संजय सिंह राणा की रिपोर्ट
चित्रकूट- ग्राम पंचायतों के विकास को गति प्रदान करने के लिए हर जिले में पंचायती राज विभाग द्वारा पंचायत राज अधिकारी का महत्वपूर्ण पद नियुक्त किया गया है जो ग्राम निधि सहित ग्राम पंचायत से जुड़े अन्य कार्यों का निरीक्षण करेंगे जिससे ग्राम पंचायतों में विकास कार्यों के नाम पर हो रहे भ्रष्टाचार पर अंकुश लग सके वहीं ब्लाक स्तर पर सहायक विकास अधिकारी पंचायत को रखा गया है व ग्राम पंचायत स्तर पर ग्राम पंचायत अधिकारियों को नियुक्त किया गया है लेकिन एक महत्वपूर्ण पद पर विराजमान जिला पंचायत राज अधिकारी व सहायक विकास अधिकारी पंचायत अपने पद का सही तरीके से निर्वहन नहीं कर रहे हैं और न ही ग्राम पंचायत अधिकारी शासन की नियमावली के अनुसार कार्य कर रहे हैं जिसके चलते ग्राम पंचायतों के विकास कार्यों में बड़ा भ्रष्टाचार सामने आ रहा है वहीं ग्राम पंचायतों के विकास कार्यों में हो रहे भ्रष्टाचार व धांधली की शिकायत शिकायत कर्ताओ द्वारा जिला पंचायत राज अधिकारी से की जाती है तो वह शिकायत कर्ताओं को पंचायती राज कानून का हवाला देते हुए कई प्रमाण उपलब्ध कराने की बात करते हैं और जब शिकायत कर्ताओं द्वारा प्रमाण उपलब्ध भी करा दिए जाते हैं तो उसपर भी कोई कार्यवाही नहीं की जाती है जिसके चलते ग्राम पंचायतों में ग्राम पंचायत अधिकारी, ग्राम प्रधान व ठेकेदार द्वारा ग्राम पंचायतों के विकास कार्यों में बड़ी मात्रा में धांधली की जाती है व मानक विहीन कार्य कराकर सरकारी धन का बंदरबाट किया जाता है l
शासन प्रशासन के निर्देशों का कोई असर जिला पंचायत राज अधिकारी कार्यालय में नहीं दिखाई देता है जिसके कारण जिला पंचायत राज अधिकारी कार्यालय में भ्रष्टाचार को मनमाने तरीके से बढ़ावा दिया जा रहा है l
जिला पंचायत राज अधिकारी तुलसीराम विश्वकर्मा सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति को फेल करने में जुटे हुए हैं वहीं कार्यालय के कनिष्ठ लिपिक सुरेंद्र चतुर्वेदी द्वारा ग्राम पंचायतों में हो रहे विकास कार्यों का चिठ्ठा तैयार किया जाता है व ग्राम पंचायत अधिकारियों व ठेकेदारों से मोटी रकम वसूल कर मनमाने तरीके से कार्यों की स्वीकृति दी जाती है कनिष्ठ लिपिक सुरेन्द्र चतुर्वेदी द्वारा टुकड़ों टुकड़ों में स्वीकृति दी जाती है व मोटी रकम वसूल की जाती है l
ग्राम पंचायतों के विकास कार्यों में सबसे ज्यादा घपले बाजी इंटर लाकिंग खड़ंजा निर्माण में होती है जिसका स्टीमेट टुकड़ों टुकड़ों में पास किया जाता है जिससे सरकारी धन का बंदरबाट किया जा सके ग्राम पंचायतों में इंटर लाकिंग खड़ंजा निर्माण का एक तय मानक है जिसमें पांच लाख रुपए से ज्यादा की लागत वाले कार्यों में जिलाधिकारी महोदय की स्वीकृति जरूरी है इसी कारण स्टीमेट टुकड़ों टुकड़ों में पास कर दिया जाता है वहीं जब ग्राम पंचायतों के विकास कार्यों में हो रही धांधली की शिकायत जिला पंचायत राज अधिकारी कार्यालय तक जाती है तो वहां पर इन भ्रष्ट ग्राम पंचायत अधिकारियों से मोटी रकम वसूल कर बचाने का काम किया जाता है l
30 मार्च 2022 को प्रमुख सचिव उत्तर प्रदेश शासन द्वारा जारी आदेश में यह निर्देश दिया गया था कि 31 मार्च 2022 को समस्त विभागाध्यक्ष व संबंधित अधिकारी अपने संबंधित कार्यालयों का निरीक्षण करेंगे व कर्मचारियों की उपस्थिति व साफ सफाई व्यवस्था सहित पत्रावलियों की जांच करेंगे लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा प्रमुख सचिव के आदेश का खुला उलंघन करते हुए कार्य किया गया व अपने संबंधित कार्यालयों में बड़ी मात्रा में हो रहे भ्रष्टाचार पर पर्दा डालने के लिए कोई जांच नहीं की गई है l
जिला पंचायत राज अधिकारी कार्यालय में जनहित की शिकायत में पंचायती राज अधिनियमों का हवाला देते हुए
मुख्यमंत्री महोदय सहित संबंधित अधिकारियों के निर्देशों को दरकिनार कर मनमाने तरीके से भ्रष्टाचार की शिकायतों का निस्तारण कर दिया जाता है
भ्रष्टाचार की शत-प्रतिशत शिकायतों को पंचायती राज नियमों का हवाला देकर फर्जी निस्तारण करने के मामले की अगर सही तरीके से जांच हो जाए तो जिला पंचायत राज अधिकारी कार्यालय में हो रही धांधली का बड़ा खुलासा हो सकता है l
जिला पंचायत राज अधिकारी की उदासीनता के चलते ज्यादातर सफाई कर्मचारी ग्राम पंचायतों में तैनाती होने के बावजूद अधिकांश सफाई कर्मी सरकारी कार्यालयों में ड्राइवर,अर्दली,चपरासी व बाबू बनकर अधिकारियों की दलाली करने का काम करते हैं विकास कार्यों से संबंधित शिकायतों पर जब यह जिम्मेदार अधिकारी किसी सचिव प्रधान व कर्मचारियों पर कार्यवाही की बात करते हैं तो उन भ्रष्टाचारियों को बचाने के लिए इन्हीं तैनात सफाई कर्मचारियों से वसूली करवाई जाती है व कार्यवाही को ठंडे बस्ते में डालने का काम किया जाता है l
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Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."