google.com, pub-2721071185451024, DIRECT, f08c47fec0942fa0
कर्नलगंजगोंडा

श्रीमद् देवी भागवत कथा में आचार्य पंकज शास्त्री जी ने महिषासुर वध को लेकर सुनाई अद्भुत कथा

IMG-20250425-WA1484(1)
IMG-20250425-WA0826
IMG-20250502-WA0000
Light Blue Modern Hospital Brochure_20250505_010416_0000
IMG_COM_202505222101103700

चुन्नीलाल प्रधान की रिपोर्ट

शाहपुर, कर्नलगंज। गोंडा जनपद में विकास खण्ड कर्नलगंज अंतर्गत रुदौली ग्रामपंचायत के मजरा सूबेदार पुरवा में हो रही श्रीमद् देवी भागवत कथा में आचार्य पंकज शास्त्री ने सभी श्रोताओं को सत्य सनातन वैदिक धर्म के प्रति जागृत करते हुए महिषासुर वध की कथा सुनाई,कहा अधर्मी कितना भी अधर्म करे धर्म से हारेगा ही ।

महाराज ने बताया जिस प्रकार विजयदशमी के दिन जहां भगवान श्री रामचन्द्र जी ने रावण का वध किया, उसी तरह दूसरी ओर मां दुर्गा ने महिषासुर का वध भी इसी दिन किया था। देवी भागवत की कथा के अनुसार नौ दिनों तक मां दुर्गा और महिषासुर का युद्ध होता रहा। दसवें दिन मां दुर्गा ने भगवान शिव प्रदत त्रिशूल से महिषासुर का वध कर दिया था। इसी कारण मां दुर्गा को महिषासुर मर्दिनी भी कहा जाता है। आइए जानते हैं कि महिषासुर को मारने के लिए क्यों लेना पड़ा था मां दुर्गा को अवतार ?

महिषासुर को ब्रह्मा जी का वरदान

पौराणिक कथा के अनुसार, दैत्यराज महिषासुर के पिता रंभ को एक भैंस से प्रेम हो गया जो जल में रहती थी। रंभ और भैंस के योग से ही महिषासुर का जन्म हुआ। इसी कारण महिषासुर अपनी इच्छानुसार भैंस और इंसान का रूप बदल सकता था। कहा जाता है कि महिषासुर ने कठोर तपस्या कर सृष्टिकर्ता ब्रह्मा से वरदान प्राप्त किया। ब्रह्मदेव ने वरदान दिया कि उस पर कोई भी देवता और दानव विजय प्राप्त नहीं कर पाएगा।

मां दुर्गा का अवतरण

ब्रह्मदेव से वरदान मिलने के बाद महिषासुर स्वर्ग लोक में उत्पात मचाने लगा। एक दिन महिषासुर ने स्वर्ग पर आक्रमण कर दिया। महिषासुर ने इंद्र को परास्त किया और स्वर्ग पर कब्जा कर लिया। उसने सभी देवताओं को वहां से बाहर निकाल दिया। सभी देवगण इससे परेशान होकर त्रिमूर्ति ब्रम्हा, विष्णु और महेश के पास गए और अपनी समस्या बताई । लेकिन ब्रह्मा जी के वरदान के कारण स्वयं ब्रम्हा, विष्णु और महेश भी महिषासुर को हरा नहीं सकते थे। अंततः महिषासुर को मारने के लिए सभी देवताओं नें मां दुर्गा का सृजन किया।

महिषासुर का वध

समस्त देवताओं के शरीर से शक्ति पुंज निकल कर एकत्रित हुए। इस शक्ति ने मां दुर्गा का रूप धारण कर लिया। सभी देवताओं नें मां दुर्गा को अपनी-अपनी शक्ति और अस्त्र-शस्त्र प्रदान किए। मां दुर्गा ने महिषासुर से लगातार नौ दिनों तक युद्ध किया और दसवें दिन उसका वध कर दिया। यही कारण है कि सत्य सनातन वैदिक धर्म में नौ दिनों तक दुर्गा पूजा मनाई जाती है। वहीं, दसवें दिन को विजयादशमी के नाम से जाना जाता है। महिषासुर के मर्दन के कारण ही मां दुर्गा का नाम महिषासुर मर्दिनी पड़ा।

88 पाठकों ने अब तक पढा
samachardarpan24
Author: samachardarpan24

जिद है दुनिया जीतने की

[embedyt] https://www.youtube.com/embed?listType=playlist&list=UU7V4PbrEu9I94AdP4JOd2ug&layout=gallery[/embedyt]
Tags

samachardarpan24

जिद है दुनिया जीतने की
Back to top button
Close
Close