य सह आरोपियों, सुरेंद्र कुमार और उनके बेटे त्रिलोकी को बरी कर दिया। बता दें कि इस मामले में अभियोजन पक्ष आरोप को संदेह से परे साबित करने में विफल रहा।
बचाव पक्ष के वकील ने बताया कि मुकदमे के दौरान मामले के शिकायतकर्ता सहित सभी पांच महत्वपूर्ण गवाह मुकर गए। वार्ष्णेय की लाइसेंसी पिस्तौल को बैलिस्टिक जांच के लिए भेजा गया था, लेकिन यह तारिक को लगी गोलियों से मेल नहीं खाती थी।
Author: samachar
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