जावेद अंसारी की रिपोर्ट
लखनऊ । मदरसे में बच्चों को जंजीर में बांधकर रखने के मामले में बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने कार्रवाई शुरू कर दी। सोमवार को मदरसे के प्रबंधक और हाफिज को बुलाया गया। पूछताछ में पता चला कि जिस हाफिज ने बच्चों के पैरों में बेड़ियां डाली थी वो खुद 8वीं पास है। आयोग ने हाफिज और प्रबंधक के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करने के लिए पुलिस कमिश्नर को रिपोर्ट भेजी है।
आयोग की पूछताछ में सामने आया कि गोसाईगंज निवासी अब्दुल हलीम ने 2015 में सोसाइटी का रजिस्ट्रेशन करवाया था। लेकिन मदरसे की मान्यता लिए बिना ही नजरा (नर्सरी), हिबस (अपर नर्सरी) से 5वीं तक कि पढ़ाई करवाई जा रही थी। कथित मदरसे दो शिक्षक हैं। इसमे मोहम्मद रियाज 8वीं पास है, दूसरे अहमद 5वीं पास हैं। रियाज ने ही दोनों बच्चों को जंजीर में बांधा था।
चार जिलों के बच्चे मदरसे में कर रहे पढ़ाई
जांच में सामने आया कि गोसाईगंज के इस सुफ्फा मदीनतूल उलम मदरसे में सीतापुर, बाराबंकी, उन्नाव और लखनऊ के बच्चे पढ़ रहे हैं। बिना मान्यता वाले इस मदरसे में बच्चों के बोर्डिंग का भी इंतजाम किया गया है। मौजूदा समय मे यहाँ 20 बच्चे हैं। जिन बच्चों को जंजीर में बांधा गया था उनके हाथ मे ऐसे निशान थे जिससे उनसे बाल मजदूरी करवाये जाने की भी आशंका है। आयोग की सदस्य अनिता अग्रवाल ने बताया कि बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष रविन्द्र जादौन की मौजूदगी में बच्चों के भी बयान लिए गए हैं।
बच्चों ने कहा घरवाले जबरन मदरसे में भेजते थे
बाल कल्याण समिति की पूछताछ में बच्चों ने बताया कि वो स्कूल में पढ़ना चाहते हैं। लेकिन घरवाले जबरन मदरसे में भेजते थे। आयोग की सदस्य सुचिता चतुर्वेदी ने बताया कि 8वीं पास रियाज प्रिंसिपल है। वो बच्चों को उर्दू, अरबी, अंग्रेजी और कुरान पढ़ाता है। उससे पूछताछ की गई तो अपने नाम की स्पेलिंग नही बता पाया। उन्होंने बताया कि रियाज और अब्दुल हलीम के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करवाई जा रही है। मदरसे के संचालन के लिए फंडिंग कहा से हो रही थी इसका पता लगाया जा रहा है।
Author: samachar
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