“बाराबंकी के देवा शरीफ दरगाह पर हिंदू-मुस्लिम एकता की अनूठी मिसाल पेश करते हुए रंगों की होली खेली गई। देशभर से आए जायरीन ने अबीर-गुलाल उड़ाकर भाईचारे और प्रेम का संदेश दिया। पढ़ें इस अनोखी होली की पूरी खबर!”
उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में स्थित विश्वविख्यात हाजी वारिस अली शाह दरगाह में इस वर्ष भी कौमी एकता की मिसाल पेश करते हुए रंगों से सराबोर होली खेली गई। इस खास मौके पर देशभर से आए हजारों जायरीन प्रेम और सौहार्द का संदेश देने के लिए एकजुट हुए।
हर धर्म के लोगों ने मिलकर खेली होली
शुक्रवार सुबह से ही दरगाह परिसर में बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा होने लगे। सफेद पत्थरों से बनी इस ऐतिहासिक दरगाह पर हिंदू, मुस्लिम, सिख और अन्य धर्मों के लोग एक साथ गुलाल-अबीर उड़ाकर भाईचारे का संदेश देते नजर आए। परंपरागत तरीके से डीजे और बैंड-बाजों के साथ जुलूस निकाला गया, जिसमें हजारों की संख्या में लोगों ने भाग लिया।
होली का जुलूस शहर के विभिन्न मोहल्लों से होता हुआ दोपहर तक दरगाह परिसर पहुंचा, जहां फूलों और रंगों की बौछार के साथ इस उत्सव को मनाया गया। इसी दौरान, बाराबंकी शहर के धनोखर चौराहे स्थित हनुमान मंदिर से भी एक बड़ा जुलूस निकला, जिसमें महिला और पुरुष होलियारों ने जमकर रंग-गुलाल उड़ाया।
देशभर से पहुंचे जायरीन
इस ऐतिहासिक होली में देश के कई राज्यों से लोग शामिल हुए।
कर्नाटक से आए महबूब बादशाह ने बताया कि उन्होंने यूट्यूब चैनलों पर यह होली देखी थी, जिसके बाद इसे प्रत्यक्ष रूप से अनुभव करने का निर्णय लिया।
कोलकाता से अपने परिवार के साथ पहुंचीं अमीषा गुप्ता ने कहा कि यह होली गंगा-जमुनी तहजीब की अनूठी मिसाल है, जहां सभी धर्मों के लोग जात-पात से ऊपर उठकर प्रेम और सद्भाव के रंग में रंग जाते हैं।
बिहार के मुजफ्फरपुर से आईं सीमा वारसी ने कहा कि यहां सभी धर्मों के लोग एक साथ बिना किसी भेदभाव के होली का आनंद लेते हैं।
झारखंड के धनबाद से आए नीरज और रविंद्र गुप्ता ने इस पर्व को भाईचारे की अनूठी मिसाल बताया।
सांप्रदायिक एकता को मजबूत करता पर्व
इस दौरान, यूपी के विभिन्न शहरों जैसे कन्नौज, कानपुर, फतेहपुर और जालौन से भी जायरीन पहुंचे। कानपुर से आए मुस्लिम जायरीन ने कहा कि उनके शहर में भी गंगा मेला की होली कई दिनों तक मनाई जाती है, जिसमें सभी धर्मों के लोग शामिल होते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि सियासी बयानबाजी से धार्मिक एकता पर कोई असर नहीं पड़ता, क्योंकि सच्ची एकता दिलों में होती है।

सांसद तनुज पुनिया ने भी खेली होली
देवा मेला कमेटी के अध्यक्ष शहजादे आलम वारसी ने बताया कि यह दरगाह प्रेम और सौहार्द का केंद्र है, जहां हर साल होली में सभी धर्मों के लोग प्रेम और भाईचारे का संदेश देने के लिए एकत्र होते हैं।
इस बार की होली में कांग्रेस सांसद तनुज पुनिया भी शामिल हुए। उन्होंने कहा कि दरगाह की यह होली शांति और सौहार्द का प्रतीक है, जिसे मनाने के लिए वे यहां आए हैं।
बाराबंकी के हाजी वारिस अली शाह दरगाह पर खेली गई यह अनोखी होली धार्मिक सद्भाव, प्रेम और भाईचारे का प्रतीक है। यह पर्व भारत की गंगा-जमुनी संस्कृति को दर्शाता है, जिसमें सभी धर्मों के लोग एक साथ रंगों में सराबोर होते हैं और एकता का संदेश देते हैं।
➡️अब्दुल मोबीन सिद्दीकी की रिपोर्ट
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Author: जगदंबा उपाध्याय, मुख्य व्यवसाय प्रभारी
जिद है दुनिया जीतने की