
कस्बे में होली का त्योहार पारंपरिक गीतों, रंगों और उल्लास के साथ धूमधाम से मनाया गया। होरियारों की टोलियों, बच्चों की मस्ती और भव्य फाग कार्यक्रम ने माहौल को और भी रंगीन बना दिया। पढ़ें पूरी खबर!
करतल – फाल्गुनी बयार के साथ उमंग और उत्साह से भरपूर होली का पर्व कस्बे और आसपास के गांवों में पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ हर्षोल्लास से मनाया गया। होरियारों की टोलियां पूरे जोश के साथ सड़कों पर निकलीं, वहीं घरों में महिलाओं ने पारंपरिक होली गीतों की सुरलहरियों से माहौल को संगीतमय बना दिया।
रंगों की बौछार और होली गीतों का अनोखा संगम
जहां एक ओर सड़कों पर सतरंगी रंगों की बौछार हो रही थी, वहीं दूसरी ओर ठंडाई और भांग की मस्ती में झूमते होरियारों ने अपनी गायन कला का प्रदर्शन कर लोगों का भरपूर मनोरंजन किया। बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक सभी ने अबीर, गुलाल और रंगों से इस त्योहार को जीवंत बना दिया।
बच्चों और बुजुर्गों ने बनाया माहौल और भी रंगीन
छोटे-छोटे बच्चे एक-दूसरे का पीछा कर रंग लगाने में मशगूल रहे, जिससे पूरे कस्बे में “होली है!” की गूंज सुनाई देने लगी। वहीं, युवाओं और बुजुर्गों ने मिलकर गुलाल लगाते हुए बड़ों का आशीर्वाद लिया और आपसी प्रेम और सौहार्द का संदेश दिया।
धर्मेंद्र कुमार राजपूत के दरवाजे पर हुआ भव्य फाग कार्यक्रम
परंपरा के अनुसार धर्मेंद्र कुमार राजपूत द्वारा अपने दरवाजे पर आयोजित भव्य फाग कार्यक्रम पूरे कस्बे में चर्चा का विषय बना रहा। इस कार्यक्रम में क्षेत्र के कई गांवों से आए होरियारों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया, जिससे आयोजन और भी भव्य हो गया।
इस तरह, पारंपरिक होली गीतों, रंगों और उल्लास के बीच कस्बे और गांवों में यह रंगोत्सव धूमधाम से मनाया गया। आपसी भाईचारे और प्रेम की इस अनूठी मिसाल ने हर किसी के मन में होली की यादें हमेशा के लिए संजो दीं।
➡️रिपोर्ट: संतोष कुमार सोनी