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November 2, 2024 12:45 pm

125 वर्षीय गुमनाम नायक को पद्म पुरस्कार से नवाजा गया ; आइए जानते हैं कौन हैं ये….

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परवेज़ अंसारी की रिपोर्ट

नई दिल्ली। राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने सोमवार को राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक अलंकरण समारोह में जनरल बिपिन रावत (मरणोपरांत) समेत कई दिग्‍गज हस्तियों को पद्म पुरस्कारों से सम्‍मानित किया। इन्‍हीं शख्‍सीयतों में शुमार हैं 125 वर्षीय स्वामी शिवानन्द जी जिन्‍हें राष्‍ट्रपति ने पद्म श्री पुरस्कार से सम्‍मानित किया। स्वामी शिवानन्द जी को योग के क्षेत्र में उनके उत्‍कृष्‍ठ योगदान के लिए यह सम्‍मान दिया गया है। आइए जानें कौन हैं स्वामी शिवानन्द जिन्‍हें यह पुरस्‍कार दिया गया है।

125 वर्षीय योग प्रशिक्षक के समक्ष नतमस्तक हुए पीएम मोदी

125 वर्षीय योग प्रशिक्षक स्वामी शिवानंद समेत कई ‘गुमनाम नायकों’ को पद्म पुरस्कार से नवाजा गया। सामान्य कुर्ता-धोती में जब नंगे पैर स्वामी शिवानन्‍द पुरस्कार लेने के लिए बढ़े तो लोगों ने जमकर तालियां बजाईं। स्वामी शिवानंद समारोह में मौजूद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को अभिवादन करने के लिए घुटनों के बल झुक गए। इस पर पीएम मोदी ने तत्काल स्वामी शिवानन्‍द के सामने झुकते हुए जमीन को स्पर्श किया। स्वामी सिवानंद जी ने अपना पूरा जीवन मानव कल्याण के प्रति समर्पित कर दिया है।

काशी में रहते हैं स्वामी शिवानन्द

125 वर्षीय स्वामी शिवानन्द जी काशी से ताल्‍लुक रखते हैं। इस सम्‍मान को लेकर दुर्गाकुंड स्थित स्वामी शिवानन्द आश्रम में काफी उत्‍साह है। स्वामी शिवानन्द कहते हैं कि इससे योग और भारतीय जीवन पद्धति पर सबका विश्वास और बढ़ेगा। मेरी जीवन शैली और योग से प्रेरणा लेकर लोग अपना जीवन निरोग बनाएंगे। स्वामी शिवानन्द का मानना है कि योग और प्राणायाम को अपनाकर लंबी और निरोगी उम्र पाई जा सकती है। पहले लोग इन्‍हीं जीवन पद्धतियों को अपनाकर 100 साल से भी ज्‍यादा जीते थे।

स्वामी शिवानन्द का जन्म 08 अगस्त 1896 को सिलेट जिले के हरीपुर गांव में हुआ था जो मौजूदा वक्‍त में बांग्‍लादेश में है। स्‍वामी जी कहते हैं कि योग, प्राणायाम और घरेलू औषधियों का सेवन स्वस्थ रहने की कुंजी है। स्‍वामी जी अपनी नियमित दीनचर्या को लेकर बेहद पाबंद हैं। वह प्रति दिन सुबह तीन बजे जगते हैं। स्‍नान और न‍ित्‍य क्रिया करने के बाद वह भगवत भक्ति में लीन हो जाते हैं। उनके पास बीमारियां नहीं फटकती हैं। उनको ना तो ब्लडप्रेशर है और ना ही सुगर।

मालूम हो कि राष्‍ट्रपति भवन समारोह में दो व्यक्तियों को पद्म विभूषण, आठ को पद्म भूषण और 54 को पद्म श्री पुरस्कार किए गए। देश के पहले प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत को मरणोपरांत पद्म विभूषण से नवाजा गया। उनकी दोनों बेटियों ने राष्‍ट्रपति से यह पुरस्‍कार प्राप्‍त किया। गीताप्रेस के अध्यक्ष राधेश्याम खेमका को भी मरणोपरांत पद्म विभूषण से नवाजा गया। उनके पुत्र कृष्ण कुमार खेमका को उनका पुरस्कार प्राप्‍त किया। कांग्रेस के वरिष्‍ठ नेता गुलाम नबी आजाद को पद्म भूषण से सम्‍मानित किया गया।  

samachar
Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."