जीशान मेंहदी की रिपोर्ट
भाजपा नेतृत्व ने योगी आदित्यनाथ को दोबारा प्रदेश की सत्ता सौंपी तो इस बार टीम भी उपयोगी ही दी है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की उपस्थिति में योगी ने अपने मंत्रिपरिषद के साथ मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। कई मिथक तोड़कर प्रदेश में लगातार दूसरी बार सरकार बनाने वाली भाजपा ने इस बार सभी को अचंभित करते हुए दिग्गज का तमगा लिए पिछली सरकार के कई बड़े मंत्रियों को किनारे कर दिया।
केशव मौर्य हार के बाद भी डिप्टी सीएम बनाए गए। वहीं बृजेश पाठक ने योगी की पहली सरकार में डिप्टी सीएम रहे दिनेश शर्मा को रिप्लेस किया है। फिर 50 विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली। कुल 52 सदस्यीय मंत्रिमंडल में 16 कैबिनेट, 14 स्वतंत्र प्रभार और 20 राज्य मंत्री हैं।
पूर्व डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा, श्रीकांत शर्मा, सतीश महाना, मोहसिन रजा समेत पिछली सरकार के 20 मंत्रियों को इस सरकार में जगह नहीं मिली है। वहीं, सीएम योगी ने मंत्रियों के साथ देर रात लोकभवन में बैठक कर कामकाज भी शुरू कर दिया है।
योगी की नई कैबिनेट में 38 विधायकों को मंत्री बनाया गया है। मतलब, ये सभी विधानसभा चुनाव जीतकर आए हैं। वहीं, 9 MLC भी मंत्री बनाए गए हैं। जबकि 5 नाम ऐसे हैं, जो न विधायक हैं, न ही MLC हैं। यानी इन्हें अगले 6 महीने में सदन पहुंचना होगा। पिछली योगी सरकार के पहले शपथ में 46 मंत्रियों ने शपथ ली थी। इनमें 24 कैबिनेट मंत्री, 9 स्वतंत्र प्रभार और 13 राज्यमंत्री थे।
वे 5 मंत्री जो न विधायक हैं, न ही MLC
इन नामों ने हर किसी को चौंका दिया। इसमें दानिश आजाद अंसारी, जसवंत सैनी, दयाशंकर मिश्र दयालु, जेपीएस राठौर और नरेंद्र कश्यप का नाम शामिल है। चुनाव हारने के बाद मंत्री बनने वालों में एक मात्र चेहरा केशव प्रसाद मौर्य हैं। जो डिप्टी सीएम बनाए गए हैं।
52 मंत्रियों में सबसे ज्यादा 18 मंत्री OBC चेहरे
मंत्रिमंडल में सबसे ज्यादा 18 मंत्री ओबीसी, 10 ठाकुर, 8 ब्राह्मण, 7 दलित, 3 जाट, 3 बनिया, 2 पंजाबी और एक मुस्लिम चेहरे शामिल हैं।
इन मंत्रियों की छुट्टी हुई
दिनेश शर्मा, श्रीकांत शर्मा, सतीश महाना, नीलकंठ तिवारी, सिद्धार्थ नाथ सिंह, जय प्रताप सिंह पटेल, सतीश महाना, मोहसिन रजा, आशुतोष टंडन।
योगी के इस 53 सदस्यीय मंत्रिपरिषद में पिछड़ों पर विशेष प्रेम लुटाते हुए जिस तरह सभी जाति-वर्गों को साधने का प्रयास दिखा है, वह स्पष्ट रूप से लोकसभा चुनाव 2024 की मजबूत तैयारी है।
राजधानी लखनऊ के अटल बिहारी वाजपेयी इकाना स्टेडियम में शुक्रवार को योगी सरकार 2.0 का ऐतिहासिक शपथ ग्रहण समारोह हुआ। प्रदेश की राजनीति में 37 वर्ष बाद भाजपा ने लगातार दूसरी बार सत्ता में वापसी का रिकार्ड बनाया तो पांच वर्ष का कार्यकाल पूरा करने के बाद दोबारा शपथ लेने का इतिहास योगी ने रच दिया।
प्रदेशभर से जुटे हजारों समर्थकों के बीच पीएम मोदी की उपस्थिति में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने योगी और उनके नए मंत्रिमंडल को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। मुख्यमंत्री, दो उपमुख्यमंत्री सहित 19 कैबिनेट मंत्री, 14 राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और 20 राज्यमंत्री इस मंत्रिमंडल में शामिल किए गए हैं।
शपथ ग्रहण समारोह से पहले तमाम अटकलें चल रही थीं, कई नाम मंत्री और उपमुख्यमंत्री पद के दावेदार बनाए जा रहे थे, लेकिन ज्यों ही समारोह का मंच सजा और उस पर शपथ लेने वाले कुर्सियों पर बैठना शुरू हुए तो लगभग सभी हतप्रभ रह गए।
दरअसल, केशव प्रसाद मौर्य को दोबारा डिप्टी सीएम बनाए जाने की संभावना मजबूती से जताई जा रही थी, लेकिन उनके साथी उपमुख्यमंत्री डा. दिनेश शर्मा को हटाकर वह कुर्सी पिछली सरकार में विधि मंत्री रहे ब्रजेश पाठक को सौंपकर भाजपा ने चौंका दिया। हालांकि, पिछड़ा और ब्राह्मण वर्ग का संतुलन यथावत रहा।
आइएएस और आइपीएस की नौकरी से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेकर आए क्रमश: अरविंद कुमार शर्मा व असीम अरुण और उत्तराखंड की राज्यपाल रहीं बेबी रानी मौर्य को मंत्री बनाया जाना संभावित भी था, लेकिन आठवीं बार विधायक बने निवर्तमान मंत्री सतीश महाना, आशुतोष टंडन, सिद्धार्थनाथ सिंह, श्रीकांत शर्मा की मंत्रिमंडल में वापसी न होना अप्रत्याशित रही।
इससे संदेश भी दिया गया है कि जिस तरह मोदी मंत्रिमंडल से कुछ माह पहले कई दिग्गज मंत्रियों की छुट्टी की गई थी, वही फार्मूला अब भाजपा की किसी भी सरकार में लागू होगा।
सहयोगी दल और दूसरे दल से आने वालों का भी मान : इस टीम को तैयार करने में भाजपा ने सहयोगी दलों का भी मान रखा है। अपना दल (एस) के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष आशीष पटेल और निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा. संजय निषाद को कैबिनेट मंत्री बनाया गया है। वहीं, दूसरे दल से आए राकेश सचान, दिनेश प्रताप सिंह को मंत्री पद दिया है। जितिन प्रसाद का कैबिनेट मंत्री का पद बरकरार है तो पिछली सरकार में विधानसभा उपाध्यक्ष बनाए गए नितिन अग्रवाल अब राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार होंगे।
मंच पर मौजूद रहे दिग्गज : रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, गृहमंत्री अमित शाह, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, स्मृति ईरानी, अनुराग ठाकुर, महेंद्र नाथ पांडेय, अनुप्रिया पटेल, पूर्व राज्यपाल राम नाईक, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, बिहार के मुख्यमंत्री नितीश कुमार, गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र भाई पटेल, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई, असम के मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा सरमा, मणिपुर के एन बीरेन सिंह और कई अन्य राज्यों के प्रमुख नेता।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."