रैदोपुर, आजमगढ़ में श्रीमद्भागवत कथा के अंतिम दिन साध्वी भाग्यश्री भारती ने श्रीकृष्ण-रुक्मिणी विवाह प्रसंग से नारी चेतना का संदेश दिया और ‘संतुलन’ प्रकल्प की जानकारी दी।
जगदम्बा उपाध्याय की रिपोर्ट
रैदोपुर, आजमगढ़। रैदोपुर स्थित डीएवी मैदान में दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान द्वारा आयोजित सप्त दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा का समापन भक्तिमय माहौल में हुआ। अंतिम दिन कथावाचिका साध्वी भाग्यश्री भारती ने भगवान श्रीकृष्ण और रुक्मिणी के विवाह प्रसंग की कथा सुनाई और इसे आत्मा और परमात्मा के मिलन का प्रतीक बताया।
उन्होंने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण कभी भी किसी महिला पर हो रहे अन्याय को सहन नहीं करते, इसलिए वे नारी उद्धारक कहलाते हैं। वर्तमान समय में नारी की स्थिति अत्यंत गंभीर है, कहीं दहेज के नाम पर उत्पीड़न हो रहा है तो कहीं महिलाओं को अपमानित किया जा रहा है। ऐसे में समाज को जागरूक करने की आवश्यकता है।
साध्वी जी ने बताया कि गुरु आशुतोष महाराज के निर्देशन में संस्थान द्वारा ‘संतुलन’ नामक एक विशेष प्रकल्प चलाया जा रहा है, जो महिलाओं को ब्रह्मज्ञान देकर आंतरिक रूप से सशक्त बनाता है और हिंसा के खिलाफ आवाज़ उठाता है।
कथा का शुभारंभ वैदिक मंत्रों के साथ हुआ और समापन मंगल आरती के साथ हुआ। इस मौके पर कई गणमान्य व्यक्ति जैसे अखिलेश मिश्रा गुड्डू, राघवेंद्र सिंह, प्रांजल सिंह, सिद्धार्थ सिंह, भाजपा नेता मयंक, ज्योतिषाचार्य सुधीर अग्रवाल और नेत्र चिकित्सक डॉ. आर. के. सिंह उपस्थित रहे।