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लखनऊ

अवध महोत्सव ; एक ओर अवधी ज़ायके तो दूसरी ओर मनमोहक क्राफ्ट के साथ संगीत नृत्य का भी जमकर लुत्फ उठाया लोगों ने

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चुन्नीलाल प्रधान की रिपोर्ट

लखनऊ: अवध महोत्सव के दूसरे दिन कलाकारों ने मंच पर अपना जलवा बिखेरा. कार्यक्रम में कबीर गायन, पारंपरिक नौटंकी और कथक के रंगों से लोग झंकृत हो उठे। वहीं, दिन के समय लोगों ने पारंपरिक अवधी व्यंजनों का जायका लिया। साथ ही क्रॉफ्ट प्रदर्शनी को देखने का लुत्फ भी उठाया। उसके बाद लोगों ने लोक संस्कृति से सजी शाम का देर रात तक आनंद लिया।

आजादी के अमृत महोत्सव के तहत पर्यटन-संस्कृति व संगीत नाटक अकादमी ने कार्यक्रम का आयोजन किया था। सांस्कृतिक शाम का उद्घाटन मुख्य अतिथि अपर मुख्य सचिव अनिल कुमार, विशिष्ठ अतिथि आरबीआई के जनरल मैनेजर अविनाश चंद्र, और संगीत नाटक अकादमी के सचिव तरुण राज ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया।

लोक संस्कृति की शाम का आगाज लोक गायिका कविता सिंह के साथी कलाकारों ने किया। उन्होंने देवीगीत मइया के भवन उजियारा, होरी- सिर बांधे मुकुट खेलें होरी कन्हैया, जैसे पांरपरिक गीत सुनाकर पूरा माहौल लोकमय कर दिया। संगत पर चंद्रजीत सिंह चन्नी ने सिंथेसाइजर, तबला पर अ़वनीश राज, ढोलक पर मनीष ने और सहगायन में अभिव्यंजना व शिवांगी ने साथ दिया।

अलग-अलग जगह से आए कलाकारों ने प्रस्तुति देकर लोगों को मोह लिया. लोक नृत्यांगना ज्योति किरण रत्न के संयोजन में अवधी व्यंजन, गायन, अवधी वाद्य यंत्रों की प्रतियोगिता हुई। इसमें विभिन्न शहरों के कई बच्चों व युवाओं ने उत्साह दिखाया। 

कठपुतली कलाकार नौशाद ने पांरपरिक कठपुतली विधा से रूबरू कराया। अयोध्या के कलाकारों ने अवध के पांरपरिक फरवाही नृत्य करके महोत्सव में रंग जमाये।

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Author: samachardarpan24

जिद है दुनिया जीतने की

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