संजय सिंह राणा की रिपोर्ट
चित्रकूट- बुन्देलखण्ड का चित्रकूट जिला अत्यंत सूखाग्रस्त माना जाता है जिसके चलते सरकार ने किसानों की खेती के लिए बड़ी मात्रा में बांधो, टैंकों, बंधियो व नहरों का निर्माण कराया है व इनकी मरम्मती करण व नहरों की सिल्ट सफ़ाई के नाम पर हर वर्ष करोड़ों का बजट स्वीकृत करती है जिसमें सिंचाई प्रखण्ड प्रथम के सहायक अभियंताओं व अवर अभियंताओं की मिलीभगत से ठेकेदारों द्वारा अपनी मनमानी करते हुए सरकारी धन का बंदरबाट किया जाता है वहीं अधिशाषी अभियंता भी कमीशनखोरी के चलते मनमाने तरीके से भुगतान करते हुए सरकारी धन का बंदरबाट करने में सहभागिता निभाते हैं l
सिंचाई प्रखण्ड प्रथम के अन्तर्गत आने वाले जयवंती टैंक में विभागीय अधिकारियों की अनदेखी के चलते बद से बदतर हालत है जिसमें टैंक व निकलने वाली नहर ध्वस्त होने की कगार पर है वहीं पन्हाई टैंक व उससे निकलने वाली नहर भी बदहाली की कगार पर है वहीं बरदहा बांध व नहर के कुछ ऐसे ही हालात हैं जहां पर जिम्मेदार अधिकारियों की अनदेखी साफ दिखाई देती है वहीं मानिकपुर टैंक व नहर की व्यवस्था पूरी ध्वस्त हैं ऐसे ही हाल कुछ जरेरा टैंक व टैंक से निकलने वाली नहर का है रामपुर कल्याण गढ़ टैंक व टैंक से निकलने वाली नहर का बुरा हाल है वहीं मारो टैंक व उससे निकलने वाली नहर का हालत देखते ही बनती है वहीं सेमरा बंधी व सेमरा माइनर में जिम्मेदार अधिकारियों की अनदेखी खूब देखने को मिल रही है वहीं हेला टैंक, बराह माफी व डोंडा टैंक व उनसे निकलने वाली नहरों के हालात भी कुछ ऐसे ही हैं वहीं ओहन फीडर व उससे निकलने वाली नहरों के हालात कुछ ऐसे ही हैं वहीं खपटिहा फीडर, कोटरा खंभा, गढ़वा, खंडेहा व खरसना वियर नहर व बरूआ बांध व निकलने वाली नहर की मरम्मत कार्य व व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त है वहीं पयस्वनी नहर व चिल्लीमल पम्प नहर में जिम्मेदार अधिकारियों की मनमानी खूब देखने को मिल रही है वहीं रामघाट के विस्तारी करण व सौंदर्यीकरण के नाम पर सिंचाई प्रखण्ड प्रथम द्वारा खूब धांधली की गई है l
सिंचाई प्रखण्ड प्रथम में बांधों, टैंकों व नहरों के मरम्मती करण व नहरों की सिल्ट सफ़ाई के नाम पर खूब देखने को मिल रही है जहां पर बिना कार्य कराए ही मनमाने तरीके से भुगतान कराए जाते हैं जिसमें जिम्मेदार अधिकारियों की मिलीभगत से खूब धांधली करते हुए सरकारी धन का बंदरबाट किया जाता है l
सिंचाई प्रखण्ड प्रथम के अन्तर्गत आने वाले बांधो व टैंकों से निकलने वाली नहरें या तो ध्वस्त हो गई हैं या फिर नहरों को ब्लाक कर उन पर अवैध रूप से कब्जा कर नहरों को समाप्त कर दिया गया है लेकिन जिम्मेदार अधिकारी कार्यालय में बैठ कर बदहाली का तमाशा देखते हैं l
पूर्ववर्ती सपा सरकार में बांधो, टैंकों व नहरों के मरम्मती करण व खोदाई व नहरों की सिल्ट सफ़ाई के नाम पर करोड़ों रुपए की धनराशि स्वीकृत की गई थी जिसमे जिम्मेदार अधिकारियों की मिलीभगत से ठेकेदारों ने ज्यादातर भुगतान बिना कार्य कराए ही करवाए थे जिसमे करोड़ों रुपए का फर्जी भुगतान कर सरकारी धन का बंदरबाट किया गया था वहीं सत्ता परिवर्तन के बाद योगी सरकार में जल शक्ति मंत्री व जिले के प्रभारी मंत्री डॉ महेंद्र सिंह ने किसानों को पानी की बेहतर सुविधा देने के लिए बांधो, टैंकों व नहरों के मरम्मती करण, खोदाई व सिल्ट सफाई पर करोड़ों रुपए का बजट स्वीकृत कर बेहतर सुविधा देने का काम किया लेकिन सिंचाई प्रखण्ड प्रथम के अधिशासी अभियंता व सहायक अभियंताओं व अवर अभियंताओं की मिलीभगत से ठेकेदारों ने थोड़ा बहुत कार्य कराकर सरकारी धन का बंदरबाट कर दिया जिसके कारण बांधो, टैंकों व नहरों के हालात जस के तस बने हुए हैं l
सिंचाई प्रखण्ड प्रथम के अधिशासी अभियंता व सहायक अभियंताओं व अवर अभियंताओं को सरकारी धन का बंदरबाट करने की कला बहुत अच्छी तरह से मालूम है जिसके कारण कार्यालयों में बैठकर व कागज़ी कोरम पूरा करते हुए फर्जी तरीके से भुगतान करते हुए सरकारी धन का बंदरबाट करते हैं l
सिंचाई प्रखण्ड प्रथम में बांधो टैंकों व नहरों के मरम्मती करण व सिल्ट सफाई के नाम पर हुए सरकारी धन के बंदरबाट को लेकर वरिष्ठ पत्रकार व सामाजिक कार्यकर्ता संजय सिंह राणा ने जिलाधिकारी महोदय को शिकायती पत्र लिखकर जांच कराए जाने की मांग की है l
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."