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November 2, 2024 2:58 am

अवैध वसूली रोकने के लिए उठाया गया सख्त कदम बहुत ही सराहनीय

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संजय सिंह राणा की रिपोर्ट

चित्रकूट।  सरकारी कार्यालयों में अवैध वसूली की शिकायतें आम बात हो गई है जहां पर दलालों के माध्यम से जिम्मेदार अधिकारी व कर्मचारी गरीब जनता का शोषण करते हुए नजर आते हैं l

जिस पर अंकुश लगाने के लिए सदर उप जिलाधिकारी महोदया पूजा यादव ने अपने कार्यालय के पत्रांक संख्या1101/एस. टी.- एस.डी. एम.- कर्वी/2022 दिनांक 27/04/2022 को दिए गए आदेश में निर्देश जारी किया है कि तहसील कर्वी में तैनात अधिकारी/कर्मचारियों के पटलों/न्यायालयों पर कार्य कर रहे प्राइवेट कर्मचारियों के विरुद्ध अवैध धन वसूली की शिकायतें प्राप्त हो रही है उक्त प्राइवेट कर्मचारियों द्वारा आमजनों से कार्य कराने के संदर्भ में धन की मांग की जाती है जिसको लेकर सभी अधिकारियों/कर्मचारियों को आदेशित किया है कि उनके पटल/कार्यालयों में तैनात प्राइवेट कर्मचारियों को हटाने का निर्देश दिया है व यह भी निर्देशित किया है कि अगर इस संबंध में किसी के द्वारा अवैध धन की वसूली की शिकायतें प्राप्त होती हैं तो संबंधित अधिकारियों पर कार्यवाही की जाएगी जिसके उत्तरदाई वह स्वयं होंगे l

वहीं उप जिलाधिकारी मानिकपुर प्रमेश श्रीवास्तव ने भी इसी संबंध में दिनांक 28/04/2022 को जारी किए गए आदेश में संबंधित अधिकारियों व कर्मचारियों को आदेशित किया है कि अगर किसी भी कार्यालय में अवैध धन वसूली की शिकायतें प्राप्त होती हैं तो संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी व सरकारी कार्यालयों से प्राइवेट कर्मचारियों को हटाने के निर्देश दिए हैं l

जिले के ज्यादातर सरकारी कार्यालयों में प्राइवेट कर्मचारियों द्वारा आमजनों से अवैध वसूली के मामले सामने आ रहे हैं जिसपर जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा दलालों के माध्यम से आम आदमी को लूटने का काम किया जाता है l

वहीं सरकारी कार्यालयों में प्राइवेट कर्मचारियों व प्राइवेट कमप्यूटर आपरेटर आम आदमी को लूटने का काम कर रहे हैं इन सभी कार्यालयों में सबसे ज्यादा चर्चित कार्यालय उप निबंधक कार्यालय कर्वी, श्रम प्रवर्तन अधिकारी कार्यालय, सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी कार्यालय व जिला उद्योग कार्यालय बनें हुए हैं जहां पर प्राइवेट कर्मचारियों द्वारा आमजनों को मनमाने तरीके से लूटने का काम किया जाता है l

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."