संजय सिंह राणा की रिपोर्ट
चित्रकूट- मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम की तपोभूमि चित्रकूट के जिला श्रम कार्यालय में तैनात कमप्यूटर आपरेटर जगत राम की मनमानी खूब देखने को मिल रही है जो दलालों के माध्यम से श्रमिकों को लूटने का काम कर रहा है l
सरकार की जन कल्याणकारी योजनाओं का लाभ पाने के लिए श्रमिक श्रम कार्यालय में रजिस्ट्रेशन करवाए हुए हैं जिससे उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ मिल सके लेकिन श्रम कार्यालय के दलालों द्वारा श्रमिकों को लूटने का काम किया जा रहा है व जिस श्रमिक ने पैसा दे दिया उसे योजना का लाभ दिया जाता है व जिन श्रमिकों द्वारा पैसे देने में असमर्थता जताई जाती है उनकी फाइल रिजेक्ट कर दी जाती है जिसके चलते गरीब श्रमिकों को योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है l
श्रम कार्यालय के कमप्यूटर आपरेटर जगत राम व श्रम प्रवर्तन अधिकारी दुष्यंत कुमार द्वारा दलालों के माध्यम से गरीब श्रमिकों को योजनाओं का लाभ दिलाए जाने के नाम पर लूटने का काम किया जा रहा है वहीं श्रम प्रवर्तन अधिकारी दुष्यंत कुमार व कमप्यूटर आपरेटर जगत राम द्वारा सरकारी कर्मचारियों को भी श्रमिक बनाकर योजनाओ का लाभ दिया जा रहा है व उनसे मोटी रकम वसूली जा रही है वहीं गरीब श्रमिकों को योजनाओं का लाभ लेने के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के कार्यालयों के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं l
श्रम प्रवर्तन अधिकारी दुष्यंत कुमार का स्थानांतरण मानिकपुर श्रम कार्यालय के लिए हो गया है लेकिन अवैध वसूली के चलते श्रम प्रवर्तन अधिकारी दुष्यंत कुमार जिला श्रम कार्यालय छोड़ने को तैयार नहीं है व स्थानांतरण होने के बाद भी जिला श्रम प्रवर्तन अधिकारी कार्यालय में बैठते हैं व दलालों को पूरी तरह संरक्षण देते हुए नजर आ रहे हैं वहीं श्रम कार्यालय मानिकपुर का कार्यभार शिवशंकर साहू द्वारा किया जा रहा है जो गरीब श्रमिकों को योजनाओं का लाभ दिलाने के नाम पर मनमाने तरीके से लूट रहा है l
जिला श्रम प्रवर्तन अधिकारी में नवागंतुक श्रम प्रवर्तन अधिकारी अरुण तिवारी की दुष्यंत कुमार व जगत राम के आगे एक भी नहीं चलती है जिसके कारण जिला श्रम प्रवर्तन अधिकारी कार्यालय दलालों का अड्डा बना हुआ है l
जिला श्रम प्रवर्तन अधिकारी कार्यालय में तैनात कमप्यूटर आपरेटर जगत राम कई सालों से तैनात हैं जो दलालों के माध्यम से श्रमिकों के पंजीकरण व योजनाओं का लाभ दिलाए जाने के नाम पर लूटते हुए नजर आ रहे हैं व इसी अवैध कमाई के चलते लगभग सात से आठ हजार रूपए मानदेय पाने वाला कमप्यूटर आपरेटर लाखों की संपत्ति का मालिक बन बैठा है व गरीब श्रमिकों को योजनाओं का लाभ दिलाने के नाम पर वसूल किए गए पैसे के बल पर आलीशान मकान व लग्ज़री गाड़ियों का मालिक बन बैठा है व काफी चल अचल संपत्ति अर्जित कर ली है कमप्यूटर आपरेटर जगत राम का मकान किसी राजसी कोठी से कम नहीं है जिसमें राजसी ठाठ बाट के साथ रहता है वहीं अवैध कमाई के चलते और भी कई नामी बेनामी संपत्ति बनाई है l
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."