विवेक चौबे की रिपोर्ट
गढ़वा। प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत हरिगावां मोड़ से सतबहिनी झरना तीर्थ स्थल तक सड़क का निर्माण किया जा रहा है। सड़क निर्माण करने को लेकर पहले से कालीकरण सड़क को जेसीबी से उखाड़ दिया गया है। अब हालत ऐसी हो गई है कि मोटरसाइकिल व साइकिल तो दूर लोगों को पैदल चलना भी मुश्किल हो गया है।
निर्माण के लिए सड़क तो खोद दिया लेकिन उसे बराबर नहीं किया गया। उखाड़े गए पत्थर से सड़क पर बाइक व साइकिल या पैदल चलना मुश्किल हो गया है।
बरसात की मौसम में सड़क को खोद कर छोड़ देने से मुश्किलें बढ़ेंगी। हल्की बारिश में ही जगह-जगह जल जमाव की समस्या भी हो रही है। सतबहिनी झरना तीर्थ स्थल पहुंचने वाले पर्यटकों को भी काफी दिक्कतें हो रही हैं।
मालूम हो कि सतबहिनी झरना तीर्थ स्थल पर पूरे वर्ष पर्यटकों का आना जाना होता है। सड़क को खोद देने से सतबहिनी आने वाले लोगों को काफी दिक्कतें हो रही है।
उक्त सड़क से कांडी, सेमौरा, सरकोनी, पटरियां, हेमराजी, मझिगांवा सहित कई अन्य गांव के लोगों का गढ़वा मझिआंव आना जाना रहता है। निर्माण स्थल पर निर्माण प्रक्रिया से जुड़ी सूचना का बोर्ड भी नहीं लगाया गया है। किस एजेंसी से निर्माण हो रहा है, योजना का क्या नाम है, निर्माणाधीन सड़क की लंबाई व एस्टीमेट से जुड़े कोई भी सूचना नहीं लगाई गई है।
स्थानीय ग्रामीणों ने जानकारी देते हुए बताया कि सड़क पहले कुछ ठीक था। अब तो और भी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। ग्रामीणों ने कहा कि यदि सड़क का निर्माण जल्द नहीं करना था तो फिर जेसीबी से सड़क को उखाड़ने व कोड़ने की क्या जरूरत थी।
ग्रामीणों ने बताया कि सड़क निर्माण को लेकर सड़क को उखड़े तकरीबन दो सप्ताह से अधिक हो गया। ग्रामीणों ने इसे संवेदक की घोर लापरवाही बताया। ग्रामीणों ने कहा कि एक ओर से सड़क की खुदाई व दूसरे ओर से निर्माण कार्य प्रारम्भ होना चाहिए था।
ग्रामीणों ने बताया कि अगर जल्द उखड़ी सड़क को मोरम देकर रोलर से दबाया नहीं गया तो इस बरसात में सड़क से गुजरने वाले लोगों को बहुत कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा। सभी ने कहा कि किसी भी मायने में बरसात के मौसम में सड़क का निर्माण कार्य शुरू करना उचित नहीं था।
Author: samachar
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