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20 March 2025 4:31 am

आखिर पकडी गई थानेदारनी…नकल के जरिए अकलमंदी दिखाने वाली मोनिका जाट के हैरतअंगेज कारनामे

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“राजस्थान एसआई भर्ती परीक्षा 2021 में ब्लूटूथ से नकल करने वाली मोनिका जाट गिरफ्तार। 15 लाख में खरीदे थे जवाब, प्रार्थना पत्र ने खोली पोल।”

राजस्थान पुलिस की स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG) ने सब-इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा 2021 में नकल करने वाली मोनिका जाट को मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया। मोनिका, जो अब तक सब-इंस्पेक्टर (प्रोबेशनर) के रूप में प्रशिक्षण ले रही थी, परीक्षा में ब्लूटूथ डिवाइस के जरिए नकल करने के आरोप में पकड़ी गई।

हिंदी में 184 अंक, लेकिन खुद ‘निरीक्षक’ तक नहीं लिख पाई सही

मोनिका ने एसआई भर्ती परीक्षा में हिंदी विषय में 200 में से 184 अंक हासिल कर 34वीं रैंक प्राप्त की थी। हालांकि, झुंझुनूं के पुलिस अधीक्षक को लिखे एक प्रार्थना पत्र ने उसकी पोल खोल दी। मोनिका अपने आवेदन पत्र में “निरीक्षक”, “प्रोबेशनर” और “झुंझुनूं” जैसे शब्द भी सही से नहीं लिख पाई। इससे उसके चयन पर सवाल उठने लगे कि यदि उसे हिंदी का इतना अच्छा ज्ञान था, तो वह इतनी साधारण गलतियां कैसे कर सकती है?

ब्लूटूथ डिवाइस से की नकल, 15 लाख रुपए दिए थे सरगना को

SOG की जांच में खुलासा हुआ कि मोनिका ने परीक्षा में नकल करने के लिए ब्लूटूथ डिवाइस का इस्तेमाल किया था। उसने नकल माफिया पौरव कालेर को 15 लाख रुपए दिए, जिसने परीक्षा के दोनों चरणों में उसे ब्लूटूथ के जरिए उत्तर पढ़कर सुनाए। इसी वजह से हिंदी और सामान्य ज्ञान में उसे अच्छे अंक मिले, जबकि जब इंटरव्यू हुआ, तो वह सिर्फ 15 अंक ही प्राप्त कर पाई, जिससे उसकी वास्तविक योग्यता पर सवाल उठने लगे।

परीक्षा और ट्रेनिंग से फरार होने तक की कहानी

मोनिका का परीक्षा केंद्र अजमेर में था, जहां उसने 15 सितंबर 2021 को लिखित परीक्षा दी। जब SOG ने पौरव कालेर को गिरफ्तार किया, तो मोनिका पुलिस अकादमी, जयपुर से ट्रेनिंग के दौरान फरार हो गई। उसने बहाना बनाया कि वह 5 जून 2024 से 2 जुलाई 2024 तक मेडिकल लीव पर थी, लेकिन जब उससे रोग प्रमाण पत्र मांगा गया, तो वह कोई दस्तावेज नहीं दिखा पाई। इससे उसकी हाजिरी संदिग्ध हो गई और उस पर कार्रवाई शुरू हुई।

वायरल हुआ मोनिका का अशुद्धियों से भरा प्रार्थना पत्र

मोनिका की गिरफ्तारी के बाद उसका 11 नवंबर 2024 को लिखा गया प्रार्थना पत्र वायरल हो गया। इस पत्र में 20 पंक्तियों में 13 अशुद्धियां पाई गईं, जिससे यह स्पष्ट हो गया कि उसकी भाषा पर पकड़ बहुत कमजोर थी। पत्र में उसने यह भी स्वीकार किया कि मीडिया में खबरें छपने के कारण वह डर गई थी और इसलिए अकादमी नहीं गई।

भर्ती प्रक्रिया पर उठे सवाल

यह पूरा मामला दिखाता है कि कैसे कुछ लोग गलत तरीकों से सफलता की सीढ़ी चढ़ने की कोशिश करते हैं। मोनिका जाट की गिरफ्तारी ने न केवल राजस्थान एसआई भर्ती प्रक्रिया को संदेह के घेरे में डाल दिया, बल्कि यह भी उजागर किया कि कैसे नकल माफिया की मदद से अयोग्य उम्मीदवार अधिकारी बन जाते हैं।

मोनिका जाट

मोनिका जाट का मामला उन हजारों योग्य उम्मीदवारों के साथ अन्याय को दर्शाता है, जो कड़ी मेहनत के बावजूद चयन से वंचित रह जाते हैं। SOG की इस कार्रवाई से यह संदेश जाता है कि नकल के जरिए सफलता पाने वालों को कानून से बचने का मौका नहीं मिलेगा।

➡️सुरेंद्र प्रताप सिंह की रिपोर्ट

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