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November 2, 2024 12:55 pm

वन विभाग में आफ़ लाइन पूरी की गई टेंडर प्रक्रिया, करोड़ों रुपए की हुई धांधली

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संजय सिंह राणा की रिपोर्ट

चित्रकूट- वन प्रभाग चित्रकूट में कार्यवाहक डी एफ ओ आर के दीक्षित (एस डी ओ)की मनमानी सर चढ़ कर बोल रही है जो शासन के निर्देशों का खुला उलंघन करके सरकारी पैसे का जमकर बंदरबाट कर रहा है व ठेकेदारी प्रथा हावी कर अपने चहेते ठेकेदारों की फर्मों के नाम भुगतान कर रहा है l

वन प्रभाग के अन्तर्गत बौना नाली खोदाई, गड्ढे खोदाई, सुरक्षा खाई व बांध निर्माण कार्य के नाम पर जमकर फर्जीवाड़ा करते हुए भुगतान किया गया है व शासन के निर्देशों का खुला उलंघन करते हुए आफ़ लाइन टेंडर प्रक्रिया पूरी की गई व अपने चहेते ठेकेदारों की फर्मों के नाम भुगतान किया गया यह आफ़ लाइन टेंडर कार्यवाहक डी एफ ओ आर के दीक्षित, वन क्षेत्राधिकारी रैपुरा व वन क्षेत्राधिकारी मानिकपुर की मिलीभगत से पूरे किए गए व फर्जीवाड़ा करते हुए भुगतान किए गए l

जिले में आई एस एफ कैलाश प्रकाश की तैनाती प्रभागीय वनाधिकारी के रूप में है जिसमें शासन के आदेशानुसार आई एस एफ कैलाश प्रकाश को उप निदेशक दुधवा राष्ट्रीय उद्यान पलिया लखीमपुर खीरी का अतिरिक्त कार्यभार मिला हुआ है जिनकी अनुपस्थिति में एस डी ओ को कार्यवाहक वनाधिकारी का चार्ज देखना था लेकिन एस डी ओ आर के दीक्षित ने प्रमुख सचिव वन से साठ गांठ करके अनियमित तरीके से प्रशासनिक व वित्तीय चार्ज हासिल कर प्रभागीय वनाधिकारी बन बैठा है व आई एस एफ कैलाश प्रकाश के वन प्रभाग में रहते हुए भी मनमाने तरीके से शासन के निर्देशों की अनदेखी कर आफ़ लाइन टेंडर प्रक्रिया पूरी कर करोड़ों की हेराफेरी की है l

भारतीय वन अधिनियम 1980 के तहत बिना भारत सरकार के अनुमति के आरक्षित व संरक्षित वनों के कार्य किसी संस्था व ठेकेदारों द्वारा नहीं कराए जा सकते हैं लेकिन कार्यवाहक डी एफ ओ आर के दीक्षित ने अपने चहेते ठेकेदारों की फर्मों के नाम टेंडर करवाकर करोड़ों रुपए का भुगतान कोषागार से करा लिया है जिससे सरकारी बजट में करोड़ों रुपए का घोटाला हुआ है

आफ़ लाइन टेंडर प्रक्रिया कार्यवाहक डी एफ ओ आर के दीक्षित, वन क्षेत्राधिकारी रैपुरा व वन क्षेत्राधिकारी मानिकपुर की मौजूदगी में किया गया व इन्हीं की मिलीभगत से करोड़ों रुपए का भुगतान किया गया l

वन प्रभाग में सामाजिक वानिकी, कैंपा, एन ए एफ सी सी व अन्य विभागीय योजनाओं से कराए गए कार्यों का भुगतान ठेकेदारी प्रथा से कर करोड़ों रुपए का बंदरबाट किया गया है l

सोचने वाली बात यह है कि शासन के निर्देशों का खुला उलंघन कर आफ़ लाइन टेंडर प्रक्रिया पूरी कर अपने चहेते ठेकेदारों की फर्मों के नाम भुगतान कर करोड़ों रुपए का बंदरबाट करने वाले कार्यवाहक डी एफ ओ आर के दीक्षित के ऊपर जिला प्रशासन कब शिकंजा कसने का काम करेगा l

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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