उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में 7 मई को रात्रि 9:30 से 9:45 तक ब्लैकआउट मॉक ड्रिल आयोजित की जाएगी। यह अभ्यास संभावित एयर स्ट्राइक की स्थिति में जनजागरूकता बढ़ाने हेतु किया जा रहा है।
जगदम्बा उपाध्याय की रिपोर्ट
उत्तर प्रदेश में संभावित आपात स्थिति से निपटने हेतु सिविल डिफेंस और पुलिस विभाग द्वारा व्यापक स्तर पर मॉक ड्रिल आयोजित की जा रही है। इस क्रम में आजमगढ़ जनपद में भी बुधवार को यह अभ्यास कराया जाएगा, जिसका उद्देश्य आम जनता को एयर स्ट्राइक जैसी परिस्थितियों के प्रति जागरूक बनाना है।
इस अभियान के अंतर्गत स्कूली बच्चों, एनसीसी कैडेट्स, ग्राम प्रधानों, प्रधानाचार्यों और ग्राम सचिवों को विशेष रूप से जानकारी दी जाएगी। इसके साथ ही गांवों से लेकर शहरी क्षेत्रों तक जन-जागरूकता कार्यक्रम चलाए जाएंगे ताकि इमरजेंसी की स्थिति में नागरिक सजग और तैयार रहें।
7 मई को ब्लैकआउट का अभ्यास
इस संबंध में जानकारी देते हुए जनपद आजमगढ़ के पुलिस अधीक्षक हेमराज मीणा ने बताया कि आगामी 7 मई की रात्रि 9:30 बजे से 9:45 बजे तक पूरे जनपद में 15 मिनट का ब्लैकआउट अभ्यास कराया जाएगा। यह एक सामान्य जागरूकता अभ्यास है जिसे पूरे देश में मॉक ड्रिल के रूप में लागू किया जा रहा है।
जिम्मेदारियों का बंटवारा और नागरिक सहभागिता
एसपी मीणा के अनुसार, नगर पालिका के सभासद, स्थानीय व्यापारी, तथा संभ्रांत नागरिकों को इस अभियान में सक्रिय रूप से शामिल किया जा रहा है। सभी की जिम्मेदारियां तय की गई हैं, ताकि वे आम नागरिकों को इस अभ्यास के महत्व को समझा सकें और ब्लैकआउट के समय अपने घरों की लाइट बंद रखने के लिए प्रेरित कर सकें।
विशेष निर्देश
नगर पालिका की स्ट्रीट लाइट और सोलर लाइटें पूरी तरह बंद रहेंगी।
अस्पतालों के इमरजेंसी ऑपरेशन थिएटर को आवश्यक प्रकाश की अनुमति होगी।
वाहनों की बैक लाइट और शादी समारोह स्थलों की लाइटें भी बंद रखी जाएंगी।
अफवाहों से बचने की अपील
एसपी ने आम नागरिकों से अपील की कि वे इस अभ्यास को लेकर किसी भी प्रकार की अफवाह पर ध्यान न दें और सोशल मीडिया पर गलत सूचनाओं को साझा न करें। उन्होंने इसे एक “सिर्फ अभ्यास” बताते हुए कहा कि इसका उद्देश्य जनता को सचेत करना और संभावित संकट की स्थिति में सामूहिक तैयारी को परखना है।
यदि इस दौरान किसी को कोई समस्या या जानकारी साझा करनी हो, तो वह जिले के कंट्रोल रूम से संपर्क कर सकता है।
यह मॉक ड्रिल एक महत्वपूर्ण कदम है जो नागरिक सुरक्षा और सामूहिक जागरूकता को बढ़ावा देगा। संभावित खतरे की स्थिति में ऐसे अभ्यास जीवन रक्षक साबित हो सकते हैं।