संजय सिंह राणा की रिपोर्ट
चित्रकूट- वन प्रभाग चित्रकूट में तैनात प्रभागीय वनाधिकारी राजेश कुमार दीक्षित के कारनामें दिन प्रतिदिन सामने आ रहे हैं जिसमें इनके द्वारा किए गए फर्जी वाड़े की चर्चा जोरों पर चल रही है जहां पर इन्होंने अपने चहेते ठेकेदार फर्मों व व्यक्ति विशेष के नाम पर भुगतान कर करोड़ों रुपए का गबन किया है जबकि मौके पर कार्य ही नहीं कराए गए हैं वन प्रभाग चित्रकूट में प्रभागीय वनाधिकारी बनते ही राजेश कुमार दीक्षित ने शासन की नियमावली के विपरीत कार्य कराकर करोड़ों रुपए की हेराफेरी की है व चल अचल सम्पत्ति बनाई है जिसको लेकर क्षेत्रीय अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री सहित ज़िम्मेदार अधिकारियो को पत्र लिखकर जांच कराए जाने व अवैध सम्पत्ति पर बुलडोजर चलाए जाने की मांग की है l
भारतीय जनता मजदूर ट्रेड यूनियन के क्षेत्रीय अध्यक्ष बुंदेलखंड क्षेत्र व प्रदेश कार्य समिति सदस्य चंद्रमोहन द्विवेदी ने मुख्यमंत्री सहित ज़िम्मेदार अधिकारियो को पत्र लिखकर चित्रकूट वन प्रभाग में तैनात प्रभागीय वनाधिकारी राजेश कुमार दीक्षित के भ्रष्टाचारी कारनामों को अवगत कराया श्री द्विवेदी ने यह भी बताया कि प्रभागीय वनाधिकारी राजेश कुमार दीक्षित द्वारा पूर्व वन मंत्री दारा सिंह चौहान व प्रमुख सचिव वन की मिलीभगत से सबसे जूनियर होने के बाद भी शासन की नियमावली के विपरीत प्रभागीय वनाधिकारी बन बैठा है व प्रभागीय वनाधिकारी बनते ही राजेश कुमार दीक्षित द्वारा पेटी कांट्रेक्टर के सहारे वन प्रभाग में मनमाने तरीके से भ्रष्टाचार को बढ़ावा देते हुए फर्जी दस्तावेजों के सहारे फर्जी भुगतान कर करोड़ों रुपए का गबन किया गया है l
वहीं श्री द्विवेदी ने आरोप लगाते हुए कहा कि प्रभागीय वनाधिकारी राजेश कुमार दीक्षित आजमगढ़ जिले में रहकर विधान सभा चुनाव में सपा प्रत्याशियों का प्रचार प्रसार किया और इनको चंदे के रुप में आर्थिक मदद भी की जो शासन की नियमावली के विपरीत है आजमगढ़ जिले में भारतीय जनता पार्टी का एक भी प्रत्याशी नही जीत पाया है l
वहीं श्री द्विवेदी ने यह भी अवगत कराया कि वन प्रभाग चित्रकूट के वन क्षेत्रों में आग लगने पर गरीब मजदूरों व ग्रामीणों का शोषण किया जा रहा है जो लोग महुआ बीनने वाले होते हैं उनके ऊपर आग लगाने का आरोप लगाकर फर्जी तरीक़े से मुकदमे दर्ज कराए जाते हैं जबकि भ्रष्टाचार को छिपाने के लिए वन कर्मियो द्वारा ही जंगलों में आग लगाई जाती है जिससे विकास कार्यों के नाम पर सरकारी धन का मनमाने तरीके से बंदरबाट किया जा सके वहीं मजदूरों के हो रहे शोषण को लेकर श्री द्विवेदी ने बताया कि शासन की नियमावली के अनुसार मजदूरों के खाते में पैसे भेजने का प्राविधान है लेकिन भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने के लिए व सरकारी धन का गबन करने के लिए निजी व्यक्तियों फर्मो व ठेकेदारों के नाम भुगतान कर करोड़ों रुपए का गबन किया जा रहा है l
क्षेत्रीय अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री सहित ज़िम्मेदार अधिकारियों को पत्र लिखकर की जांच की मांग की l
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."